नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कथित डायरी पर उठाया सवाल
नेता प्रतिपक्ष कौशिक का आरोप, भष्ट्राचार के गंगा में किसने – किसने लगाई डूबकी
रायपुर। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने प्रदेश के शिक्षा मंत्री पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर कहा कि 5 विधायकों ने जो आरोप शिक्षा मंत्री पर लगाये थे वह सत्य साबित हो रहा है। शिक्षा विभाग में ट्रांसफर, पोस्टिंग, गुणवत्ताहीन फर्नीचर व बर्तन की सप्लाई को लेकर लगातार शिकायतें आ रही थीं और इसमें भारी भ्रष्टाचार की गुंज दूर-दूर तक सुनाई दे रही थी। 336 व 69 पेज की कथित डायरी ने यह सिद्ध कर दिया है कि कांग्रेस की सरकार छोटे-मोट भ्रष्टाचारों पर विश्वास नहीं रखती है। 366 करोड़ का लेने-देन तो सिर्फ एक अधिकारी के डायरी में है ऐसी कई डायरियां अभी सामने आने वाली है तथा शीघ्र ही इसे सबके माध्यम से सामने लाया जावेगा। उन्होंने कहा कि अभूतपूर्व भ्रष्टाचार का यह अद्वित्तीय नमूना है, जिसमें प्रदेश के भोले-भाले शिक्षकों से भारी राशि अवैध रूप से ली गई, और डायरी में बडे
सिलसिलेवार तरीके से एक-एक व्यक्ति जिससे राशि ली गई व जिसे दी गई है इसका विवरण बताता है कि कांग्रेस सरकार कितनी भ्रष्ट है। उन्होंने कहा कि आखिरकार कौन सी भाभी जी को एवं कौन से बड़े साहब को राशि दी गई है, इसकी भी जांच होनी चाहिये। भाभी जी को 25 करोड़ रूपये कई किश्तों में पहुंचाया गया है और बड़े साहब को भी कई करोड़ रूपये पहुंचाये गये हैं व इसके अतिरिक्त सप्लायरों से भी जमकर वसूली की गई है, इसकी भी जांच होनी चाहिए। हमने विधानसभा में सूखा राशन वितरण व सड़ी सोयाबड़ी के संबंध में 400 करोड़ के घोटाला का मामला प्रमुखता से उठाया था, जिस पर स्वयं मंत्री जी ने कहा था कि इस मामले को दिखवा रहा हूं। उन्होंने कहा कि इस कथित डायरी से सिद्ध हो गया है कि सूखा राशन मामले में भारी भ्रष्टाचार किया गया है तथा नेकऑफ, एनसीसीएफ, केन्द्रीय भण्डार व एक ही स्वसहायता समूह से भण्डार क्रय नियम के विपरित 50 करोड़ रूपए का क्रय किया गया वो भी बिना निविदा बुलाये मगर उच्च सरंक्षण के कारण अभी तक किसी पर भी कोई कार्यवाही नही की गई है।
नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि अरबों रूपये के इस कथित लेन-देन में लिप्त अधिकारियों को तत्काल निलंबित किया जाना चाहिए। रायपुर राजधानी में पदस्थ एक अधिकारी जो ट्रांसफर पोस्टिंग के साथ ही सामग्री आपूर्ति के सप्लायरों से राशि वसूली कर बंगलों में देने का कार्य करता है, उसकी जांच की होनी चाहिए। साथ ही नान घोटाले की डायरी पर बार-बार बात उठाने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जो तीन साल से इस मामले में कुछ भी नहीं कर पाये बल्कि घोटाले में कथित रूप से दोषी दो आईएएस अधिकारियों को महत्वपूर्ण स्थान में पदस्थ कर दिये है और जो कथित तौर पर पूरी सरकार का संचालन कर रहे हैं। उम्मीद है कि इस वायरल डायरी को संज्ञान में लेंगे और भष्ट्राचार को उजागर करेंगे।उन्होंने कहा कि एक ही प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी के समय पर ही यह डायरियां क्यों बाहर आती है? जब हमारी सरकार थी तब इन पर तत्काल कार्यवाही की गई थी। परंतु भ्रष्टाचार प्रिय कांग्रेस सरकार में यह अधिकारी महत्वपूर्ण पदों पर पदस्थ हैं। इस पूरे प्रकरण पर एसआईटी गठन कर उच्च स्तरीय जांच की जाये और मुख्यमंत्री को तत्काल शिक्षा मंत्री को उनके पद से बर्खास्त करना चाहिये।