डोंगरगढ़ – अभी कुछ दिन पहले ही जशपुर जिले के पंचायत विभाग में 70 लाख से अधिक के कंप्यूटर की खरीदारी बिना टेंडर या कंपनियों से कोटेशन लिए बिना खरीदी कर ली गई। मामले का खुलासा भाजपा सांसद और जिला पंचायत अध्यक्ष ने किया है। अब फिर से एक ऐसा ही मामला डोंगरगढ़ का आया है |
मिली जानकारी के अनुसार मामला यह है कि कोरोना संकट काल के दौरान अपनी जेबें गरम् करने के लिए नगर पालिका के अधिकारी व इंजीनियर इतने बेताब हैं कि किसी भी काम का प्रस्ताव टेंडर व वर्क ऑर्डर निकलने का भी इंतजार इनसे नहीं हो पा रहा है और कमीशन खाने के चक्कर में बिना किसी प्रस्ताव के ही निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया गया है ।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार 50 हजार से ऊपर की राशि वाले निर्माण कार्यों का प्रस्ताव बनाकर पीआईसी व परिषद में रखना होता है, जब दोनों सदन में यह पारित होता है तब जाकर इसकी टेंडर निविदा निकाली जाती है जिसके बाद वर्कआर्डर जारी कर ठेकेदार को कार्य प्रारंभ करने की अनुमति दी जाती है लेकिन यहाँ पर ऐसा कुछ भी नही हुआ। ठेकेदार, इंजीनियर और सीएमओ की मिलीभगत से सभी नियमों को दरकिनार करते हुए बिना प्रस्ताव के ही नाली निर्माण व मरम्मत कार्य प्रारंभ कर दिया गया। जब से कोरोना काल लगा है तब से पीआईसी व परिषद की एक भी बैठक नही हुई है तो फिर इस नाली व मरम्मत कार्य का प्रस्ताव कब हुआ यह समझ से परे है ।
वर्तमान नगर पालिका चुनाव में कांग्रेस के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के साथ पालिका मे कांग्रेस पार्टी का कब्जा हुआ और नये अध्यक्ष के साथ कुछ नये ठेकेदारों का भी पालिका प्रवेश हुआ जो रोजाना जनप्रतिनिधि के दफ्तर में पाये जाते हैं, चूंकि वो अध्यक्ष के चहेते है इसलिए पालिका से जुड़े अधिकतर निर्माण कार्य उनके हाथों ही संपन्न कराये जा रहे हैं।