- कांग्रेस नेता पहले अपना ‘घर’ तो सम्हाल लें : दिनेश कश्यप
- चंगू मंगू संस्कृति ने ही कांग्रेस का बेड़ागर्क करके रख दिया है
- लखमा के आक्षेप को लेकर पूर्व भाजपा सांसद का पलटवार
जगदलपुर. छत्तीसगढ़ सरकार के आबकारी एवं उद्योग मंत्री कवासी लखमा द्वारा छ्ग प्रदेश भाजपा अध्यक्ष तथा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के खिलाफ की गई टिप्पणी को लेकर वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व सांसद दिनेश कश्यप ने लखमा पर करारा पलटवार किया है. कांग्रेस नेता पहले अपना ‘घर’ सम्हाल लें फिर दूसरों को नसीहत दें. उन्होंने कहा है कि असली चंगू-मंगू तो कांग्रेस में भरे पड़े हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को छोड़कर छत्तीसगढ़ सरकार के सारे के सारे मंत्री चंगू मंगू हैं. हमारी पार्टी के नेता अपनी मेहनत के दम पर जनता के बीच विशिष्ट पहचान बनाकर मुकाम तक पहुंचे हैं, ना कि कांग्रेसियों की तरह पद उन्हें विरासत में मिले हैं.
केबिनेट मंत्री एवं बस्तर जिले के प्रभारी मंत्री कवासी लखमा ने कल पत्रकारों से चर्चा करते हुए नवनियुक्त प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव तथा छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल के बस्तर प्रवास को लेकर कई आक्षेप लगाए थे. उन्होंने कहा था कि ये दोनों नेता चंगू मंगू हैं और प्रदेश में ना उनका अपना कोई वज़ूद है और ना ही कोई पहचान. पार्टी द्वारा दायित्व सौंपे जाने के बाद वे प्रदेश में घूम घूम कर अपनी पहचान बनाने क़ी कोशिश कर रहे हैं. दोनों भाजपा नेताओं के बस्तर से अनभिज्ञ रहने की बात कहते हुए लखमा ने यह टिप्पणी भी की थी कि साव और चंदेल सैर सपाटे के लिए बस्तर आए हैं. कवासी लखमा के इस आक्षेप पर पूर्व सांसद एवं वरिष्ठ भाजपा नेता दिनेश कश्यप ने आज कहा कि लखमा का यह बयान उनकी संकीर्ण सोच का परिचायक है. उन्होंने कहा कि चंगू मांगूओं की फ़ौज तो कांग्रेस में है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को छोड़कर टीएस सिंहदेव बाबा समेत राज्य सरकार के सारे मंत्री चंगू मंगू हैं. राज्य की पूरी सत्ता मुख्यमंत्री के पास केंद्रित होकर रह गई है और मंत्रीगण नाममात्र के लिए विभागों के मुखिया हैं. श्री कश्यप ने कहा कि कांग्रेस की इसी चंगू मंगू संस्कृति के कारण ही पार्टी का बेड़ागर्क हो रहा है. कांग्रेस के ऐसे बड़े नेता भी बड़ी संख्या में पार्टी छोड़ने लगे हैं, जो 40 – 50 सालों से कांग्रेस के लिए समर्पण भाव से काम करते आ रहे थे.कश्यप ने आगे कहा कि कांग्रेस में चाटुकारों को ही अहमियत मिलती है. जो नेता व कार्यकर्ता गांधी परिवार की चाटुकारिता करता है उसी की पार्टी में इज्जत है. इसके उलट भाजपा में जमीन से जुड़े तथा जनता के बीच काम करने वाले कार्यकर्ताओं को बड़ी से बड़ी जिम्मेदारी भी सौंपने की गरिमापूर्ण परंपरा है. भाजपा में पद विरासत में नहीं मिलते, जैसा कि कांग्रेस में होता आया है. पूर्व सांसद ने कहा कि कांग्रेस नेताओं से खुद का घर ( कांग्रेस ) तो सम्हाला नहीं जा रहा है और वे दूसरों पर उंगली उठाने चले हैं.