बिरिंगपाल संग्रहण केन्द्र में 50 करोड़ के धान का नहीं हुआ उठाव, 20 जून तक अल्टीमेटम

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जगदलपुर- बस्तर जिले के बिरिंगपाल संग्रहण केन्द्र में 50 करोड़ के लागत का धान का उठाव निर्धारित समय पर नहीं हो सका है। अब प्रशासन ने 20 जून तक उठाव को लेकर उल्टीमेटम जारी कर चुका है। 20 जून तक उठाव नहीं होने पर मिलर्स को प्रति क्विंटल 6 रूपया जुर्माना देने का फरमान भी प्रशासन द्वारा जारी कर दिया गया है। बस्तर जिले सहित 6 जिलों के मिलर्स उठाव में जुटे हुए हैं। खबर है कि बिरिंगपाल में अमानक स्तर का धान होने को लेकर मिलर्स उठाव में भी आनाकानी कर रहे हैं। खबर है कि प्रशासन के दबाव में अमानक स्तर का भी धान की उठाव किया जा चुका है जिससे पी.डी.एस. के चांवल की गुणवत्ता पर इसका प्रभाव पड़ सकता है। बिरिंगपाल संग्रहण केन्द्र अमानक स्तर का धान संग्रहण को लेकर सुर्खियों में रहा था जहां बीजापुर एवं दंतेवाड़ा का धान जमा कराया गया था।

अमानक धान जमा कराने के एवज में ले्पस प्रबंधक द्वारा संग्रहण केन्द्र प्रभारी को प्रसाद चढ़ाने की भी खबर है। ज्ञातव्य हो कि समर्थन मूल्य पर समितियों के द्वारा किसानों की धान की खरीदी कर संग्रहण केन्द्रों में रखा गया था। बस्तर जिले में तीन संग्रहण केन्द्र बनाये गये थे। 15 लाख 35 हजार 140 क्विंटल धान संग्रहण किया गया था। उक्त संग्रहित धान को मिलर्स के द्वारा अनुबंध के अनुसार 15 जून तक उठाव किया जाना था जो उठाव पूर्ण नहीं किया जा सका। बिरिंगपाल संग्रहण केन्द्र में जहां 50 करोड़ का लगभग 2 लाख क्विंटल धान की उठाव नहीं किया जा सका है। उठाव को लेकर शासन ने सभी मिलर्स को 20 जून तक अल्टीमेटम जारी किया है और यह निर्देशित किया गया है कि निर्धारित तिथि तक उठाव नहीं होने पर मिलर्स से प्रति क्विंटल 6 रूपया जुर्माना का भी फरमान जारी किया गया है। 7 जिले के मिलर्स उठाव में जुटे:बस्तर जिला सहित रायगढ़, रायपुर, कांकेर, महासंमुद, कोण्डागांव, दुर्ग जिले के मिलर्स धान उठाव में जुटे हैं। जिन्हें 20 जून तक अनुबंध के अनुसार अपने कांटे का धान उठाना होगा। प्रशासन धान उठाव को लेकर कड़ा रूख अपना चुका है। क्यों कि पिछले वर्ष उठाव नहीं होने के कारण लाखों-करोड़ों का धान बर्बाद हुआ था। कहां कितना संग्रहित हुआ धान:समर्थन मूल्य पर खरीदा गया था धान को संग्रहण के लिये बस्तर जिले में तीन केन्द्र बनाया गया था जहां बस्तर के अलावा बीजापुर एवं दंतेवाड़ा जिले के धान को संग्रहित किया गया था।

जिसमें नियानार, और छोटेदेवड़ा संग्रहण केन्द्र में 10 लाख 50 हजार क्विंटल धान रखा गया था जिसका उठाव लगभग पूर्ण किया जा चुका है। बिरिंगपाल संग्रहण केन्द्र में 5 लाख क्विंटल धान संग्रहित किया गया था जिसमें से 3 लाख क्विंटल धान का उठाव किया जा चुका है। शेष 2 लाख क्विंटल धान का उठाव नहीं हो सका है जिसका लागत लगभग 50 करोड़ की है। गुणवत्ता को लेकर मिलर्स नाराज:विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बिरिंगपाल संग्रहण केन्द्र में बीजापुर एवं दंतेवाड़ा जिले में खरीदी गई धान ले्पस के द्वारा जमा कराया गया। इन दोनों जिलों से पहुंचा धान की गुणवत्ता को लेकर सुर्खियों में रहा। जब गुणवत्ता को लेकर सांठ-गांठ हुई तो अमानक स्तर का धान कोचियों से खरीदी कर बिरिंगपाल संग्रहण पहुंचा और संग्रहण प्रभारी से सांठ-गांठ कर अमानक स्तर का धान जमा कराया गया था। यही कारण था कि मिलर्स उक्त केन्द्र का धान उठाव को लेकर रूची नहीं दिखा रहें थे जब प्रशासन का अल्टीमेटम मिलने के बाद मिलर्स उठाव करना शुरू किया।