सर्व आदिवासी समाज जिला नारायणपुर ने की आर्थिक नाकाबंदी

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डॉ एस वली आज़ाद – नारायणपुर

पिछले कई दिनों से अपनी मांगों को लेकर सर्व आदिवासी समाज लगातार ज्ञापन सौंपने और अपनी समस्या और मांगो को प्रशासन को अवगत कराने के बावजूद मांग पूरी न होने से नाराज सर्व आदिवासी समाज के लोगों ने अब उग्र कदम उठाने का निर्णय लिया है। सर्व आदिवासी समाज प्रदेश नेतृत्व आह्वान पर 14 सूत्री मांगों को लेकर सोमवार को नारायणपुर नेशनल हाइवे जयस्तंभ चौक पर आदिवासी समाज ने एक दिवसीय आर्थिक नाकेबंदी की। जिसमें 9 सूत्री प्रदेश स्तरीय मांग एवं जिला स्तरीय 5 मांग शामिल है।
इस दौरान किसी भी अप्रिय घटना को नियंत्रित करने को मौजूद रहा पुलिस बल आदिवासियों के प्रदर्शन के दौरान कोई अप्रिय घटना न हो, इस कारण बड़ी संख्या में मौके पर पुलिस बल मौजूद रहा जबकि समाज ने आंदोलन के दौरान आवश्यक सेवाएं को जाम से मुक्त रखा। बता दें कि पिछले कई दिनों से आंदोलन करने और ज्ञापन सौंपने के बावजूद मांगें पूरी नहीं होने से नाराज सर्व आदिवासी समाज ने यह उग्र कदम उठाया है। 14 सूत्री मांगों को लेकर सर्व आदिवासी समाज के लोगों ने अनिश्चितकालीन आर्थिक नाकेबंदी कर दी है।

सर्व आदिवासी जिला अध्यक्ष सोनुराम राम कोर्राम, सचिव प्रताप मंडावी सहित अन्य समाज के पदाधिकारियों ने उदबोधन में कहा कि शासन प्रशासन द्वारा हमे सिर्फ आश्वासन का झुनझुना थमाकर ठगने का काम कर रहे हैं। अब ये बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कई मांगों को लेकर हमने प्रदर्शन किया, जिसमें शासन-प्रशासन के नुमाइंदों द्वारा आश्वस्त किया गया कि जल्द मांग पूरी की जाएगी। परंतु आज तक हमारी मांग पूरी नहीं हुई। जिसके खिलाफ सर्व आदिवासी समाज के लोगों ने अब शासन-प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए आर्थिक नाका बंदी का निर्णय लिया, यह आर्थिक नाका बंदी अनिश्चितकालीन रहेगी। जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं हो जाती तब तक हमारे समाज के लोग डंटे रहेंगे। साथ ही प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि इस बार आर पार की लड़ाई है, आश्वासन का झुनझुना लेकर हमको ठगने का प्रयास न करें। जब तक हमारी मांग पूरी नहीं हो जाती या संतोषजनक परिणाम नहीं मिल जाता हम सब मौके पर डंटे रहेंगे,और आने वाले दिनों में उग्र प्रदर्शन करने मजबूर सर्व आदिवासी समाज होगा जिसकी संपूर्ण जवाबदारी शासन प्रशासन की होगी। इस अवसर पर मंगडू राम नुरेटी,नारायण मरकाम,रामजी ध्रुव,जागेश्वर उसेंडी,ईश्वर कश्यप,संतनाथ उसेण्डी, प्रभुलाल दुग्गा,जैकी कश्यप,सुकमन कचलाम,रायसिंह कुमेटी, निलेश नेताम, फागूराम नुरेटी, राजू वड़द्दा,डूंगाराम गोटा,रैनु राम नुरेटी,कारू नुरेटी,संतोष पोटाई,अनिता कोरेटी,संतु नुरेटी सहित अन्य समाज के पदाधिकारी और सर्व आदिवासी समाज के गणमान्य मौजूद थे।

आदिवासी समाज की मुख्य मांगें

(1) सुकमा के सिलगेर में हुए नरसंहार गोलीकांड का न्यायिक जांच और मृतकों के परिजन को 50 लाख और घायलों को 5 लाख तथा परिवार के एक सदस्य को योग्यतानुसार शासकीय नौकरी

(2) अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति के पदों में आरक्षण में माननीय उच्च न्यायालय के स्थगन समाप्त नहीं हो जाते तक उक्तवर्ग के रिक्त पदों पर भर्ती ना कि जाकर सुरक्षित रखी जावे, नियम 2003 एवं आरक्षण नियम 1994 की धारा 6 नियम 1998 के नियमों का उल्लंघन कर नियम विरुद्ध पदोन्नति पाने वालों देने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की जाना तत्काल सुनिश्चित की जावे।

(3) शासकीय नौकरी में बैकलॉग और नई भर्तियों पर आरक्षण रोस्टर लागू किया जाना।

(4) संभाग एवं जिलास्तर पर भर्ती और प्रदेश में खनिज उत्खनन के लिए जमीन अधिग्रहण की जगह लीज पर लेकर जमीन मालिक को शेयर होल्डर बनाना,गांव की सामुदायिक गौन खनिज का उत्खन्न एवं निकासी का पूरा अधिकार ग्राम सभा को दिया जाना।

(5) पांचवीं अनुसूची क्षेत्र में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के पदों पर भर्ती में मूलनिवासियों को शत-प्रतिशत आरक्षण।

(6) फर्जी जाति प्रमाण पत्र प्रकरण के दोषियों पर शीघ्र कार्यवाही हो एवं मात्रात्मक त्रुटि में सुधार की जावे जाति प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया एवं सरल की जावे।

(7) छात्रवृत्ति योजना में आदिवासी विद्यार्थियों के लिए आय की 2.50 लाख की पात्रता सीमा तत्काल समाप्त की जाए।

(8) आदिवासी समाज की लड़कियों से अन्य गैर आदिवासी व्यक्ति से शादी संबंध बनाने पर प्राप्त आदिवासी समाज के सभी आरक्षण प्रावधान समाप्त की जावे।

(9) आदिवासियों पर उत्पीड़न जैसे जमीन का हस्तांतरण महिला एवं बच्चों पर अत्याचार हत्या जाति का तापमान पर तत्काल कार्यवाही की जावे एवं नगरी एवं नगर पालिका क्षेत्र में आदिवासियों की भूमि को कूट रचित साजिश के तहत भू माफियाओं के द्वारा राजस्व दस्तावेजों में राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत से किए गए हेरा फेरी की जांच कर उपरोक्त भूमि को आदिवासियों को वापस दी जावे,तथा साथ ही की गई खरीद बिक्री की समस्त व्यवहारों को शून्य घोषित कर अतिक्रमण मुक्त कर वापस मूलतः वापस की जावे।

(10) नारायणपुर जिला अंतर्गत जिले के स्थानीय व सुदूर अबूझमाड़ के अशिक्षित ग्रामीण अपने न्याय के लिए 50 किलोमीटर कोंडागांव जिले में स्थित सत्र न्यायालय में जाना पड़ता है,इससे जिले के न्यायिक निवेदक गण एवं अभिभावकों को समय धन व अनजान स्थान होने के चलते लोगों को भारी समस्या और पीड़ा से जुड़ना पड़ता है जिला सत्र न्यायालय का तत्काल प्राथमिकी ज्वलंत मांग नारायणपुर में जिला सत्र न्यायालय का तत्काल शासन स्तर से स्वीकृति देकर प्रारंभ किए जाने का सर्व आदिवासी समाज जिला नारायणपुर का प्रमुख मांग है।

(11) नारायणपुर जिले में विगत तीन-चार वर्षों से जिले व प्रदेश बाहरी घुसपैठियों बांग्लादेशी रोगियों का आगमन होने के सार्वजनिक बाजार के गलियारों में जोरों से जन चर्चा का विषय बना हुआ है ऐसे में जिला प्रशासन सूक्ष्म रूप से डोर टू डोर सर्वे कर सूचीबद्ध करके इन्हें तत्काल जिले से बाहर निकालने की अतः शीघ्र कार्यवाही की जावे।

(12) सर्व आदिवासी समाज जिला नारायणपुर के सामाजिक कार्यक्रम बैठक हेतु नया बस स्टैंड देवांगन समाज व ड्राइवर संघ भवन के बाजू में स्थित शासकीय जमीन में से 50 डिसमिल जमीन सर्व आदिवासी समाज जिला नारायणपुर को जल जंगल जमीन के अधिकार के तहत यह जमीन तत्काल प्रदाय की जावे इस हेतु आवेदन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व जिला नारायणपुर को प्रस्तुत की जा चुकी है।

(13) ग्राम कडड़ागांव फरसगांव की आदिवासी बालिका कुमारी श्यामबत्ती वड्डे उम्र 20 वर्ष पिता श्री सुंदर वड्डे जाति गोंड की गत दिनों निर्मतापूर्वक हत्या कर दी गई, परिवारजनों को पांच लाख आर्थिक सहायता प्रदान की जावे।

(14) जिले के अतिथि शिक्षकों को जिले में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने हेतु पूर्व में भर्ती मापदंड के अनुसार वापस सेवा में ली जावे।