जगदलपुर। नगर पालिक निगम क्षेत्र के संतोषी वार्ड में सराफा व्यवसाई सिसोदिया के साथ घटित गोलीकांड ने पुलिसिया महकमे की पोल खोल दी,इसके साथ ही तामझाम से लगाये गये सीसीटीवी कैमरे के संचालन पर भी सवालिया निशान लगा है। पुलिस महकमा इतना सुस्त हो गया है कि उन्हें खुफिया इनपुट भी नहीं मिल रहा है। बस्तर जिला मुख्यालय माओवादियों के मामलों में संवेदनशील है। संतोषी वार्ड से ही माओवादी संगठन को पकड़ने की जानकारी सामने आई थी।इसी के साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि नकबजनी की घटनाएं संतोषी वार्ड में ज्यादा होती है। विगत दिनों अजय अधिकारी के उपर जानलेवा हमले की घटना हुई थी। यह इलाका व्यापारियों के रहवास के लिए सबसे सुरक्षित ठिकाना माना जाता है किन्तु अब इतनी बड़ी घटना से व्यापारियों में भय का वातावरण हैं। दूसरी तरफ पुलिस की कार्यप्रणाली खुफिया इनपुट पर चलती है किंतु अब सटीक सूचनाएं पुलिस को प्राप्त नहीं हो रहा है। खुफिया विभाग में बड़े स्तर पर बदलाव की दरकार है क्योंकि यह लोग अब दूसरे की सूचना पर आश्रित हैं। पुलिस महकमे का आंख–कान गुप्तचर एजेंसियां होता है किंतु वह अब सीसीटीवी कैमरों की तरह सफ़ेद हाथी साबित हो रहा है।