पत्रकारों, सामाजिक, राजनीतिक लोगों की सरकारी जासूसी का विरोध स्वाभिमान पार्टी ने किया

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इजरायल की एक कम्पनी एनएसओ ने एक स्पायवेयर बनाया है। यह छोटी सी फाइल है जो फोन में इंस्टॉल हो जाती है। इसी से फोन की जासूसी की जाती है। एनएसओ की खास बात है कि यह सिर्फ सरकारी एजेंसियों के साथ काम करता है। पेगासस से पत्रकारों के फोन हैक किए गए, यानी उनकी जासूसी हो रही थी। देश के उन्चास पत्रकार, सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जज, विपक्षी नेताओं समेत कई लोगों के फोन हैक हुए। यह पड़ताल स्वयं मीडिया संगठनों द्वारा संयुक्त रूप से की गई है। सिद्धार्थ वरदराजन,एम के वेणु, प्रेमशंकर झा, रोहिणी सिंह, शिशिर गुप्ता, स्वाति चतुर्वेदी, प्रशांत झा, विजेता सिंह, राहुल सिंह, ऋतिका चोपड़ा,जसपाल सिंह हेरन,संजय श्याम, संदीप उन्नीथन जैसे पत्रकारों के फोन की जानकारी से सब स्पष्ट हो चुका है। एनएसओ पेगासस वाली सर्विस देने के लिए अच्छा खासा पैसा लेती है। क्योंकि एन एस ओ सिर्फ सरकारी एजेंसियों के साथ ही काम करती है, ऐसे में इसका पैसा भी सरकारी एजेंसियों के मार्फ़त ही दिया जाएगा। इसका अर्थ यह हुआ कि सरकार ने बकायदा पैसे देकर की जासूसी करवाई अपने ही देश में अपने ही लोगों की। मतलब कि यह लोगों के टैक्स का पैसा है। क्योंकि इन्हें वैचारिक रूप से या अपने धन की ताकत से दबा नहीं पा रहे हैं इसलिए अब जासूसी का, षड्यंत्रों का सहारा है। यह एक नजीर भी बन गई है।

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स्वाभिमान पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री सतीश कुमार त्रिपाठी सहित प्रदेश अध्यक्ष पूरण छाबरिया, प्रदेश मंत्री दादू लाल टंडन, पूर्व विधायक नरेंद्र कुमार शर्मा, धनसही मधुकर आदि ने अपना विरोध प्रदर्शित करते हुए इस घटना की निंदा की है।

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