डेमेज कंट्रोल में जूटी भाजपा आदिवासिया को अपने पाले में करने की कवायत कर रही है पार्टी

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अर्जुन झा
जगदलपुर। एक आदिवासी नेता को ऐन विष्व आदिवासी दिवस के मौके पर प्रदेष अध्यक्ष पद से हटाने के बाद हुई अथवा संभावित क्षति से उबरने के लिए भाजपा ने बड़ी कवायद षुरू कर दी है। बस्तर के वरिष्ठ भाजपा नेता एवं डॉ. रमनसिंह सरकार के मंत्री रहे आदिवासी युवा तुर्क कष्यप को प्रदेष भाजपा संगठन में महामंत्री नियुक्त किया गया हैै। कष्यप् की इस नियुक्ति को भाजपा के डेेमेज कंट्रोल की पहल के रूप में देखा जा रहा है।
वरिष्ठ आदिवासी नेता एवं छग प्रदेष भाजपा अध्या विष्णुदेवसाय को इस वर्ष ऐन आदिवासी दिवस के मौके पर प्रदेष भाजपा अध्यक्ष पद से हटाकर बिलासपुर के सांसद साव को प्रदेष भाजपा अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंप दी गई। इसके बाद पार्टी की प्रदेष प्रभारी डी. पुरंदेष्वरी को उस वक्त अचानक प्रभारी पद से मुक्त करने का फैसला ले किया गया जब वे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगतप्रकाष नड्डा के साथ मंच सभा तथा पार्टी के आगामी कार्यक्रमों के संदर्भ में विचार-विमर्ष कर रही थी। भाजपा के इन दोनों फैसलोें से पार्टी के जमीनी कार्यकर्ताओं, आदिवासियों तथा भाजपा के समर्पित मतदाताओं को गहरा झटका लगा था। सबसे ज्यादा पीड़ा आदिवासियों को अपने समाज के नेता विष्णुदेव साय को अध्यक्षा पद से बेदखल किए जाने से हुई थी।
भाजपा को अपने इस फैसले से सर्वाधिक क्षति आदिवासी बहुल बस्तर संभाग में होने की संभावना प्रबल हो गई थी। भाजपा ने इस जल्द ही भांप लिया और वह डेेमेज कंट्रोल की कवायद में जुट गई। चर्चा है कि  डेेमेज कंट्रोल तथा आदिवासियों के बीच अपने प्रति विष्वास पैदा करने के ध्येय से भाजपा ने बस्तर के युवा आदिवासी नेता एवं रमन सरकार में केबिनेट मंत्री रहे केदार कष्यप को प्रदेष संगठन में महामंत्री नियुक्त किया गया है। अब यह तो आने वाला समय बताएगा कि भाजपा प्रदेष भर में आदिवासियों के बीच किस हद तक अपने प्रति विष्वास जगा पाती है। लेकिन यह सच है कि बस्तर में केदार कष्यप् की पैठ अच्छी हे तथा पार्टी का फैसला बस्तर में पार्टी के लिए प्रभावी व लाभाकारी साबित हो सकता है।
व्हीं बस्तर के सामान्य वर्ग के मतदाताओं के बीच विष्वास पुनः जमाने के लिए भाजपा ने राजनांदगांव के मिलनसार एवं युवा सांसद संतोष पाण्डेय को बस्तर भाजपा संगठन प्रभारी नियुक्त किया है। अब देखना है कि एक आदिवासी एवं एक ब्राम्हण नेता की यह युवा जोड़ी बस्तर में किस हद तक हिट होगी।?
बाक्स विरासत में मिली है राजनीति

केदार कष्यप को राजनीति विरासत में मिली है। बस्तरर की राजनीति में कष्यप परिवार की अच्छी पैठ रही है केदार कष्यप नारायणपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ते आए है। हालांकि इस सीट से वे पिछला चुनाव हार गए थे वहीं उनके पिता स्व. बलीराम कष्यप बस्तर के लोकप्रिय सांसद रहे हैं। केदार कष्यप के बडे़ भाई दिनेष कष्यप् भी बस्तर से दो दफे सांसद रहे हैं। वहीं उनकी भाभी वेदवती कष्यप बस्तर जिला पंचायत की अध्यक्ष है। अब देखना है कि कष्यप परिवार की राजनैतिक पैठ को भाजपा कैष कर पाएगी या नहीं?