छत्तीसगढ़ राज्य के 22वे स्थापना दिवस की आप सभी को बधाई एवं शुभकामनाएं:–मंडावी

0
292

दंतेवाड़ा/छत्तीसगढ़

भाजपा प्रदेश मंत्री व महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष दंतेवाड़ा ओजस्वी भीमा मंडावी जी ने समस्त छत्तीसगढ़ वासियों को छत्तीसगढ़ राज्य के 22वे स्थापना दिवस के अवसर पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी। मंडावी जी ने आगे कहा कि जब बात आती है छत्तीसगढ़ की स्थापना की तो हमारे मन में यें बात जरुर आती है कि आखिर किस आधार पर और किसने छत्तीसगढ़ राज्य का नाम रखा है तो सबसे पहले जान लेते है, छत्तीसगढ़ राज्य के स्थापना को जानने से पहले इसकी नामकरण के बारे में जानते हैं,कि छत्तीसगढ़ राज्य का नाम छत्तीसगढ़ किसने रखा था। तो इस पर कई मत है जिस पर मतभेद है चलिए जान लेते है आखिर किसका क्या मत है –
वेगलर के अनुसार – वेगलर के अनुसार के अनुसार सबसे पहले जरा संघ के काल में इस क्षेत्र में 36 परिवार पलायन कर इस क्षेत्र में बस गए थे जिसके अनुसार छत्तीसगढ़ शब्द बना।


हीरालाल जी के अनुसार – हीरालाल जी के अनुसार महाजनपद काल में छत्तीसगढ़ महाजनपद के अंतर्गत आता था बाद में इसी से अपभ्रंश होकर छत्तीसगढ़ शब्द बना।
इतिहासकार चिस्म के अनुसार मंडावी जी ने कहा की छत्तीसगढ़ के इतिहास में एक इतिहासकार हुए जिसका नाम चिस्म था इनके अनुसार कलचुरी शासक के एक राजा कल्याण साय ने जमाबंदी प्रथा के द्वारा इस क्षेत्र में 36 गढ़ बनाया जो शिवनाथ नदी के उत्तर में 18 और दक्षिण में 18 गढ़ थे इसी के आधार पर 18 -18 मिलाकर छत्तीसगढ़ शब्द बना।

घरबैठे Amazon के साथ ऑनलाइन शॉपिंग करें, स्पेशल ऑफर के साथ लिंक क्लिक करें

https://36bestonlinesale.com/home


छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण कैसे हुआ मंडावी जी ने कहा छत्तीसगढ़ राज्य को अस्तित्व में लाने के लिए क्षेत्र के अनेक स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया जिसके बदौलत छत्तीसगढ़ 1 नवंबर 2000 को अस्तित्व में आया। तो आइए जानते हैं आखिर किन का महत्वपूर्ण योगदान रहा और किस संविधान संशोधन के तहत छत्तीसगढ़ राज्य को राज्य का दर्जा मिला -छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के नींव के रूप में सर्वप्रथम 2 नवंबर 1861 में मध्य प्रांत का गठन हुआ जिसमें छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र शामिल था और इन तीनों की राजधानी नागपुर को बनाया गया और छत्तीसगढ़ में रायपुर बिलासपुर और संबलपुर जिलों का गठन किया गया।
इसके बाद 1862 मध्य प्रांत में 5 संभाग बनाए गए जिसमें छत्तीसगढ़, इसके बाद 1905 में बंगाल विभाजन के समय वर्तमान छत्तीसगढ़ राज्य का स्वरूप सामने आया। इस प्रकार छत्तीसगढ़ का प्रथम मानचित्र तैयार हुआ।पंडित सुंदरलाल शर्मा ने 1918 को छत्तीसगढ़ राज्य का स्पर्श रेखा चित्र पांडुलिपि में खींचा इस प्रकार इन्हें छत्तीसगढ़ का प्रथम संकल्पनाकार या स्वप्न दृष्टा कहा जाता है। 1924 में रायपुर के जिला परिषद में पृथक छत्तीसगढ़ की मांग उठी।
इस प्रकार छत्तीसगढ़ को एक पृथक छत्तीसगढ़ राज्य बनाने की मांग चलती रहे और आजादी के समय छत्तीसगढ़ राज्य मध्य प्रांत और बरार का हिस्सा था।और 1 नवंबर 1956 को जब मध्य प्रदेश का गठन होगा तब छत्तीसगढ़ को मध्यप्रदेश में शामिल कर दिया गया।