ओलावृष्टि और तूफान से बस्तर में 100 करोड़ से अधिक की क्षति

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  • सैकड़ों पेड़ धाराशाई, मिर्च और टमाटर की फसलें हो गईं तबाह
  • नुकसान के आकलन के निर्देश दिए बस्तर विधायक लखेश्वर बघेल ने

बस्तर शनिवार को प्रकृति का गुस्सा बस्तर विकासखंड के किसानों पर कहर बनकर टूट पड़ा। तेज आंधी तूफान से सैकड़ों एकड़ रकबे में लगी मिर्च और टमाटर की फसलें बर्बाद हो गईं तथा सकड़ों पेड़ धराशाई हो गए। बस्तर विधायक एवं बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल ने जिला प्रशासन को प्राकृतिक आपदा से हुई क्षति का आकलन कर प्रभावित किसानों को जल्द मुआवजा दिलाने के निर्देश दिए हैं।

बस्तर ब्लॉक में शनिवार को हुई भारी बारिश, तेज आंधी तूफान और ओलावृष्टि ने जमकर तबाही मचाई है।किसानों और ग्रामीणों को काफी नुकसान पहुंचा है। ओलों की मार से किसानों के खेतों में टमाटर व मिर्च की फसल नष्ट हो गईं। फलों से लदे टमाटर व मिर्च के पौधे टूटकर उड़ गए। पौधों के नाम पर अब सिर्फ तनों के निचले भाग ही शेष रह गए हैं। वहीं लोगों के घरों के पेड़ सड़कों पर गिर गए हैं। सड़क किनारों के भी सैकड़ों पेड़ धाराशाई हो गए हैं। पचासों घरों को भी भारी नुकसान पहुंचा है। मंजर ऐसा दिखाई दे रहा है, मानो एकसाथ सैकड़ों पागल हाथी सबकुछ रौंदते हुए पूरे विकासखंड से गुजरे हों। 18 मार्च को दोपहर करीब 3 बजे मौसम ने अचानक करवट बदली और देखते ही देखते तेज हवाओं के साथ तूफान उठ खड़ा हुआ। तेज आंधी तूफान के बीच बड़े-बड़े ओले गिरने लगे। ओले 100 से 150 ग्राम तक वजनी थे। राह चलते लोग सुरक्षित ठिकानों की तलाश में इधर उधर भागने लगे। घरों की सीमेंट शीटें टूट फुट गईं, खपरैल भी पूरी तरह टूट गए। सड़कों के किनारे बड़ी संख्या में पेड़ गिरने से आवागमन भी काफी देर तक बाधित रहा।

सब्जी उत्पादकों को करोड़ों का नुकसान

सब्जी की खेती के लिए बस्तर विकासखंड के किसान पूरे छत्तीसगढ़ में मशहूर हैं। यहां के किसान बड़े पैमाने पर सभी तरह की सब्जियां उगाते हैं। मिर्च और टमाटर की खेती यहां सर्वाधिक होती है। इन दिनों मिर्च टमाटर से पौधे लदे हुए नजर आ रहे थे। अचानक भारी ओलावृष्टि होने, तेज आंधी चलने तथा जमकर बारिश होने से बस्तर अंचल के सैकड़ों किसानों के खेतों, बाड़ियों और फार्म हाउस में लगी सब्जी फसलों के नष्ट हो जाने से उन्हें 100 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ है। बस्तर अंचल में 500 एकड़ से अधिक रकबे में मिर्च की और लगभग 400 एकड़ में टमाटर की फसल ली गईं थी, जिसे ज्यादा नुकसान हुआ है। प्रभावित किसान फतेसिंह परिहार, भृगु तिवारी, संग्राम सेंगर, जितेंद्र परिहार, पवन मरकाम, पतिराम मौर्य ने बताया कि मिर्च की खेती पर प्रति एकड़ ढाई लाख रु. तक की राशि खर्च करनी पड़ती है। वहीं टमाटर की खेती में भी इतनी राशि किसान व्यय करते हैं। असमय हुई इस तबाही से किसान मायूस हैं।

दिया जाए मुआवजा : लखेश्वर बघेल

बस्तर विधानसभा क्षेत्र में प्राकृतिक आपदा से मची तबाही की खबर मिलने के बाद विधायक लखेश्वर बघेल ने तत्काल कलेक्टर चंदन कुमार एवं एसडीएम बस्तर ओमप्रकाश वर्मा को निर्देश देते हुए कहा कि टीम बनाकर किसानों को हुए नुकसान का आंकलन कराएं और प्रभावित किसानों व ग्रामीणों को तत्काल मुआवजा दिलाने की पहल करें। श्री बघेल ने कहा कि टमाटर और मिर्च की फसलें पूरी तरह चौपट हो गईं हैं, पचासों ग्रामीणों के घरों को भी नुकसान पहुंचा है। इनका अलग अलग आंकलन कराकर मुआवजा राशि स्वीकृत की जाए। विधायक एवं बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल ने कहा है कि वे इस मामले सेमुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी अवगत कराएंगे।