क्षेत्र में विधायक व मंत्री के नाम पर दबंगई
आदिवासियों के लिए आरक्षित क्षेत्र में आदिवासी सुरक्षित नही
दल्लीराजहरा – जन मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष जीत गुहा नियोगी द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया गया कि विगत दिनों बालोद जिला के डौंडीलोहारा विधानसभा क्षेत्र के विद्युत मंडल डौंडी में पदस्थ जिम्मेदार शासकीय अधिकारीयो के साथ क्षेत्रीय विधायक और मंत्री का धौंस दिखाकर कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा दुर्व्यवहार कर शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न किया गया व तबादला करने की मांग कर छत्तीसगढ़ के आदिवासियों का अपमान करने जैसे निंदनीय घटना का जनमुक्ति मोर्चा छ.ग. घोर विरोध करता है।
एक तरफ उनके मंत्री व सरकार प्रदेश में सुशासन की बात करते हैं और इनके छोटे कार्यकर्ता व मंत्री समर्थक आए दिन रोड जाम कर सरकार की पोल पट्टी खोलने में आतुर हैं। इस घटना से यह साबित होता है कि सरकार बिजली जैसी मूलभूत आवश्यकता को ग्रामीण इलाकों में सही ढंग से संचालित करने में असफल रही है। जिस तरह से पूर्व में भाजपा शासन के दौरान पुलिसिया दमन के साथ मंत्री व पुलिस के संरक्षण में सलवा जुडूम के बहाने आदिवासियों व मानवाधिकार कार्यकर्ताओं पर दबंगई व गुंडागर्दी किया जाता था ठीक उसी तरह की कार्यशैली क्षेत्रीय विधायक व मंत्री द्वारा वर्तमान समय में अपनाया जा रहा है।
आदिवासियों के लिए आरक्षित विधानसभा क्षेत्र में आदिवासी मंत्री विधायक होने के बावजूद आदिवासी अधिकारी व क्षेत्र की जनता सुरक्षित नहीं है । सरकार अपनी निष्पक्षता बनाए रखने के लिए सड़क जाम करने वालो पर और शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने वालों के ऊपर कठोर कार्यवाही करें जैसे कि बाकी संगठन, पार्टी, आम जनता के ऊपर व्यवहार करने में तत्परता दिखाते हैं।
सत्ता का दुरुपयोग कर दबाव की राजनीति के तहत हुए तबादले की निष्पक्ष जांच की जाए। छत्तीसगढ़ सरकार के स्थानीय मंत्री के घोर लापरवाही के चलते ग्रामीण क्षेत्रों और हाथी विचरण क्षेत्र में एक सप्ताह से बिजली की सुचारू व्यवस्था नहीं रही। इसका ठीकरा अधिकारी और कर्मचारियों को जलील कर उन पर फोड़ा गया। इस बात को क्षेत्र की आम जनता को समझना है।
क्षेत्रीय मंत्री के कार्य में आने पर विपक्ष के बजाय उनके कार्यकर्ता सड़क जाम कर उंगली उठा रहे हैं। इससे स्पष्ट है कि क्षेत्र का विकास सही ढंग से नहीं हो पा रहा है या फिर क्षेत्र में मंत्री की आड़ में उनके पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा दबंगई किया जा रहा है जिसकी संगठन द्वारा घोर निंदा की जाती है। मंत्री के आड़ में सड़क जाम करना व आदिवासी अधिकारी के साथ दुर्व्यवहार करना व मंत्री के राज में ग्रामीणों को बिजली जैसी मूलभूत सुविधा नहीं मिल पाना तथा शासकीय कार्य में बाधा व सड़क जाम करने वालों के ऊपर कठोर कार्यवाही करने की मांग करते हैं और क्षेत्र में सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने में पक्षपात पूर्ण रवैया अपनाया गया तो पुलिस प्रशासन के खिलाफ उग्र आंदोलन किया जाएगा।