कभी भाजपा के लिए सुरक्षित सीट कहीं जाने वाली गुंडरदेही विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी को विगत 2 विधानसभा चुनावों से भारी भरकम हार का सामना करना पड़ रहा है। हर बार हार का वोट प्रतिशत बढ़ते जा रहा है। विगत विधानसभा चुनाव में पूरे प्रदेश सहित बालोद जिला व गुंडरदेही विधानसभा में भारी-भरकम हार के बाद भी आम जनता का लगाव भाजपा से कम नहीं हुआ है। विधानसभा चुनाव उपरांत गुंडरदेही विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत हुए नगरी निकाय ,ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत व जिला पंचायत के चुनाव में भाजपा अपनी खोई जमीन की तरफ वापस लौटती नजर आई। वहीं विगत लोकसभा चुनाव में 12,000 से अधिक मतों की लीड भाजपा को मिली जिसके चलते कांकेर लोकसभा भाजपा जीत पायी।
गुंडरदेही विधानसभा अंतर्गत तीनों मंडलों में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्त्ताओं की फौज है, जनता का अच्छा खासा समर्थन है फिर भी विधानसभा चुनाव में यह समर्थन वोट के रूप में तब्दील क्यों नहीं हो पाता ??जनमानस में भारतीय जनता पार्टी की छवि अच्छी तो है परंतु भाजपा के कुछ शोषक प्रवृत्ति के चेहरों के चुनाव में सामने आ जाने से प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा है। भाजपा के ऐसे चेहरे हैं जो कार्यकर्त्ताओं का विश्वास तो खो चुके हैं साथ ही जनता के अंदर इनकी छवि मात्र शोषक की बनकर रह गई है ।वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस विगत दो चुनावों में नए चेहरों के साथ भारी भरकम घोषणा पत्र के साथ मैदान में उतरी जिसके चलते उन्हें सफलता तो मिली पर विधायक अपनी छवि गढ़ नहीं पाए ।वहीं क्षेत्र की जनता का मत है कि भारतीय जनता पार्टी को स्वच्छ छवि के नए प्रत्याशी के साथ मैदान में उतरना चाहिए और सालों से पार्टी का शोषण कर रहे चेहरों को चुनाव से दूर रखना चाहिए ,निश्चित ही भाजपा गुंडरदेही में जीत का परचम लहराएगी व गुंडरदेही विधानसभा का जो पहचान भाजपा का सुरक्षित सीट था ,वह पहचान बना रहेगा।