हार्डकोर नक्सली हिड़मा के घर तक पहुंच गए पुलिस के चार बड़े अफसर

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  •  हिड़मा की मां से एसपी ने कहा – हम ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए ही यहां आए हैं
  • गांवों में मूलभूत सुविधाएं पहुंचे, यही सरकार की मंशा

अर्जुन झा

जगदलपुर बस्तर संभाग में सक्रिय जिस हार्डकोर नक्सली हिड़मा के आसपास परिंदा भी पर नहीं मार सकता, उस हिड़मा के घर तक पुलिस के चार बड़े अफसर पहुंच गए।वहां हिड़मा तो नहीं मिला, अलबत्ता उसकी मां जरूर मौजूद थी। पुलिस अफसरों ने हिड़मा की मां से कुछ देर तक चर्चा की और उन्हें पुलिस तथा शासन की मंशा से अवगत कराया।

हार्डकोर नक्सली हिड़मा नक्सली संगठन में बड़ा दर्जा रखता है। संभाग में नक्सलियों के बीच उसकी तूती बोलती है और जबरदस्त पकड़ है। जिस तरह राज नेताओं को जेड प्लस, वाई कैटेगिरी और अन्य श्रेणी की सुरक्षा मिली रहती है, वैसे ही नक्सली संगठनों में भी बड़े नक्सलियों को सुरक्षा दी जाती है। बड़े नक्सलियों की सुरक्षा में पुलिस जवान नहीं, बल्कि निचले दर्जे के हथियारबंद नक्सली तैनात रहते हैं। ऐसी ही सुरक्षा हिड़मा को भी मिली हुई है। उसकी सुरक्षा में कई हथियारबंद नक्सली चौबीसों घंटे तैनात रहते हैं। लिहाजा उसके आसपास परिंदा भी पर नहीं मार सकता। उसी हिड़मा की मांद में घुसने का जिगरा सुकमा के एसपी किरण चौहान, एडिशनल एसपी निखिल राखेचा (आईपीएस) व गौरव मंडल तथा डीएसपी निशांत पाठक ने दिखाया है। ये चारों अफसर हिड़मा के घर तक पहुंच गए। हिड़मा का घर बस्तर संभाग के सुकमा जिले में पूवर्ती गांव में है। बताते हैं कि हिड़मा पूवर्ती गांव का मूल निवासी है। गांव में उसका खपरैलों वाला कच्चा मकान है। मकान क्या, दरअसल वह झोपड़ी ही है। इस छोटी सी झोपड़ी में जब पुलिस अफसर पहुंचे, तो वहां हिड़मा मौजूद नहीं था। अलबत्ता हिड़मा की मां से पुलिस अफसरों की भेंट जरूर हो गई। एसपी किरण चव्हाण ने हिड़मा की मां और सभी ग्रामवासियों से कहा कि हम ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए ही यहां आए हैं। शासन की मंशा हैं कि सारी मूलभूत सुविधाएं ग्रामीणों तक पहुंचे इसके लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। शासन ने आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के पुनर्वास के लिए शासन ने अच्छी योजना चला रखी है। सूत्रों ने बताया कि हिड़मा के गांव में पुलिस अफसर काफी डदेर तक रुके रहे। उन्होंने ग्रामीणों से सौहार्द पूर्ण वातावरण में बड़ी आत्मीयता के साथ चर्चा की। पुलिस अधिकारियों के व्यवहार से ग्रामीण बेहद प्रभावित नजर आए।

पूवर्ती गांव में नक्सलियों ने

पूवर्ती में नक्सलियों ने की है खेती

पीएलजीए बटालियन ने खेती भी कर रखी है। वहां काफी विस्तृत जमीन पर इस नक्सली बटालियन ने नारियल, केला, बैगन, मक्का आदि की फसल लगा रखी है। नक्सली फसल की देखरेख और सिंचाई के लिए वहां पहुंचते रहते हैं।

साथ ही नक्सलियों ने पूवर्ती में एक रेस्ट रूम भी बना रखा है। गांव में स्थित तालाब के किनारे यह रेस्ट रूम मौजूद था, जहां बाकायदा आरामदायक चेयर लगी हुई थीं और दीगर सुविधाएं भी थीं। लेकिन अब यह इलाका सुरक्षाबलों के कब्जे में आ गया है और सफलता पूर्वक यहां सुरक्षा बलों कैंप स्थापित हो चुका है।