जगदलपुर । बस्तर जैसे संवेदनशील क्षेत्र में जहां अब भी कोरोना का प्रभाव घटा नहीं है। राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन के अथक प्रयास के बाद कोरोना के बढ़ते प्रभाव को केवल काबू में किया जा सका है। स्वास्थ्य महकमा राज्य सरकार के निर्देश पर दिनप्रतिदिन नये तकनीक के अनुसार लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा में लगा है वहीं बस्तर जिला अस्पताल के प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ डी राजन की अपने साथी स्वास्थ्य कर्मियों के प्रति असंवैधानिक रवैया अपनाने के कारण चर्चा में हैं।
जिला पंचायत सदस्य धरमूराम मंडावी ने अपने जारी बयान में संभाग आयुक्त से डॉ डी राजन द्वारा किए गए भ्रष्टाचार एवं अन्य गतिविधियों की जांच की मांग की है। उन्होंने बताया कि वर्तमान प्रभारी सीएमएचओ डॉ. डी राजन जब बीएमओ तोकापाल जिला बस्तर में पदस्थ थे तब इनके द्वारा वर्ष 2016 माह फरवरी में पूरे सीएचसी के स्टाफ का वेतन आहरण कर लंबित रखा था जिससे आयकर की राशि शासकीय खाते में जमा नहीं की जा सकी थी जोकि सीधे सीधे शासकीय कोष को नुकसान पहुंचाने के कृत्य की श्रेणी में आता है। इसके अलावा इन्होंने वर्ष 2015 में दो जगह से यात्रा भत्ता का अवैधानिक रूप से आहरण कर शासन को करीब लाखों रूपये का आर्थिक चपत लगाई थी। जब इसकी शिकायत हुई तो इन्होंने उक्त राशि को शासन के खाते में जमा किया। यही नहीं डॉ. राजन बीएमओ के पद पर नानगूर में पदस्थ रहते हुए अलर्टनेट्यू वैक्सिन डिलीवरी की। राशि जो कर्मचारियों को वितरण की जाती है उसका आहरण कर अपने पास रख ली थी कर्मचारियों द्वार उक्त राशि को बार-बार मांगे जाने पर उन्होंने कर्मचारियों को धमकी देते हुए कहा कि ज्यादा बात करोगे तो तुम्हारे ऊपर कार्यवाही करूंगा लेकिन जब यह मामला अखबारों के माध्यम से सामने आया तब इन्होंने रातो रात कर्मचारियों की राशि उनके घर जा जाकर दे दिया। उनके सब इन्हीं कृत्यों के कारण तत्कालीन सीएमएचओ ने उन्हें उनके पद से हटा दिया। इनके बारे में तो यहां तक कहा जा रहा है कि ये अपने कर्मचारियों को शासकीय अवकाश देने अथवा बीएमओ को 15 दिवस से अधिक अवकाश का अधिकार नहीं होने के बावजूद उन्होंने राशि लेकर कई-कई दिनों का अवकाश अपने चहेतों को स्वीकृत किए जो इनके आदतन भ्रष्टाचारी होने के दर्शाता है। डॉ. राजन नानगूर, तोकापाल आदि जगहों पर भी रहते हुए शासन को झूठी जानकारी देकर प्रतिवर्ष लाखों रूपए की राशि यात्री भत्ता के रूप में प्राप्त की जिसकी जांच अगर क्रमबद्ध तरीके से की जाये तो सारा मामला सामने आ सकता है।
जिला पंचायत सदस्य मंडावी ने कमिश्रर बस्तर संभाग से निवेदन किया है कि डॉ. डी राजन जिनकी वर्तमान पदस्थापना टहकापाल में है वहं इनको वापस भेजा जाए। क्योंकि अनेक प्रकार गंभीर विवादों में फंसे ऐसे डॉ. को बस्तर जिला का प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बनाना न्याय संगत उचित नहीं होता है। अत: इन्हें तत्काल यहां से हटाकर किसी वरिष्ठ चिकित्सक को पूर्ण रूपेण मुख्यचिकित्सा अधिकारी का प्रभार दिलाया जाए ताकि बस्तर जिले में उनके अनुभवों का लाभ यहां के आम नागरिकों को मिल सके।