शांति का टापू कहा जाने वाला छत्तीसगढ़ आज भाजपा की चालों का दंश झेल रहा है, इससे बचना होगा….हरीश कवासी

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(पीयूष मिश्रा)

रायपुर। बस्तर के युवा नेतृत्व के प्रतिनिधि हरीश कवासी का कहना है कि 21 वर्ष का युवा छत्तीसगढ़ अपने खुशनुमा माहौल और शांतिपूर्ण वातावरण को आज आज भाजपा के वैचारिक प्रदूषण की वजह से दूषित मानने को मजबूर है। शांति का टापू कहा जाने वाला छत्तीसगढ़ आज भाजपा की चालों का दंश झेल रहा है, इससे बचना होगा वरना भाजपा की सामाजिक सद्भाव विरोधी मानसिकता बस्तर का विकास बाधित कर देगी।

वनों से आच्छादित आदिवासियों का गढ़ कहे जाने वाले बस्तर संभाग के दूरस्थ क्षेत्र सुकमा कोंटा के प्रतिनिधि हरीश लखमा बस्तर में युवा आइकॉन के नाम से जाने जाते हैं। जिन्होंने नगरनार स्टील प्लांट के निजीकरण का व्यापक स्तर पर विरोध किया था। अपने पिता छत्तीसगढ़ शासन के मंत्री कवासी लखमा के जन्मदिन के अवसर पर रायपुर प्रवास पर पहुंचे। उन्होंने खास बातचीत में कहा कि छत्तीसगढ़ का माहौल बहुत शांतिपूर्ण है। मेरा जन्म हुआ है यहां, मैं आदिवासी वर्ग से आता हूं ,लेकिन भारतीय जनता पार्टी यहां अराजकता कायम करना चाहती है। 15 वर्षों तक राज करने वाली भारतीय जनता पार्टी के पास आज कोई एजेंडा नहीं है। जिसके कारण नगरीय निकाय चुनाव में भी उसे पराजय का सामना करना पड़ा। आज वह धर्मांतरण का नाम लेकर भोली भाली आदिवासी जनता को भड़काने का काम कर रही है लेकिन वह यह नहीं जानती कि भारतीय जनता पार्टी के चाल चरित्र से बस्तर की जनता अवगत हो चुकी है और वह किसी भी प्रकार के बहकावे में नहीं आने वाली। भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए हरीश लखमा ने कहा कि 2003 में जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी थी तब सुकमा में मात्र तीन चर्च थे 15 वर्षों के शासनकाल में उसकी संख्या बढ़कर 40 हो गई। मैं फिर से कह रहा हूं कि भाजपा के पास कोई मुद्दा नहीं है। दोहरी राजनीति करते हैं और शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने का काम करके फिर से सत्ता प्राप्त करना चाहते हैं लेकिन आज बस्तर की जनता इनको बहुत अच्छे से पहचान चुकी है और इनके नापाक मंसूबे अब कभी पूरे नहीं हो सकते क्योंकि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बस्तर और आदिवासियों के लिए एक से बढ़कर एक कार्य किए हैं जिससे आज बस्तर विकास की राह पर दौड़ रहा है।

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