(अर्जुन झा)
दल्ली राजहरा। छत्तीसगढ़ में संगठन में कसावट लाने की मुहिम में जुटी भाजपा ने स्पष्ट संकेत दे दिया है कि असंतुष्ट लोगों के इस्तीफे की राजनीति के दबाव में नहीं आयेगी। दल्लीराजहरा नगरपालिका के उपाध्यक्ष संतोष देवांगन के इस्तीफे के बाद भाजपा में असंतोष के दौर में दल्लीराजहरा मण्डल अध्यक्ष गोविंद वाधवानी ने पद से इस्तीफा दे कर हलचल मचा दी थी, उनके साथ ही कई अन्य लोगों के इस्तीफे की खबर थी। कहा जा रहा था कि भाजपा प्रदेश संगठन पर दबाव बनाने के इरादे से इस्तीफा पॉलिटिक्स चल रही है। बताया जा रहा है कि मण्डल अध्यक्ष वाधवानी ने आहत होने का हवाला देते हुए प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी, सह प्रभारी तक को इस्तीफा भेज दिया था। जिसे भाजपा ने स्वीकार कर लिया है।
भाजपा प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय के अनुसार प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने दल्लीराजहरा मण्डल अध्यक्ष के इस्तीफे पर विचार कर उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। भाजपा संगठन द्वारा यह इस्तीफा स्वीकार कर लिए जाने पर भाजपा के सूत्रों का कहना है कि संगठन ने यह संदेश दिया है कि भाजपा में इस तरह दबाव बनाने की छूट किसी को नहीं दी जा सकती। जिसे सक्रियता के साथ संगठन का काम करना है, वे काम करें। जिन्हें संगठन का काम नहीं करना है, इस्तीफा देना है तो उनका इस्तीफा स्वीकार कर उन्हें संगठन के दायित्व से मुक्त करने में संगठन कोई विलंब नहीं करेगा। जानकार बता रहे हैं कि भाजपा के प्रदेश संगठन ने इस तरह अनुशासन का हंटर फटकार दिया है और उस खेमे को बता दिया है कि संगठन सामंजस्य से ही चलेगा। किसी का दबाव बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। जानकार मानते हैं कि संगठन ने दल्लीराजहरा मण्डल अध्यक्ष का इस्तीफा मंजूर करके वाधवानी के साथ इस्तीफा देने वाले लोगों को भी अहसास करा दिया है कि उनके भी इस्तीफे स्वीकार हो सकते हैं। कहा जा रहा है कि संगठन की इस सख्ती से असंतुष्टों में खलबली मच गई है और इस्तीफा देने वाले बहुत से लोग इस्तीफा वापस ले सकते हैं। फिलहाल वे खैर मना रहे हैं कि संगठन उनका इस्तीफा मंजूर न कर ले। भाजपा की ऐसी सख्ती पालिका चुनाव के समय भी सामने आई थी जब संतोष देवांगन सहित अन्य पर अनुशासन की गाज गिरा दी गई थी।