नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में आज राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया और मंदिर की आधारशिला रखी.
पीएम मोदी राम मंदिर पूजन के भव्य आयोजन के लिए 29 साल बाद अयोध्या पहुंचे और पूरी विधि विधान से मंदिर का शिलान्यास किया. राम मंदिर का शिलान्यास दोपहर 12 बजकर 44 मिनट और 8 सेकेंड पर किया गया है.
पीएम मोदी करीब 11.30 बजे अयोध्या पहुंचे
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिये लोगों ने 500 साल तक संघर्ष किया.
कार्यक्रम में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि राम मंदिर आंदोलन में लालकृष्ण आडवाणी, अशोक सिंघल और अन्य के योगदान को याद किया.
पीएम मोदी और मंच पर मौजूद सभी लोगों ने राम मंदिर के शिलान्यास वाली पट्टिका का अनावरण किया और इस अवसर पर स्मारक डाक टिकट भी जारी किया.
1992 के बाद 5 अगस्त 2020 को अयोध्या पहुँचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी. 92 में राम मंदिर आँदोलन के संचालक आडवानी के सारथी के रूप में आए थे, आज प्रधानमंत्री के रूप में भूमिपूजन करने पहुँचे.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चांदी के फावड़े और कन्नी से शिलान्यास के कार्यक्रम को पूरा किया. चाँदी की ईँट अधारशिला के रूप में रखी गईं.
राम मंदिर भूमिपूजन में राम के ननिहाल(छत्तीसगढ़) की माटी सहित देश भर के 2000 तीर्थस्थलों की मिट्टी और 100 से अधिक नदियों के पानी को रखा गया.
राम मंदिर का भूमि पूजन करने के बाद पीएम मोदी ने वहां मौजूद लोगों को संबोधित किया. पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत जय श्रीराम के नारों के साथ शुरू किया. उन्होंने कहा कि जय सिया राम के नारे आज सिर्फ अयोध्या में नहीं बल्कि आज पूरे विश्व में गूंज रहे हैं.
इस कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत के साथ, बाबा रामदेव सहित 175 विशेष आमंत्रित अतिथियों को बुलाया गया था. छत्तीसगढ़ से भी एक मात्र शदाणी दरबार के संत युधिष्टर लाल आमंत्रित थे.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समारोह को संबोधित करते हुए सबसे बड़ी बात कही. उन्होंने कहा- राम जन्मभूमि आज मुक्त हुई है और आज पूरा भारत राममय हो गया है.
“भय बिन होई न प्रीती” राम चरित मानस के दोहे से प्रधानमंत्री ने दुश्मन देशों को चेतावनी भी दी है.
‘बाहरी को अयोध्या में प्रवेश की इजाजत नहीं‘
कोरोना वायरस के प्रसार को लेकर चिन्तित प्रशासन लोगों को अयोध्या आने से बचने को कह रहा है. जनता से अपील की गई है कि वे घरों में ही रहकर यह उत्सव मनायें.