भारतीय जनता पार्टी अनु. जनजाति मोर्चा बालोद जिलाध्यक्ष व सांसद प्रतिनिधि विक्रम ध्रुवे ने कहा है कि तमाम प्रयोगों के बावज़ूद प्रदेश में अपराधों का लगातार बढ़ना इस बात का प्रमाण है कि प्रदेश सरकार के तमाम फ़रमान और प्रयोग पूरी तरह तुग़लक़ी साबित हो रहे हैं और प्रदेश सरकार आपराधिक तत्वों को छत्तीसगढ़ में ज़ंगलराज चलाने की खुली छूट देकर चुनावी नौटंकियों और सियासी लफ़्फ़ाजियों में मशगूल है।
ध्रुवे ने कहा कि जो सरकार अपने क़ानून के रखवाले पुलिस जवानों की हिफ़ाजत तक नहीं कर पा रही है, वह प्रदेश के क़ानून-पसंद और शांतिप्रिय नागरिकों की सुरक्षा क्या ख़ाक करेगी?
ध्रुवे ने कहा कि प्रदेशभर में आपराधिक तत्वों को सत्तावादी राजनीतिक संरक्षण में अपना आतंकराज चलाने की दे दी गई छूट का ही यह दुषपरिणाम है कि अब आम आदमी के साथ-साथ क़ानून के रखवालों की जान भी साँसत में पड़ी हुई है।
कोरबा में शराबियों ने पुलिस टीम पर हमला और गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के गौरेला थाने में पदस्थ एसआई पर तलवार से किए गए हमले की वारदातों का ज़िक्र करके ध्रुवे ने कहा कि प्रदेश में क़ानून-व्यवस्था के बिगड़े हालात का इससे अधिक शर्मनाक मामला और क्या हो सकता है?
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पुलिस अफ़सरों के सामने ही दहाड़ मार रहे हैं और गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू स्मार्ट पुलिसिंग के जुमले का शोर मचा रहे हैं, लेकिन ज़मीनी तौर पर क़ानून-व्यवस्था को अंगूठा दिखाकर अपराधी प्रदेश सरकार के सामने रोज चुनौती पेश कर रहे हैं और अपनी वारदातों को खुलेआम अंजाम देकर ‘नए डीजीपी का स्वागत’ कर रहे हैं।
हत्या, बलात्कार, लूट, डकैती, अपहरण, मानव तस्करी, चाकूबाजी लजैसे अपराध तो अब प्रदेश में अब इस तरह से अंजाम दिए जा रहे हैं, मानो प्रदेश सरकार ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ के बजाय ‘गढ़बो नवा अपराधगढ़’ के लिए प्रतिबद्ध हो चली है।
ध्रुवे ने कहा कि प्रदेश में पुलिस पर हमलों की यह कोई पहली वारदात नहीं है। राजधानी समेत प्रदेश के कई स्थानों पर पुलिस के लोगों को अपनी जान बचाकर भागने के लिए विवश होना पड़ा है। यह स्थिति प्रदेश सरकार के लिए कलंकपूर्ण है।