संजय गांधी वार्ड निवासियों के लिए आवास बना गले की हड्डी क्या बचा पाएगी भाजपा, कब तक कांग्रेसी बनायेगी दूरी

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जगदलपुर। संजय गांधी वार्ड के निवासियों के लिए आवास अब गले की हड्डी बनते जा रही है क्योंकि सर्वप्रथम पार्षद द्वारा आवास दिलाने के नाम पर की गई कथित ठगी के बाद रेलवे प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे प्रशासनिक डंडे की ज़ोर जी का जंजाल बना हुआ है तो भाजपा व कांग्रेसी भी राजनीतिक स्टंटबाजी के सिवाय कुछ नहीं कर रही है। कुल मिलाकर नुकसान अब वार्डवासियों का होना तय है फिर भी एक उम्मीद प्रशासन की ओर से दिखाई दे रहा है किंतु आवास आवंटन होगा या नहीं वह भविष्य की गर्त में है।

विगत एक माह से संजय गांधी वार्ड सुर्खियों में हैं, इसकी धमक रायपुर से लेकर दिल्ली तक पहुंच गया है। खेमें में बंटी भाजपाई भले ही आंदोलन किए किंतु केंद्र में बैठी नरेंद्र मोदी सरकार के रेलवे प्रशासन द्वारा वार्डवासियों पर चाबुक चलाने को आमदा है और तो और भाजपाईयों की बातों को रेल मंत्री अश्विनी कुमार वैष्णव ने भी हल्के में लिया है जिसके कारण वाल्टेयर रेल मंडल के डीआरएम सतपति द्वारा वार्डवासियों को प्रताड़ित करने से भी नहीं चूक रहे हैं जिसके कारण कभी भी बड़ा कदम प्रशासन उठा सकती है। भाजपा का भी रेलवे प्रबंधन के खिलाफ स्टंट स्पष्ट रूप से सामने नहीं आ रहा है। दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी शुरू से ही सोशल मीडिया में ब्यानबाजी के अलावा कुछ नहीं कर रही है किंतु वह भी कब तक रहस्यमई चुप्पी साधेगी क्योंकि रेल्वे के लोग वोट बैंक है यदि कोई बड़ा कदम नहीं उठाती है तो राजनीतिक दृष्टि से नुकसान संभव है।

जिला प्रशासन क्या उठाती है ठोस कदम

कथित पार्षद कोमल सेना और रेलवे पीड़ित इन लोगों को इंसाफ मिलने की आस केवल और केवल जिला प्रशासन से है क्योंकि राज्यपाल ने स्वयं पीड़ितों को इंसाफ दिलाने के लिए कलेक्टर रजत बंसल को कहा है। इस मामले में पहली दौर की बातचीत हो गई है और मंगलवार से नियमित सुनवाई की बातें कही जा रही है। दो दिनों बाद कलेक्टर क्या फैसला लेते हैं वह देखने वाली बात होगी।