दंतेवाडा/ छत्तीसगढ विगत तीन वर्षों में हमने वैश्विक महामारी कोरोना जैसी त्रासदी को झेला, महामारी ने हमारी सम्पूर्ण स्थिति को तहस नहस कर रख दिया। ऐसे में आज की सबसे मूलभूत प्रक्रिया शिक्षा भी लगभग तीन वर्षों तक ठप रही, केवल डिजिटल रूप से थोड़ी बहुत शिक्षा को जारी रखा गया था। भौतिक रूप से शिक्षा असंभव थी ऐसे में आज की स्थिति में जब महामारी नियंत्रण में है। तब शिक्षा की गुणवत्ता व निरंतरता पर ध्यान देना अत्यंत आवश्यक हो गया है।इस महत्वपूर्ण विषय पर भाजपा प्रदेश मंत्री व महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष दंतेवाड़ा व ओजस्वी भीमा मंडावी जी ने गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि शिक्षा मानव जाति के लिए वर्तमान में सबसे बड़ी आवश्यकता है। शिक्षा के अभाव में मनुष्य केवल पशु समान होता है, लेकिन जब हमने कोरोना जैसी महामारी का दंश झेला तव मजबूरन सरकार को शिक्षा जैसी सतत प्रक्रिया को भौतिक रूप से बंद करना पड़ा और आनलाइन शिक्षा व्यवस्था का सहारा लेना पड़ा पर वह भी उतनी सफल नही हो पाई। जब से कांग्रेस सरकार आई है, शिक्षा के मंदिर को एक राजनीतिक अखाड़ा के रूप में इस्तेमाल करने से भी। उनको गुरेज नहीं है। आज जब स्थिति अनुकूल है तब सरकार को शिक्षा की खोई हुई गुणवत्ता को बनाने व सुदृढ़ करने लिए प्रयाश करना चाहिए न कि शिक्षकों को अन्य गतिविधियों में संलग्न कर व्यस्त रखा जाए।