बस संचालकों की मांग पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यात्री किराए में 25% वृद्धि पर अपनी सहमति दे दी है। सीधे तौर पर रोज सैकड़ों लोग प्रभावित होंगे | दल्ली से दुर्ग तक का किराया 85 रुपये लिया जा रहा था अब 25 प्रतिशत किराये में वृद्धि के पश्चात् अब 105 रुपये देने होंगे |
कोरोना महामारी में रोजगार की कमी एवं मंहगाई से जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है वहीँ पेट्रोल एवं डीजल के दामों में वृद्धि से वाहन भाड़ा के साथ साथ बस के किराये में भी वृद्धि हुई है दूसरी ओर बड़े दामों के कारण निजी वाहन एवं दुपहिया वाहन से आम नागरिक चौतरफा आर्थिक बोझ की मार झेल रहा है |
कोरोना काल के बाद से क्षेत्र की एकमात्र ट्रेन केवटी – रायपुर को 22 फ़रवरी से चालू किया गया है किन्तु फेरे में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है जबकि ट्रेन के फेरों की कमी के कारण बसों में ठसाठस भीड़ त्यौहार के मौसम की वजह से बिना कोरोना नियंत्रण किये चल रही है जबकि शासन द्वारा 60 प्रतिशत सवारियों के साथ बसों का अपने तय रूटों पर चलने की अनुमति प्रदान की गई थी किन्तु बढती सवारी एवं ट्रेन के फेरों में कमी के कारण बस मालिकों द्वारा कोरोना काल में हुए हानि से उबरने के लिए नियमों को ताक में रख सवारी ढो रहे है वहीँ दूसरी ओर निरंतर डीजल के दामों में वृद्धि से बस मालिकों की योजना पर पानी फेर दिया | रेल्वे प्रशासन द्वारा जल्द ही ट्रेन का फेरा नहीं बढाया गया तो आम नागरिकों के जेब पर डाका डलता रहेगा |
प्रदेश सरकार की ओर से बस किराये में वृद्धि की अधिसूचना जारी होते ही लोगों में सरकार रोष बढ़ गया है। सबसे अधिक परेशानी प्रतिदिन सफर करने वाले लोगों को हो रही है। लोगों का तंज है कि सरकार अपने खर्चों पर तो कटौती कर नहीं रही लेकिन आम जनता पर किराया बढ़ोतरी का बोझ डाल दिया गया। किराया बढ़ोतरी का सीधा असर मध्यम वर्गीय परिवारों पर पड़ेगा। डीजल व पेट्रोल के दाम अधिक होने पर निजी ऑपरेटरों के दबाव में किराया तो बढ़ा दिया लेकिन क्या इनकी कीमतें कम होने पर किराये में कमी होगी।
आम नागरिकों के हितों को ध्यान में रखते हुए ट्रेन के फेरा को बढ़ाकर पूर्व निर्धारित समय पर आम नागरिकों को थोड़ी सी राहत प्रदान करना चाहिए |