वो भी महिला, ये भी महिला, फिर ये कैसा शिकवा, कैसा गिला

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अर्जुन झा

छत्तीसगढ़ में भाजपा किस शैली में चुनाव लड़ना चाहती है, यह सवाल उभरने का आधार प्रकट हो गया है। क्या अगले चुनाव में राजनीतिक चीरहरण के कई कई प्रसंग सामने आयेंगे? शुरुआत हो चुकी है। कांग्रेस चिटफंड घोटाले में लगातार पूछ रही है कि सीएम मैडम कौन हैं? कांग्रेस बार बार पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की पत्नी का जिक्र इस घोटाले के संदर्भ में करती है। यहां इस तरह के आरोप राजनीतिक हैं। रमन सिंह 15 साल तक मुख्यमंत्री रहे हैं। आज भी कांग्रेस की मुख्य स्पर्धा उन्हीं से है। रमनराज की घटनाओं का हवाला देकर ही कांग्रेस राजनीतिक सवालों पर पलटवार करती है तो कांग्रेस द्वारा डॉ. रमन सिंह की पत्नी का उल्लेख चिटफंड मामले में किया जाना सीधे तौर पर सियासी हमला है।

लेकिन भाजपा के कमल लगे जिस वीडियो का प्रसार हो रहा है, वह 11 नवंबर को बिलासपुर में आयोजित भाजपा महिला मोर्चा की महतारी हुंकार रैली का है। जिसमें महिलाओं के उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए देश की महिला बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने इशारे इशारे में एक गैर राजनीतिक महिला पर टिप्पणी करते दिखाई और सुनाई दे रहा है। पिछले माहों में आयकर छापे की चपेट में आये एक कोयला कारोबारी का बयान सामने आया था कि उस पर सौम्या मैडम का नाम लेने के लिए दबाव डाला गया। मतलब यह कि राजनीतिक उठापटक में सीएम मैडम वर्सेज सौम्या मैडम चल रहा है। अब ताजा मामले में बिलासपुर की रैली में हुंकार भरते हुए केंद्रीय महिला बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से पूछ रही हैं कि छत्तीसगढ़ में राज किसका है? जब देश में कांग्रेस सरकार थी तो जनता कहती थी कि सोनिया जी का राज है। आज छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है तो रिमोट किसके हाथ में है, सोनिया जी के हाथ में है या सौम्या जी के हाथ में है? राजनीति के जानकार मानते हैं कि यह कटाक्ष पूरी तबीयत से कराया गया है। आने वाले दिनों में इस तरह की बातों का विस्तार होने के आसार खुलकर सामने आ गए हैं। पिछले चुनाव के पहले सीडी कांड ने धूम मचाई थी, इस चुनाव के पूर्व आईटी और ईडी छापों की धूम मची है। छापों के सिलसिले में खबरों में वह नाम भी शामिल है, जो स्मृति ईरानी के श्रीमुख से राजनीतिक मंच से व्यक्त हुआ। सवाल यह भी है कि जब महिला अस्मिता के समर्थन में और महिला उत्पीड़न के खिलाफ महतारी हुंकार हो रही हो तब उसी मंच से छत्तीसगढ़ की एक गैर राजनीतिक महिला जिसका नाम सौम्या है, उसे इस तरह राजनीतिक कीचड़ में लपेटना क्या देश की महिला बाल विकास मंत्री को शोभा देता है? अगर सौम्या नाम की वह महिला राजनीति में हो तो उसका उल्लेख करते हुए राजनीतिक सवाल उठाने में कोई दिक्कत नहीं है। सोनिया गांधी कांग्रेस चला रही थीं तो जब कांग्रेस देश की सरकार की सिरमौर थी तो लोग यही मानते थे कि सोनिया राज चला रही हैं, इस तरह की राजनीतिक निशानेबाजी समझ में आती है लेकिन छत्तीसगढ़ में केंद्रीय मंत्री ने सोनिया या सौम्या में से किसके हाथ में रिमोट कंट्रोल होने का सवाल दागा है, उसके काफी मायने निकाले जा रहे हैं। एक तो यह कि महिला उत्पीड़न के विरोध के मंच से ही एक महिला का राजनीतिक उत्पीड़न हो गया। दूसरा यह कि इसकी वजह क्या है? तीसरा यह कि क्या छत्तीसगढ़ की चुनावी जंग में चरित्रहनन का दौर पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ देगा?