लॉकडाऊन के बीच वन विभाग में हुए टेंडर प्रक्रिया की हो जांच, वरिष्ठ कांग्रेसी उमाशंकर शुक्ला मुख्यमंत्री से करेंगे लिखित शिकायत

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जगदलपुर। बस्तर के जंगल महकमे के सबसे बड़े दफ्तर सीसीएफ कार्यालय में लॉकडाऊन के बीच हुए टेंडर प्रक्रिया पर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता उमाशंकर शुक्ला ने सवाल उठाया है। शुक्ला ने कहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से टेंडर प्रक्रिया पर शिकायत करेंगे।

वरिष्ठ कांग्रेसी उमाशंकर शुक्ला ने कहा कि विगत दिनों सीसीएफ कार्यालय में वन विभाग द्वारा मशीनरी व निर्माण कार्यों को लेकर टेंडर प्रक्रिया हेतु बाहरी ठेकेदारों को आमंत्रित किया गया था जोकि कोविड़ प्रोटोकॉल का सरासर उल्लंघन था। बाहरी ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने बीड प्रक्रिया अपनाई गई जिसके तहत् स्थानीय ठेकेदार बाहर हो गए जबकि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा है कि स्थानीय लोगों को काम मिले। सीसीएफ कार्यालय टेंडर प्रक्रिया को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहता है इसलिए टेंडर प्रक्रिया पर उठ रहे सवालों के बीच इसकी उच्च स्तरीय जांच किए जाने हेतु अतिशिघ्र मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखा जायेगा।

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ज्ञात हो कि लॉकडाऊन के बीच टेंडर प्रक्रिया पर इसीलिए भी सवाल उठाए जा रहें हैं क्योंकि जिला प्रशासन को भी इसमें अंधेरे में रखा गया। आनन-फानन में ठेकेदारों की निविदा निर्धारण प्रक्रिया पर एक ऐसे अनुविभागीय अधिकारी वन की डियुटी लगाई गई थी जोकि खुद आय से अधिक मामले में घिरे हुए हैं। इस ठेके प्रक्रिया में अपने को पाक-साफ दिखाने के लिए डीएफओ व सीसीएफ नदारद रहे और अपने विवादास्पद एसडीओ को पूरी जिम्मेदारी सौंपी गई थी। सर्वाधिक दिलचस्प बात यह है कि 19 ठेकेदारों में मात्र 4 लोगों को ही पात्र पाया गया वह भी बाहरी ठेकेदार उसको लेकर भी की तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है।

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