आवारा पशुओं की रोकथाम के लिए नगरवासियों ने घेरा नगरपंचायत, दी चेतावनी

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डौंडी- नगर पंचायत डौंडी में ना तो कांजी हाऊस है और ना ही कोई गौठान डौंडी नगर के 75 प्रतिशत खेत खलिहानों को आज दिनांक 15 तारीख को दिन दहाड़े आवारा मवेशियों द्वारा सफाचट कर दिया गया जिससे कृषकों को भारी नुकसान पहुँच गया है। जब नगरपंचायत के रोका छेका अभियान सुस्त पड़ गयी है तब नगर के यही बहुतायत कृषक अपने धान फसलों की रखवाली करने में जुट गए है। आज करीब 35 आवारा पशुओं को नगरपंचायत के सांस्कृतिक भवन में लाकर कैद किया। यही नही नागरिकों का इतना गुस्सा था कि वे नगरपंचायत का ही घेराव कर दिए तथा नगरपंचायत के सीएमओ बंजारे से सवाल करते कहा कि आप राज्य शासन की महत्वपूर्ण रोका छेका योजना का परिपालन करें या फिर अपनी जिम्मेदारी निभावें। नगर के प्रत्येक कृषकों ने यह भी कहा कि आप आवारा पशुओं का रिकार्ड रखें और सम्बंधित मालिको से शुल्क राशि निश्चित करे जिसे नगर पंचायत की आय के तौर पर रखे। जिससे पशुओं के मालिको को अपनी गलती का एहसास हो सके। जिस पर सहमति बनी की ऐसा ही होगा। लेकिन बड़ी बात यह कि जिस जगह नगरपंचायत के सांस्कृतिक भवन में आवारा पशुओं को डाला जा रहा है वहा नगरपंचायत गेट का ताला रातों रात टूटता जा रहा है। नगरवासियों ने यह आरोप लगाया है कि आखिर नगरपंचायत द्वारा रोका छेका तहत जो गाय पशुओं को लाकर रखा जा रहा है। उसका गेट का ताला कैसे और कौन तोड़ रहा है। इसकी रिपोर्ट नगरपंचायत द्वारा थाने में क्यों और किसलिए नही लिखाई जा रही है।

अब नतीजा यह कि दूसरे दिवस डौंडी नगर के प्रत्येक वार्ड के नागरिक अपनी खेती का रखवाली करने पहुँचे और उनके खेतों की धान फसल को सफाचट कर रहे मवेशियों को नगरपंचायत के हवाले कर नगरपंचायत का ही घेराव कर सुरक्षा की मांग किया गया। अब सवाल ये है कि डौंडी नगरपंचायत में गौठान बनाए जाने हेतु वर्ष 2021 में ठेकेदार को जिम्मा सौंपा गया इस बीच पेच यह फस रहा कि जिस स्थल को गौठान हेतु चयन किया गया वह किसी सुखराम के पिता वर्षो से काबिज भूमि पर बैठा हुआ है। जिसका निराकरण तहसील कोर्ट के पास चला गया है। ऐसे में डौंडी नगरपंचायत पर राज्य सरकार की महत्वपूर्ण गौठान बनने की प्रक्रिया अधर में लटक गई है। जानकारी के अनुसार जिस ठेकेदार को गौठान बनाये की जिम्मेदारी मिली है वह स्वयं कार्य ना कर डौंडी नगरपंचायत के पेटी ठेकेदार को उक्त कार्य को सौप दिया गया है। जबकि यह कार्य वर्ष 2021 का है जिसकी सही मायने में कार्य अवधि छह माह की थी। अब वर्ष 2022 चल रहा है। इस बाबत सही जवाब डौंडी नगरपंचायत के पास नही है। क्या नगरपंचायत शासन की योजनाओं को सफल या उनका क्रियान्वयन करने में असफल हो रहा है

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