सीआरपीएफ के महानिरीक्षक ने बमबारी की खबर को बताया झूठा

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  • आईजी के मुताबिक नक्सालियों की फायरिंग का जवाब फायरिंग से दिया गया, नक्सली भाग निकले
  • माओवादी संगठन ने सुरक्षा बलों पर लगाया हेलीकाप्टर से जंगलों में बम बरसाने का आरोप
  • सोशल मीडिया पर कौन चला रहा है बमबारी की खबरें ? यह जांच का मसला

जगदलपुर दो दिन से सोशल मीडिया पर यह प्रचारित किया जा रहा है कि बस्तर और तेलंगाना के सीमावर्ती जंगलों में सुरक्षा बलों द्वारा हेलीकाप्टर और ड्रोन के जरिए बम बरसाए जा रहे हैं। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के महानिरीक्षक ने ऐसी खबरों को बेबुनियाद बताया है। उन्होंने कहा है कि सर्च ऑपरेशन पर निकले जवानों पर नक्सलियों ने फायरिंग की थी, जिसका जवाब फायरिंग से दिया गया। जवानों के आगे नक्सली टिक नहीं पाए और भाग खड़े हुए। वहीं माओवादी संगठन ने भी बमबारी की जाने का दावा किया है। माओवादियों का कहना है कि सुरक्षा बलों की बमबारी के चलते ग्रामीण घरों से निकल नहीं पा रहे हैं।सीआरपीएफ छत्तीसगढ़ सेक्टर के महानिरीक्षक ने एक बयान जारी कर बमबारी की खबर को सरासर झूठा करार दिया है। उन्होंने कहा है कि कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर खबर फैलाई जा रही है कि तेलंगाना से लगे बीजापुर और सुकमा के सीमावर्ती इलाकों में हेलीकाप्टर के जरिए नक्सलियों पर हमले किए जा रहे हैं, जो कि पूरी तरह से बेबुनियाद है। उन्होंने जानकारी दी है कि तेलंगाना राज्य से लगे सुकमा और बीजापुर के सीमावर्ती इलाकों में नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में 11 जनवरी को बल की कोबरा बटालियन की एक टुकड़ी को हेलीकाप्टर से फारवर्ड ऑपरेटिंग बेस के लिए रवाना किया गया था। हेलीकाप्टर के लैंड होने के दौरान नक्सलियों कोबरा बटालियन के जवानों और हेलीकाप्टर को निशाना बनाते हुए फायरिंग शुरू कर दी। जवानों ने तुरंत मोर्चा सम्हाल लिया और जवाबी फायरिंग की। जवाबी फायरिंग से घबराकर नक्सली भाग खड़े हुए। नक्सलियों की फायरिंग में बल के जवानों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। जवाबी फायरिंग में नक्सलियों को कितनी क्षति पहुंची है, इसका पता लगाया जा रहा है। क्षेत्र में सर्च अभियान चलाया जा रहा है। आईजी ने कहा है कि सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन एक विशेष फोर्स है, जिसे राष्ट्रविरोधी तत्वों से निपटने के लिए निपुण किया गया है और यह नक्सलियों से निपटने में पूरी तरह से सक्षम है। आईजी ने कहा है कि सरकार द्वारा चलाई जा रही विकास की गतिविधियों के कारण नक्सली ग्रामीणों का समर्थन खोते जा रहे हैं। ये है नक्सली संगठन का दावा वहीं दूसरी ओर नक्सली संगठन भारत की कम्युनिस्ट पार्टी ( माओवादी ) ने दावा किया है कि सुरक्षा बलों ने हेलीकाप्टर और ड्रोन के जरिए जंगलों में तथा ग्रामीण आबादी के आसपास बम बरसाए हैं। इसके कारण ग्रामीणों में डर का माहौल है। संगठन की दक्षिण बस्तर डिवीजन कमेटी के सचिव गंगा ने एक प्रेस नोट जारी कर कहा है कि सुरक्षा बलों ने 11 जनवरी को सुबह 11 बजे दक्षिण बस्तर के पामेड़ व किस्टारम के सरहदी इलाकों में स्थित मड़कनगुड़ा, मेट्टागुड़ा, बोट्टेतोंग, साकिलेर, मड़पादुलेड, कन्नेमरका,पोट्टेमंगुम, बोत्तलंका, रसापाल और एर्रापल्ली गंवों, जंगलों व पहाड़ों को निशाना बनाकर हेलीकाप्टर और ड्रोन के जरिए बमबारी की। इसकी वजह से ग्रामीण खेती किसानी का काम नहीं कर पा रहे हैं। गंगा का कहना है कि इसके पहले बीते साल 15 अप्रेल को भी इसी इलाके में बम बरसाए गए थे। 11 जनवरी को पूरे दिन रुक रुक कर हमले किए जाते रहे। कहा गया है कि महीने भर से हेलीकाप्टर द्वारा इलाके की निगरानी करते हुए हवाई हमले किए जा रहे हैं। सचिव गंगा ने कहा है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा कोरबा में दिए गए बयान के बाद सुरक्षा बलों ने घेरा डालो, उन्मूलन करो अभियान चलाकर हमारी पार्टी, पीएलजीए, जनता और आदिवासियों का सफाया करने का अभियान केंद्र की हिंदुत्ववादी और फासीवादी सरकार तथा छत्तीसगढ़ की आदिवासी विरोधी सरकार चला रही है। संगठन ने इसके खिलाफ बड़ा जन आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया है।