जगदलपुर :- सर्व आदिवासी समाज ब्लॉक बस्तर द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग 30 पर बस्तर चौक पर चक्का जाम कर विरोध प्रदर्शन किया।सैकड़ों की संख्या में पहुंचे लोग मांझी पारा मे सेवा अर्जी कर रैली के माध्यम से बस्तर चौक पहुचे और चक्का जाम कर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने बताया कि आदिवासी राज्य में शासन के 32 विधायक अनुसूचित जनजाति वर्ग से निर्वाचित होने के बावजूद आदिवासी समाज सड़क में अपने हक की लड़ाई के लिए जद्दोजहद कर रहा हैं ।
इसके पूर्व भी सन 2012 में अनुसूचित जनजाति समाज को 32% आरक्षण के लिए सड़क की लड़ाई लड़नी पड़ी थी । उसके बावजूद भी आदिवासियों की सन 2000 से लेकर सन 2012 तक की बैकलांग की भर्ती का नुकसान उठाना पड़ा था । इन 10 सालों के बाद आदिवासी समाज फिर वही प्रतिनिधित्व संघर्ष के लिए दोबारा मैदान सर्व आदिवासी समाज समस्याओं लेकर गुंडाधुर चौक बस्तर में चक्का जाम किया।विधानसभा में छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति अधिनियम 2022 को स्वतंत्र अधिनियम के रूप में पारित करें और इसे अन्य वर्गों के आरक्षण से पृथक रखें।पांचवी अनुसूची क्षेत्रों में तृतीय और चतुर्थ वर्ग के पदों का 100% स्थानीय उम्मीदवारों से ही भर्ती किए जाने हेतु छत्तीसगढ़ विधानसभा के विशेष सत्र छत्तीसगढ़ के अनुसूचित क्षेत्र में भर्ती अधिनियम 2022 पारित किया जावे ।छत्तीसगढ़ राज्य में अन्य प्रदेशों के प्रवासी व्यक्तियों की संख्या में उत्तरोत्तर वृद्धि पर रोक लगाने के लिए छत्तीसगढ़ शासन में भी झारखंड राज्य की तर्ज पर एक जनवरी 1932 के मिसल रिकॉर्ड / खतियान रिकार्ड के आधार पर छत्तीसगढ़ राज्य की स्थाई डोमिसाइल नीति को कानून रूप देते हुए छत्तीसगढ़ विधानसभा में अधिनियम के रूप में पारित करें। इस दौरान प्रदेश उपाध्यक्ष शारदा कश्यप , युवा प्रकोष्ठ अध्यक्ष लखेश्वर कश्यप , नारायण सिंह मौर्य, लंबोदर मौर्य, भुनेश्वर बघेल,रामचंद्र बघेल,मंगल बघेल,खरे कश्यप सहित सैकड़ों आदिवासी उपस्थित थे।