आरईएस के ईई को जिपं उपाध्यक्ष ने लगाई फटकार

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  • स्वास्थ्य केंद्र भवन का निर्माण दो साल में भी नहीं हो पाया है पूरा
  • कार्यपालन अभियंता को नोटिस जारी कर मांगा गया जवाब


बकावंड जिस कार्य को आठ माह में पूरा करना था, वह दो साल में भी पूर्ण नहीं हो पाया है। इस लेटलतीफी को लेकर संबंधित अधिकारी को भरी सभा में फटकार सुननी पड़ी।


बस्तर जिले के बकावंड ब्लॉक मुख्यालय में सीएचसी भवन के निर्माण का कार्य अनुबंध एवं शर्तों के आधार पर दो वर्षो में भी पूर्ण नहीं हो पाने पर जिला पंचायत उपाध्यक्ष ने सामन्य सभा बैठक में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के कार्यपालन अभियंता श्री देवांगन को जमकर फटकार लगाई। कार्यपालन अभियंता को नोटिस जारी कर कार्य में हुए विलंब पर तीन दिनों में जवाब देने के लिए कहा गया है। पिछले दिनों हुई जिला पंचायत बस्तर की सामान्य सभा बैठक में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं सदस्य क्षेत्र के विकास कार्यों में हो रहे विलंब को लेकर काफी आक्रोशित नजर आए। लापरवाह अधिकारी को फटकार लगाते हुए अधूरे कार्यों को पूर्ण करने में तेजी लाने के निर्देश दिए गए। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सीएचसी बकावंड के निर्माणाधीन भवन के सिविल कार्य के लिए निविदा 10 जून 2020 को स्वीकृत हुई थी। लगभग 46 लाख की लागत के इस निर्माण कार्य को 23 जून 2020 के अनुबंध एवं शर्तों के आधार पर बारिश सहित 8 माह में पूर्ण किया जाना था। लेकिन लगभग दो साल बीत जाने के बाद भी आज दिनांक तक भवन का कार्य अपूर्ण है। निर्माण एजेंसी ग्रामीण यंत्रिकी सेवा विभाग ( आरईएस ) को बनाया गया था। भवन निर्माण कार्य को तय समय सीमा में पूर्ण नहीं करने पर आरईएस के कार्यपालन अभियंता को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
लापरवाह अधिकारी पर होगी कार्रवाई
जिला पंचायत उपाध्यक्ष मनीराम कश्यप ने बताया कि सीएचसी बकावंड से प्राप्त शिकायत के आधार पर उक्त मामले को जिला पंचायत की सामान्य सभा में गंभीरता से लिया गया। विभाग के अधिकारी मामले में गोलमोल जवाब देते रहे। अधिकारी बैठक में आधी अधूरी जानकारी के साथ उपस्थित थे। ऐसे ही अधिकारी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के कार्यपालन अभियंता को नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब मांगा गया है। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर उनके उच्चाधिकारियों से शिकायत कर कार्रवाई की अनुशंसा की जाएगी।
अधिकारी ने रोया फंड का रोना
जिला पंचायत से मिले नोटिस का जवाब आरईएस के कार्यपालन अभियंता श्री देवांगन ने दे दिया है। जवाब में फंड की कमी का रोना अधिकारी ने रोया है। जवाब में बताया गया है कि सीएचसी भवन में वेटिंग हाल, शौचालय, नाली, बाउंड्री वॉल, मरम्मत आदि के कार्य पूर्ण कराए जा चुके हैं। अर्श क्लीनिक और लेबर रूम के निर्माण में देरी की वजह कार्य स्थल पर स्थित पानी टंकी थी। इस टंकी के कारण निर्माण कार्य में बाधा आ रही थी। टंकी को तोड़े बिना कार्य को अंजाम देना संभव नहीं था। उसे तोड़ने के लिए ग्राम पंचायत को पत्र लिखा गया था, लेकिन ग्राम पंचायत ने टंकी को तोड़ने में डेढ़ साल लगा दिए। टंकी टूटने के बाद विभाग के इंजीनियरों ने ले – आउट दिया। मगर निर्माण मद के लिए राशि उपलब्ध ना रहने से ठेकेदार को भुगतान नहीं हो सका और कार्य अटक गया। फंड उपलब्ध होते ही कार्य आरंभ करा दिया जाएगा।