आंदोलन से एनमडीसी को 40 करोड़ का नुकसान

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जिला पंचायत अध्यक्ष की अगुवाई में 3 दिनों तक चला था आंदोलन -इस बड़ी क्षति का जिम्मेदार कौन, उठ रहे सवाल-
जगदलपुर/दंतेवाड़ा जिले के बचेली स्थित एनमडीसी में स्थानीय स्तर पर लेबर सप्लाई को प्राथमिकता देने की मांग को लेकर 3 दिनों तक किये गए आंदोलन से एनमडीसी को 40 करोड़ रूपये से भी अधिक का नुकसान हुआ है. यह आंदोलन सत्ताधारी दल के नेता एवं जिला पंचायत अध्यक्ष की अगुवाई में तीन दिनों तक चला था. अब सवाल उठ रहा है कि एनमडीसी को हुई इस बड़ी क्षति के लिए जिम्मेदार कौन है लिए? भाजपा ने आरोप लगाया है कि दंतेवाड़ा जिला पंचायत अध्यक्ष ने अपनी राजनीति चमकाने के लिए एनएमडीसी के खिलाफ आंदोलन का सहारा लिया था.

तीन दिनी आंदोलन के चलते एनएमडीसी को 40 करोड़ से अधिक के नुकसान होने की जानकारी प्रंबधन ने दी है. राज्य शासन स्थानीय मजदूरों और बेरोजगारों को एनमडीसी में प्राथमिकता दिए जाने के सम्बन्ध में एनमडीसी प्रबंधन को पत्र लिखते रहा है। शासन के पत्र की अवहेलना करना प्रबंधन की तानशाही को उजागर करता है। प्रबंधन के आश्वासन के बाद आंदोलन तो समाप्त कर दिया गया है लेकिन अब देखना होगा कि प्रबंधन अपने आश्वासन को कितने दिनों में पूरा करता है। 40 करोड़ का नुकसान

एनएमडीसी बचेली के चीफ जनरल मैनेजर श्री मजुमदार ने दूरभाष पर चर्चा में बताया कि तीन दिनों तक चले आंदोलन से एनएमडीसी को 40 करोड़ सेअधिक का
नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के साथ बैठकर इस मामले का शीघ्र निराकरण करने का प्रयास किया जायेगा।
नुकसान का जिम्मेदार कौन?

स्थानीय स्तर पर लेबर सप्लाई को प्राथमिकता देने को लेकर ग्रामीण लगातार जिला प्रशासन एवं एनएमडीसी प्रबंधन को अवगत कराते रहे है लेकिन ग्रामीणों के आवेदनों और मांगों को हमेशा नजरअंदाज किया जाता रहा है जिसका यह परिणाम हुआ कि ग्रामीणों को सड़क पर उतरना पड़ा और प्रबंधन को इतने बड़े आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ा. समय रहते प्रबंधन और प्रशासन ने मांग पर विचार कर लिया होता तो आंदोलन के हालात नहीं बनते। ऐसी खबर है कि एनमडीसी प्रबंधन में दखल रखने वाले तथा चहेते ठेकेदारों के माध्यम से कमीशन के आड़ में दिगर प्रांतों के मजदूरों को प्राथमिकता देकर स्थानीय को दरकिनार किया जा रहा है। राजनीति चमकाने की कोशिश
दंतेवाड़ा जिला भाजपा अध्यक्ष चैतराम अट्टामी ने कहा है कि कर्मा परिवार की दंतेवाड़ा जिले में पकड़ कमजोर हुई है। खोई साख वापस पाने के इरादे से कर्मा परिवार से ताल्लुक जिला पंचायत अध्यक्ष ने मजदूरों और नागरिकों को भ्रमित कर आंदोलन को अंजाम दिया. उन्होंने कहा कि कर्मा परिवार के लोग अपनी राजनीति चमकाने के लिए एकबार फिर जनता को भ्रमित करने में लगे हैँ और इसके लिए आंदोलन का सहारा लेकर शासन के राजस्व को नुकसान पहुंचने में जुटे है। श्री अट्टामी ने बताया कि एनएमडीसी में दंतेवाड़ा जिले की सभी पंचायतों के लोगों को प्राथमिकता के आधार पर मौका दिया जाना चाहिए। जिला पंचायत अध्यक्ष को गरीबों का इतनी चिंता होती तो 12 पंचायतों को प्राथमिकता देने की मांग नहीं करते सभी पंचायतों को प्राथमिकता देने की मांग करते। श्री अट्टामी ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए बेरोजगारों को भ्रमित करने में जुट गये है। उन्होंने कहा कि एनएमडीसी प्रबंधन को पूर्व में लिखित आवेदन प्रस्तुत कर सभी पंचायतों को प्राथमिकता देने की मांग की गई है। आंदोलन को लेकर दंतेवाड़ा जिला पंचायत अध्यक्ष तुलिका कर्मा से प्रतिक्रिया लेने दूरभाष पर संपर्क किया गया लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया.