निगेटिव पॉलिटिक्स की शिकार भाजपा बहा रही घड़ियाली आंसू

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  • भाजपा नेताओं पर संसदीय सचिव रेखचंद जैन का करारा हमला
  • जनता के बार -बार रिजेक्ट किए जाने के बाद भी नहीं ली सीख
  • एनएमडीसी के मसले पर मोदी सरकार से बातचीत करें भाजपाई


जगदलपुर संसदीय सचिव व जगदलपुर विधायक रेखचंद जैन ने कहा है कि बस्तर में भाजपा निगेटिव पॉलिटिक्स की शिकार है। बस्तर में स्थित सभी 12 विधानसभा सीटें गंवाने और उप चुनावों में लगातार हारने के बाद भी भाजपा नेताओं ने सबक नहीं सीखा है। जनहित की राजनीति करने की बजाय वे ढकोसला कर रहे हैं। यदि वे जनता के सच्चे हमदर्द हैं, तो केंद्र की मोदी सरकार से कहकर नगरनार के एनएमडीसी स्टील प्लांट का काम शीघ्र पूरा कराएं और केंद्र के रूख को तत्काल स्पष्ट करवाएं।
रेखचंद जैन ने एक बयान में कहा है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह साफ कह दिया है कि अगर केंद्र सरकार स्टील प्लांट का संचालन नहीं कर सकेगी, तो छत्तीसगढ़ सरकार इसे चलाएगी। उनके इस बयान से भयभीत होकर केंद्र सरकार ने आनन फानन में यह कानून बनाया कि कोई भी राज्य सरकार ऐसे उपक्रमों का संचालन नहीं कर सकती। इस कानून का मकसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मित्रों को लाभ पहुंचाना है। जैन ने कहा है कि नगरनार स्टील प्लांट को लेकर बस्तर के प्रभारी मंत्री कवासी लखमा, सांसद दीपक बैज, बस्तर आदिवासी विकास प्राधिकरण अध्यक्ष लखेश्वर बघेल आदि हमारे पार्टी नेताओं की राय भी मुख्यमंत्री की जैसी ही है। वहीं भ्रमित भाजपा नेता दोमुंही बातें कर रहे हैं। अगर वे बस्तर की जनता के सच्चे हितैषी हैं, तो केंद्र की मोदी सरकार से बात कर शीघ्र प्लांट का काम पूरा करवाएं। नगरनार स्टील प्लांट पर अपनी पार्टी व केंद्र सरकार की नीति भी स्पष्ट कराएं।
तब क्या इनके मुंह में दही जम गया था ?
जैन ने यह भी कहा है कि चार साल पहले जब बस्तर संभाग के सबसे बड़े महारानी अस्पताल में भाजपा की राज्य सरकार ताला लगा रही थी, तब भाजपा के यहां के किसी भी नेता का मुंह नहीं खुल रहा था। आज जनता को भ्रमित करने उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सेवाओं की बात वे कह रहे हैं। तब प्रदेश सरकार में मंत्री, सांसद, विधायक, आयोग, निगम व मंडल अध्यक्ष भाजपा के थे। भाजपा और इसके नेताओं ने अपने 15 साल के कार्यकाल में जिस प्रकार की तकलीफें दी हैं, उससे बस्तर की जनता इन्हें कभी माफ नहीं करेगी। पिछले चुनाव में भी जनता ने इन्हें सबक सिखाया था और आगामी चुनावों में भी ऐसा ही होगा।