- बस्तर की शैक्षणिक क्रांति में होगी
- विश्वविद्यालय की अहम भूमिका धूमधाम से मनाया गया शहीद महेंद्र कर्मा विवि का स्थापना दिवस
जगदलपुर. शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय का 15वां स्थापना दिवस शनिवार को कालीपुर स्थित कैंपस के एमबीए भवन के स्वामी आत्मानंद सभागार में धूमधाम से मनाया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संसदीय सचिव रेखचंद जैन तथा विशिष्ट अतिथि पद्मश्री धर्मपाल सैनी थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. मनोज कुमार श्रीवास्तव ने की। कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. आनंद मूर्ति मिश्रा, सह समन्वयक एवं विश्वविद्यालय के जन संपर्क अधिकारी श्सीएल टंडन, सहायक कुलसचिव थे।
इस अवसर पर संसदीय सचिव श्री nजैन ने कहा कि बस्तर अंचल के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के शिखर पर पहुंचाने में इस विश्वविद्यालय की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। श्री जैन ने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन बस्तर जैसे आदिवासी अंचल में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में स्वामी आत्मानंद के नाम पर विद्यालय और महाविद्यालयों की स्थापना की जा रही है, जिन्होंने नारायणपुर जैसे माड़ क्षेत्र में रामकृष्ण मिशन आश्रम की स्थापना कर शिक्षा की अलख जगाई उन्होंने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बस्तर विवि द्वारा किए जा रहे कामों की सराहना करते हुए कहा कि जब विवि की शुरुआत हुई तब 2008 में सिर्फ 23 कॉलेज ही विवि से संबद्ध थे. आज संभाग के सातों जिलों में विवि के अधीन 48 कॉलेज संचालित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने मुझे विवि की कार्यपरिषद का सदस्य बनाया है और मेरा शुरुआत से ही प्रयास रहा है कि विवि में रोजगार मूलक कोर्स शुरू हो। इस दिशा में हमने प्रयास शुरू भी कर दिए हैं। पीजी डिप्लोमा इन जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन और पीजी डिप्लोमा इन ट्राइबल आर्ट कोर्स की शुरुआत हमने इसी सोच के साथ कराई है। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद का जीवन छात्रों के लिए आदर्श है। उनकी oबातों को अगर जीवन में उतार लिया गया, तो आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने स्वामी विवेकानंद के ध्येय वाक्य उठो जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाए का उद्धरण रखते हुए कहा कि पढ़ाई में लगन इसी तरह से होनी चाहिए। जब तक लक्ष्य हासिल ना हो जाए संघर्ष करते रहना चाहिए।
कुलपति श्री श्रीवास्तव ने विश्वविद्यालय की स्थापना से लेकर 14 साल में हुए विकास कार्यों तथा संचालित पाठ्यक्रमों एवं संबद्ध महाविद्यालयों तथा भविष्य में प्रारंभ किए जाने वाले नए पाठ्यक्रमों के की जानकारी दी। यह भी बताया कि विश्वविद्यालय को अपेक्षा अनुसार पुनः बेहतर प्रयास कर अच्छी नैक ग्रेडिंग प्राप्त करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। विश्वविद्यालय में रिक्त शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक पदों पर भर्ती के लिए शासन से अनुमति के लिए प्रयास किया जा रहा है।
ज्ञान-विज्ञान को जीवन से जोड़ा जाना चाहिए : पद्मश्री सैनी
विशिष्ट अतिथि पद्मश्री धर्मपाल सैनी ने कहा कि आज ज्ञान और विज्ञान के मिलन की बेला है। यह बेहद खुशी का क्षण है क्योंकि विश्वविद्यालय ने आज अपनी स्थापना के 14 वर्ष पूरे कर लिए हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने शुरुआत से ही बस्तर में उच्च शिक्षा के लिए उल्लेखनीय कार्य किए हैं। उन्होंने कहा कि यह विज्ञान का युग है और इस युग में विज्ञान को ज्ञान से जोड़ते हुए इसे जीवन में उतारने की जरूरत है। ज्ञान अगर जीवन के साथ होगा तो समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास आसानी से पहुंच जाएगा। उन्होंने 0विश्वविद्यालय परिवार को स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दीं।
जल्द शुरू होंगे कई नए कोर्सेस, कैंपस बनेगा सुंदर : कुलपति
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विवि के कुलपति प्रो. मनोज कुमार श्रीवास्तव ने विवि के भविष्य के रोड मैप पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जब विवि की शुरुआत हुई तबसे आज की स्थिति में बहुत बदलाव आया है और आने वाले वक्त में और भी ज्यादा सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे। उन्होंने कहा कि पहले हम 15 एकड़ के धरमपुरा स्थित कैंपस तक सीमित थे अब हमारे पास कालीपुर में 25 एकड़ का नया कैंपस भी है। दोनों ही कैंपस को सुंदर और व्यवस्थित बनाने के लिए काम शुरू हो चुका है। इसके लिए अलग से कमेटी बना दी गई है। इसके अलावा विवि में जल्द ही कई नए कोर्स भी शुरू होने वाले हैं। 15 नए पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए उच्च शिक्षा विभाग को प्रस्ताव भेजा गया है। स्वीकृति मिलते ही कोर्स शुरू हो जाएंगे। डी फार्मा और बी फार्मा जैसे रोजगार मूलक कोर्स खोलने की हम तैयारी कर रहे हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अमल में लाने की दिशा में भी काम चल रहा है। इसके लागू होने के बाद युवाओं को रोजगार मिलना तय है। प्रो. श्रीवास्तव ने कहा कि उन्होंने पदभार ग्रहण करते ही विवि की नैक ग्रेडिंग पर पूरे स्टाफ के साथ लगातार कई बैठकें की। हमारा प्रयास है कि एक साल के भीतर ग्रेडिंग में सुधार हो जाए। इसके लिए हम युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं। इसके अलावा हमारा 100 सीटर गर्ल्स हॉस्टल सभी सुविधाओं के साथ शुरू हो चुका है। 100 सीटर ब्वॉयज हॉस्टल भी जल्द शुरू हो जाएगा। लाइब्रेरी में बुक्स की संख्या बढ़ा रहे हैं और उसे अपग्रेड कर रहे हैं। विवि ने पहला पीएचडी अवार्ड सियालाल नाग, विषय राजनीति विज्ञान को शोध शीर्षक ‘बस्तर क्षेत्र में आदिवासी महिलाओं में मद्यपान की समस्या’ दिया गया है। इंग्लिश लैंग्वेज लैब, ट्राइबल स्टडी के लिए एडवांस स्टडी सेंटर शुरू कर रहे हैं। करियर काउंसलिंग पर भी विशेष फोकस कर रहे हैं। एल्युमिनी रजिस्ट्रेशन की भी शुरुआत करने वाले हैं। विश्वविद्यालय से जुड़े सभी रिकॉर्ड को डिजिटलाइज करने वाले हैं। अंत में उन्होंने विश्वविद्यालय के सभी अधिकारी-कर्मचारी और छात्रों को स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दी।
आभार प्रदर्शन कुलसचिव डॉ. विनोद कुमार पाठक ने किया। इस मौके पर समारोह आयोजन के सह समन्वयक एवं विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी सीएल टंडन, सहायक कुलसचिव, डॉ. शरद नेमा, डॉ. विनोद कुमार सोनी, डॉ. संजीवन कुमार, डॉ. सुकृता तिर्की, डॉ. डीएल पटेल समन्वयक, राष्ट्रीय सेवा योजना प्रकोष्ठ, केआर ठाकुर, सहायक कुलसचिव, बीएल केंवट, संचालक शारीरिक शिक्षा, वीरेंद्र कुमार बाघ वित्त अधिकारी, विपिन कुमार गुप्ता, कक्ष अधिकारी समेत विवि के समस्त नियमित कर्मचारी, संविदा सहायक प्राध्यापक, अतिथि व्याख्याता और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी, छात्र-छात्राएं, एनएसएस के स्वयंसेवक, समारोह आयोजन के लिए गठित विभिन्न समितियों के संयोजक, सह संयोजक एवं सदस्य मौजूद थे।