कुटरचित दस्तावेज के आधार पर दूसरे के जमींन को अपना बता कब्जाने की कोशिश, राजस्व के मामले में बिना जांच के थाना प्रभारी का अनावश्यक हस्तक्षेप संदेह के दायरे में

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जगदलपुर । पंचायत बस्तर भरवापदर के कल्याण नाग पिता सिताबी नाग जाति गड़वा ने कमीश्रर, कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक बस्तर को एक आवेदन प्रस्तुत कर अपने कब्जे की कृषि भूमि संपदा को उसी ग्राम के शोभा सिंह सेठिया पिता शिवराम सेठिया से मुक्त कराने की मांग की है।

कल्याण नाग ने बताया कि भरवापदर ग्राम बस्तर में खसरा नंबर 733/1 रकबा 02.10 एकड़ जमींन राजस्व अभिलेख के अनुसार मेरे कब्जे में अंकित है जिसपर हमारे पूर्वजों के समय से हमारा निर्विवाद कब्जा है इसकी जानकारी पंचायत के सभी ग्रामवासियों को है लेकिन शोभा सिंह सेठिया द्वारा जबरदस्ती मेरी उक्त जमींन पर कब्जा करने के उद्देश्य से हमारे विरूद्ध थाना बस्तर में झूठा प्रकरण ईस्तगासा क्रमांक 10/65/2021 दिनांक 14/06/2021 को कायम करवा कर हमें 151,107,16 (3) कायम करवा कर हमें जेल भेजने का प्रयास किया जा रहा है। जबकि मैं और मेरा परिवार ऐसे किसी मामले से ताल्लुक नहीं रखते हैं जिससे कि हमारे ऊपर इस प्रकार की प्रतिबंधात्मक कार्यवाही किया जा सके। कल्याण नाग ने अपने जमींन को शोभा राम सेठिया द्वारा कूटरचना कर 733/1 रकबा के किसी दूसरे नजदीकी हिस्से को अपना बताकर इस दस्तावेज को थाना बस्तर में प्रस्तुत किया गया एवं उन्हें यह अवगत कराया गया कि इस जमींन पर हमारा कब्जा है जिसे कल्याण नाग कब्जा किए बैठे हैं। इस मामले पर आनन-फानन में कार्यवाही करते हुए बस्तर थाना के प्रभारी द्वारा कल्याण नाग पिता सीताबी को तत्काल थाने बुलाकर उसे उक्त कब्जे को छोडऩे कहा गया। अन्यथा मुझे एवं मेरे परिवार को जेल भेजने की धमकी भी दी गई। लेकिन मुझपर प्रतिबंधात्मक धारा के तहत कार्यवाही कर मुझे मानसिक रूप से हलांकान करने की कोशिश अवश्य की गई।

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दरअसल इस जमींन एवं उसपर जबरन कब्जा कर बस्तर थाना के प्रभारी से कल्याण नाग को प्रतिबंधित धारा में फंसाकर जेल भेजने का कुत्सित प्रयास करने वाला शोभा सिंह सेठिया के कुछ परिवार वाले पुलिस विभाग में कार्यरत हैं। इनके द्वारा ही कूटरचना कर पुलिस का धौंस देकर कल्याण नाग के जमींन के समानांतर ही किसी दूसरी जमींन का फर्जी दस्तावेज पंचायत के पटवारी एवं उनके सहयोगी के माध्यम से बनवा लिया गया एवं उक्त फर्जी दस्तावेज को ही असली जमींन का दस्तावेज बताकर एवं उसे थाने में प्रस्तुत कर एक सोची समझी चाल के अनुसार बस्तर थाना के माध्यम से कल्याण नाग को उसके जमींन से बेदखल करने का प्रयास किया गया। लेकिन इस मामले की पुष्टि इस बात से होती है कि बस्तर थाना प्रभारी द्वारा जिस दिन शोभा सिंह सेठिया द्वारा उक्त कथित दस्तावेज को प्रस्तुत कर उस जमींन को अपना बताने का दावा किया गया था तब बस्तर थाना प्रभारी ने उस दस्तावेज की आधी-अधूरी जानकारी के आधार पर ही आनन-फानन में कल्याण नाग के ऊपर प्रतिबंधात्मक कार्यवाही कर उसे अनुविभागीय दंडाधिकारी बस्तर के समक्ष प्रस्तुत भी कर दिया गया।

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फर्जी दस्तावेज के आधार पर दूसरे के जमींन पर अपना कब्जा बताने जैसे संगीन मामले की पूरी छानबीन किए ही बस्तर थाना प्रभारी महोदया ने एकतरफा कार्यवाही कर कल्याण नाग को जेल भिजवाने की कोशिश की एवं शोभा सिंह सेठिया को उक्त जमींन का दावेदार बताकर पूरे पंचायत में एक विवाद सा खड़ा कर दिया है। वर्तमान में कल्याण नाग के पक्ष में पंचायत बस्तर के सैकड़ों लोगों ने एक हस्ताक्षर युक्त बयान जारी कर उक्त जमींन का असली वारिस कल्याण नाग को ही बताया है। सभी ग्रामीणों का कहना है कि शोभा सिंह सेठिया अपने कुछ पुलिस वाले रिश्तेदारों के बल पर ग्राम के लोगों से हमेशा धमकी देकर उनसे उनकी जमींन पर कब्जा करने का कुत्सित प्रयास करता है। आवेदक कल्याण नाग भरवापदर बस्तर द्वारा कमीश्रर बस्तर एवं जिलाधीश को दिए आवेदन के आधार पर कमीश्रर बस्तर ने अनुविभागीय अधिकारी बस्तर को तत्काल इस शिकायत में उल्लेखित तथ्यों की जांच करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि 15 दिनों के भीतर इस मामले की संपूर्ण जांच कर इस कार्यालय को अवगत कराया जाए।

वहीं इन सारे मामलों पर जब थाना प्रभारी महोदया बस्तर से जानकारी प्राप्त करनी चाही गई तो उनका कहना था कि मैने शोभा सिंह सेठिया द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज के आधार पर कार्यवाही करने के आदेश दिए थे, चूंकि इस मामले की विवेचना हमारे ही थाने के मुंशी डहरिया कर रहे हैं। अत: मैने उसके विवेचना के आधार पर उपरोक्त कार्यवाही की।

इस सारे मामले पर जब भरवापदर ग्राम बस्तर के कुछ लोगों से बातचीत कर राय ली गई तो उनका स्पष्ट कहना था कि उक्त जमींन कल्याण नाग की ही है। एवं उनके पूर्वज ही उस जमींन पर कृषि कार्य करते हुए आ रहे हैं। शोभा सिंह सेठिया द्वारा उक्त भूमि पर अपना कब्जा जमाना एवं बस्तर थाना प्रभारी महोदया द्वारा कल्याण नाग के ऊपर प्रतिबंधात्मक कार्यवाही करना हम लोगों के समझ से परे है जो एकतरफा प्रतीत होता है।