भ्रष्टाचार जांच मामले में सफाई देने पहुंचे कमेटी सदस्य सवालों के जवाब में उलझे

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सच्चाई सामने लाने कोर्ट जाउंगा:पांडे बैठक उपस्थिति पंजी में हस्ताक्षर किया राव

जगदलपुर – दलपत सागर की सफाई के लिए खरीदे गये हार्वेस्टर मशीन खरीदी में हुए भ्रष्टाचार मामले को लेकर निगम सरकार को घेरने को लेकर नेता प्रतिपक्ष संजय पांडे अपने पार्षद साथियों के साथ तो नगर मंडल अध्यक्ष सुरेश गुप्ता अपने दल के साथ निगम का घेराव कर विरोध प्रदर्शन कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते रहे है। जांच कमेटी में शामिल भाजपा के दो पार्षद ने निगम सरकार के भ्रष्टाचार मामले में क्लीनचीट देकर अपनी ही पार्टी के अनुशासन को तारतार करने में कोई कसर नहीं छोड़ा जिसकी शिकायत प्रदेश संगठन तक पहुंच चुकी है।

विवादों में घिरे दोनो भाजपा पार्षदों ने पत्रकारवार्ता आयोजित कर अपनी सफाई देने का प्रयास तो किया लेकिन वह सवालो के जवाब देने में घिरते नजर आये और अधिकांश प्रश्नों का गोलमोल जवाब देकर अपने उपर लगे दाग को मिटाने का असफल प्रयास किया। भाजपा के जिलाध्यक्ष भी इस विवाद से दुरिरयां बनाएं रखी तो वहीं निगम नेताप्रतिपक्ष एवं

नगरमंडल से भी कोई नहीं पहुंचा।

दलपत सागर के सफाई के लिए खरीदी गई सफाई मशीन के भ्रष्टाचार मामले में क्लीनचीट दिए जाने का मामला उजागर होने के बाद आज भाजपा कार्यों में पार्षद योगेन्द्र पांडे एवं नरसिंह राव ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि भ्रष्टाचार मामले में मेरे द्वारा क्लीनचीट नहीं दी गई है। उन्होंने जांच के तीन बिन्दुओं पर ही सहमति दी है शेष बिन्दुओं पर सहमति नहीं।

पांडे ने कहा कि भाजपा के पार्षददल ने मशीन खरीदी में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कलेक्टर से जांच की मांग की थी जिसमें भाजपा की ओर से हम दोनों पार्षद को कमेटी में रखा गया था। उन्होंने बताया कि कमेटी के बैठक के पूर्व ईओडब्ल्यू एवं राज्यपाल से भ्रष्टाचार की शिकायत की जा चुकी

सच्चाई सामने लाने कोर्ट भी जाउंगा पार्षद योगेन्द्र पांडे ने कहा कि निगम में भ्रष्टाचार हुआ है तो इसकी सच्चाई सामने लाने कोर्ट भी जाना पड़ेगा तो जाऊगा। उन्होंने कहा कि पुनः जांच कराने 23 सितंबर को कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया है।

उन्होंने कहा कि डील करने की अफवाह उड़ाई जा रही है अगर कोई भी सबूत के साथ आरोप को सिद्ध करें तो मैं पार्टी छोड़ दूंगा।

उपस्थिति पंजीयन में सहमतिः

जांच कमेटी के सदस्य भाजपा पार्षद नरसिंह राव ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि जांच रिपोर्ट में हस्ताक्षर नहीं किया गया है। जांच के समय आयोजित बैठक की उपस्थिति पंजी में हस्ताक्षर किया गया है। उन्होंने कहा कि तीन बिंदुओं में सहमति दी गई है जिसमें जीएसटी,बीएस 3 एवं मशीन की कीमत को लेकर सहमति देने की बात कही। शेष जांच रिपोर्ट पर सहमति नहीं दी गई है।

आपत्ति दर्ज कराने में विलंब क्यों जांच रिपोर्ट के सभी पन्नों में सहमति देते हुए हस्ताक्षर किया गया प्रश्न और फायनल जांच रिपोर्ट 2 अगस्त को तैयार किया जा चुका था तो कलेक्टर को आपत्ति दर्ज कराने में विलंब क्यों. इस पर गोलमोल जवाब देते रहे और पत्रकारों के प्रश्नों का जवाब नहीं दे सके।

पार्टी ने बनाई दुरियाः जांच मामले में पार्टी की अनुशासन को तारतार करने वाले कमेटी के सदस्यों से अपनी ही पार्टी के नेता दुरियां बना ली है। 19 पार्षदों में से मात्र दो पार्षद ही इनके समर्थन में उपस्थित दिखे। जिलाध्यक्ष, नगर मंडल अध्यक्ष, नेताप्रतिपक्ष तक नदारत रहे। पत्रकारवार्ता में योगेन्द्र पांडे, नरसिंह राव के साथ भाजयुमो अध्यक्ष अविनाश श्रीवास्तव, आलोक अवस्थी, दिगम्बर राव एवं वेदप्रकाश पांडे उपस्थित रहे |