रेत माफिया नदियों के सीना चिरने में जुटे तो अफसर दफ्तरों में दुबके

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खनिज विभाग के संरक्षण में सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा में रेत का अवैध उत्खनन

प्रभारी के भरोसे खनिज विभाग

जगदलपुर – खनिज विभाग से मिले संरक्षण में रेत माफिया नदियों का सीना चिरने मे लगे है तो वहीं विभाग के अफसर ऐसे माफियों पर कार्रवाई करने के बजाये दफ्तरों में दुबके है। सुकमा जिले के कोंटा क्षेत्र में शबरी नदी तो बीजापुर जिले के इंद्रावती एवं मिंगाचलम तो दंतेवाड़ा में भी कई स्थानों पर रेत का अवैध उत्खनन कर जगह-जगह भंडार कर सीमावर्ती राज्य आंध्रप्रदेश तेलंगना एवं महाराष्ट्र रेत की सप्लाई की जा रही है। शासन को मिलने वाली रायल्टी राशि खनिज विभाग के अधिकारी के जेब में पहुंच रहा है। एक अधिकारी को तीन जिले का प्रभार। ज्ञातव्य हो कि दक्षिण बस्तर के बीजापुर सुकमा एवं दंतेवाड़ा जिले में रेत का अवैध उत्खनन कर जगह-जगह डम्प कर सीमावर्ती राज्यों में भेजा जा रहा है।

रेत का अवैध भंडारणः

सुकमा जिले के कोन्टा क्षेत्र में शबरी नदी से रेत का अवैध उत्खननन कर जगहजगह डम्प किया गया है। कोंटा विकासखंड के चिकलगुड़ा में रेत उत्खनन की अनुमति दी गई है इसके एवज में फंदीगुड़ा,ढोढरा, कोंटा के पुरानी बस्ती में कई स्थानों में रेत का अवैध भंडारण कर अवैध रूप में आंध्रप्रदेश एवं तेलंगना भेजा जा रहा है। खनिज विभाग के अधिकारी को भी इसकी जानकारी होने के बाद भी कार्रवाई करने को लेकर पंगु बना हुआ है। रेत माफिया यह कहा करते है कि हमें किसी का डर नहीं क्योंकि खनिज विभाग को भी इसका प्रसाद दिया जाता है। पूर्व में रेत डम्प मामले में कार्रवाई को लेकर महज खानापूर्ति मात्र किया गया था।

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बीजापुर में रेत माफिया सक्रियः

बीजापुर जिले में भी इंद्रावती नदी से तिमेड़ पुल के समीप तो मिंगाचलम नदी में नैमेड़ के समीप रेत का अवैध उत्खनन कर तिमेड़ एवं नैमेड़ के आसपास भारी मात्रा में रेत डम्प कर रखा गया है जिसे सीमावर्ती राज्य महाराष्ट्र एवं आंध्रप्रदेश भेजा जाता है। दंतेवाड़ा जिले में भी बालूद, समलुर, गमडा, छिंदनार में अवैध उत्खनन कर जगह-जगह रेत का भंडार किया गया है। खनिज विभाग को इसकी जानकारी होने के बाद भी अनदेखी की जाती है।

भंडारण के लिए अनुमति अनिवार्यः

जानकारी के अनुसार शासन के द्वारा रेत उत्खनन कर भंडारण के लिए खनिज विभाग से अनुमति लेना अनिवार्य होता है। इसके लिए कई प्रक्रिया से गुजाना पड़ता है। रेत खदान निगम क्षेत्र में है तो निगम से पंचायत क्षेत्र में है तो संबंधित पंचायत से एनओसी लेना अनिवार्य होता है किसी निजी व्यक्ति के जमीन पर डम्प किया जा रहा है तो उक्त व्यक्ति की अनुमति अनिवार्य होती है। इन सारी प्रक्रिया का पालन करने के बाद खनिज विभाग से रेत भंडारण की अनुमति देने का प्रावधान है लेकिन अधिकांश जगहों पर प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है। खनिज विभाग के संरक्षण में ही अवैध उत्खनन एवं भंडारण का कार्य दक्षिण बस्तर में जारी है।

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रायल्टी राशि की बंदरबाटः

शासन को जितनी रायल्टी मिलनी चाहिए वह खनिज विभाग के उदासिनता के कारण नहीं मिल पा रही है। शासन को मिलने वाली रायल्टी का कुछ हिस्सा विभाग के अधिकारी के जेब तक पहुंच रहा है जिसका भरपूर फायदा रेत माफिया उठा रहे है।

एक अधिकारी को तीन जिले का प्रभारः

दक्षिण बस्तर के सुकमा, बीजापुर और दंतेवाड़ा जिले में एक ही अधिकारी को तीनों जिलों का प्रभार सौंप दिया गया है जिसके कारण रेत माफियाओं की बल्ले-बल्ले है। अधिकारी आये दिन मीटिंग में व्यस्ततता का हवाला देकर अवैध उत्खनन पर नकेल कसने में असमर्थता जाहिर की है।

अवैध उत्खनन की जानकारी नहीं

खनिज अधिकारी दंतेवाड़ा योगेश सिंह से जब रेत एवं मुरूम के अवैध उत्खनन की जानकारी चाही गई तो साहब गोल-मोल जवाब देते हुए जानकारी उपलब्ध नहीं होने का हवाला दिया और कहा कि अवैध उत्खनन को देखु की मीटिंग में उपस्थित होऊ क्योंकि बीजापुर एवं सुकमा जिले का भी प्रभारी हूं।

अवैध उत्खनन मामले में कलेक्टर को देना होगा जवाब:

कमिश्नर बस्तर कनिशर जीआर चुरेन्द्र ने बताया कि सभी जिलों के कलेक्टर को निर्देशित कर रेत के अवैध उत्खनन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश जारी किये जाएंगे। जिस जिले में भी रेत एवं मुरूम का अवैध उत्खनन पाये जाने पर खनिज विभाग के अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई के साथ-साथ संबंधित जिले के कलेक्टर से जवाब मांगा जायेगा।