पदोन्नति से वंचित सब इंस्पेक्टर का कब होगा पदोन्नति-?

0
174

रायपुर । प्रदेश के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के द्वारा सब इंस्पेक्टरों का पदोन्नति करने के दिये जाने वाले भरोसे पर भरोसा करने वालों का सब्र अब टूटते जा रहा है और अब झल्लाकर अपने भाग्य को कोसते पदोन्नति में होने वाले लेट लतीफी के चलते भविष्य में होने वाले अपूर्णिय नुकसान का हिसाब किताब सामने रखने लगे जाते हैं। पिछले 35महिने से भी अधिक समय से पदोन्नति की बाट जोह रहे सब इंस्पेक्टर अनुशासन के लक्ष्मंण रेखा में बंधे होने के चलते न अपनी व्यथा कथा जाहिर कर पा रहे हैं और न ही कोर्ट में जाकर अपने सांथ हो रहे अन्याय को बताकर इंसाफ की गुहार लगा पा रहे हैं। जिस मजबूरी का नाजायज लाभ उठाते गृहमंत्री और उनका गृहमंत्रालय भी सब इंस्पेक्टरों के अटके पदोन्नति के मसले की तरफ से आंख कान मूंदकर मौन साध लिया हुआ है। उल्लेखनीय है कि 98 सब इंस्पेक्टर की भर्ती एक सांथ हुई थी जिसमें से 52 सब इंस्पेक्टर का अगस्त 2018 में पदोन्नति हो गया बचे 46 सब इंस्पेक्टर आज तक अपने पदोन्नति का इंतजार कर रहे हैं। एक सांथ एक दिन भर्ती होकर पूरी निष्ठा से कर्तव्य निर्वाह करने और कोई आरोप या विभागीय जांच न होने के बाद भी 46 सब इंस्पेक्टरों को पदोन्नति पाने के अधिकार से वंचित रख देना किसी को भी समझ नहीं आ रहा है। गाहे बगाहे गृहमंत्री से जब इस बारे में पत्रकारों द्वारा पूछा जाता है तो उनका रटा रटाया एक ही जवाब रहता है कि पदोन्नति किया जायेगा -?पर यह नहीं बताया जाता है कि-शेष लोगों का पदोन्नति क्यों नहीं किया गया -?और पदोन्नति किया जायेगा तो कब किया जायेगा-? गृहमंत्री महोदय अगर यह बता देते तो पदोन्नति का बेसब्री से इंतजार करते घूट घूट कर समय गुजार रहे सब इंस्पेक्टर और उनके परिवार जन निश्चिंत हो जाते की फंला दिन तारीख तक पदोन्नति हो जायेगा। प्रदेश में इंस्पेक्टर के पद से बड़ी संख्या में डी एस पी के पद पर पदोन्नति होने के बाद इंस्पेक्टर का पद रिक्त हो चुका है जिससे अब पद रिक्त न होने जैसा कोई कारंण या बहाना भी बचा नहीं रह गया है।

This image has an empty alt attribute; its file name is tadap.jpg

पदोन्नति अटकने का दूरगामी दुष्प्रभाव पड़ने की चिंता –

एक सांथ एक दिन ज्वाईनिंग देने वाले 98 सब इंस्पेक्टर में से पदोन्नति पाकर इंस्पेक्टर बन जाने वाले सब इंस्पेक्टर और पदोन्नति से वंचित रह गये 46सब इंस्पेक्टर के भाग्य और भविष्य में बहुत अंतराल आने की बात कही जाने लगी है। आज की स्थिति में पदोन्नति पा चुके लोग इंस्पेक्टर के पद पर 3 वर्ष वरिष्ठ हो चुके हैं और पदोन्नति के सांथ बढ़े हुए वेतनमान का भी लाभ अर्जित करने लगे हैं। पदोन्नति से वंचित रह गये 46सब इंस्पेक्टर को पद न मिलने के सांथ वो मान सम्मान से वंचित रह गये जिसकी पात्रता वो भी रखते हैं। जानकारों का यह मानना है कि जो पदोन्नति से वंचित रह गये हैं वो अब भविष्य में भी होने वाले पदोन्नति में भी अपने सांथ भर्ती होने वालों सें पिछड़ते ही रह जायेंगे और वेतनमान भत्ता में भी पिछड़ते हुऐ सेवानिवृत्त होने के बाद पेंशन में भी पिछड कर रह जायेंगे। पदोन्नति में पिछड़ने का अभिशाप उन्हे और उसके परिवार को सदैव सदैव भोगना पड़ेगा जिसकी पूर्ति अब कभी नहीं हो पायेगा और पदोन्नति में जितना ज्यादा विलंब होगा क्षति उतना अधिक दुष्प्रभावी होता जायेगा। अब तो लोग भी यह कहने लगे हैं की समाज को इंसाफ दिलाने वाले पुलिस विभाग के सब इंस्पेक्टर खुद बेइंसाफी के शिकार होकर भी इंसाफ की आवाज भी नहीं उठा पा रहे हैं।