जगदलपुर छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में गांजे की बड़ी-बड़ी खेपें लगातार पकड़ में आती है और रोज नामचे ,एफआईआर व चालान में ओडिशा से तश्करी होने की बातें बकायदा शासकीय दस्तावेजों में रिकॉर्ड होती है किंतु जो गांजा का मुख्य व्यापारी से उस तक पुलिस नहीं पहुंच पा रही है जिसको लेकर भी सवाल खड़े हो रहें हैं।
उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि सीमावर्ती राज्य उड़ीसा के मलकानगिरी इलाके में बड़े पैमाने पर गांजा की खेती की जाती है , अंतर्राज्यीय युनिफाइंड कमांड की बैठक में कई बार यह मुद्दा उठ चुका है। विगत दिनों मध्यप्रदेश में गृहमंत्री अमित शाह के समक्ष भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपस्थिति में गांजा की तस्करी का मुद्दा छाया रहा जिसमें नक्सलियों को गांजा से बड़े राजस्व होने की जानकारी सामने आई थी जिसके लिए ओड़िशा व छत्तीसगढ़ पुलिस के बीच समन्वय स्थापित करने की बातों के साथ गांजा तस्करों के खिलाफ संयुक्त कार्यवाही बस्तर पुलिस की करने वाली थी किन्तु एक प्रकरण भी ऐसा सामने नहीं आया कि अंतर्राज्यीय गिरोह पर कार्यवाही हो जिसको लेकर भी तरह तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म रहता है।
बस्तर की पुलिस सटीक कार्यवाही करते हैं जिसके कारण कई बड़े महानगरों में तश्करी की बातें सामने आती हैं लेकिन बस्तर पुलिस ओड़िशा में धमक देती है ना पैडलरों के बताए ठिकानों पर छापा मारा जाता है।यह बातें भी सामने आई है कि विवेचना का ढ़र्रा भी वही पूरानी है जिसके कारण भी बड़े माफियाओं पर नकेल नहीं कस पा रही है और इसके लिए समन्वय का अभाव है।