- मुख्यमंत्री के लगातार प्रवास और सांसद दीपक बैज की सक्रियता से फिलहाल कांग्रेसी माहौल
- भाजपा के बड़े नेता भी बेहतर फोकस कर रहे हैं आदिवासी बहुल बस्तर संभाग पर
अर्जुन झा
बस्तर आदिवासियों की भरपूर आबादी वाले बस्तर संभाग में हाल फिलहाल कांग्रेस की स्थिति मजबूत बनी हुई है। वहीं भारतीय जनता पार्टी भी धीरे – धीरे ही सही आदिवासियों की इस सरजमीं पर अपने पांव जमाती जा रही है। बस्तर संभाग में लोकसभा की दो और विधानसभा की बारह सीटें हैं। लोकसभा की बस्तर सीट पर कांग्रेस काबिज है। वहीं सभी विधानसभा सीटें कांग्रेस के कब्जे में हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल संभाग के दौरे पर आते रहते हैं। आदिवासियों के मन में उन्होंने कांग्रेस के प्रति भरोसा जगाने में आशातीत सफलता पाई है। वहीं रही सही कसर को बस्तर के सांसद दीपक बैज पूरी करने में लगे हुए हैं। इन समवेत प्रयासों से कांग्रेस की स्थिति मजबूत बनी हुई है। बस्तर की सभी सीटें गंवाने के बाद भाजपा ने सबक लिया है और अब इस पार्टी के बड़े नेता यहां की सभी विधानसभा सीटों पर कुछ ज्यादा ही फोकस कर रहे हैं। भाजपा के बड़े नेताओं का बस्तर में पॉलिटिकल टूर शुरू हो गया है। भाजपा के शीर्ष नेता हताशा एवं निराशा के गर्त में जा चुके स्थानीय नेताओं व कार्यकर्त्ताओं में नया जोश भरने तथा पार्टी की जमीन तैयार करने में लगे हुए हैं। छत्तीसगढ़ का बस्तर संभाग राजनैतिक, प्रशासनिक और भौगोलिक दृष्टि से दो जोन में बंटा हुआ है। एक जोन है उत्तर बस्तर और दूसरा दक्षिण बस्तर। उत्तर बस्तर के अंतर्गत तीन जिले क्रमशः कांकेर, नारायणपुर और कोंडागांव हैं। कांकेर जिले में विधानसभा सीटें कांकेर, भानुप्रतापपुर, अंतागढ़ हैं। वहीं नारायणपुर जिले में नारायणपुर एवं कोंडागांव जिले मे कोंडागांव व केशकाल सीटें हैं। उत्तर बस्तर की ये सभी सीटें वर्तमान में कांग्रेस के कब्जे में हैं। कांकेर से शिशुपाल शोरी, जो संसदीय सचिव भी हैं, भानुप्रतापपुर से सावित्री मंडावी, अंतगाढ़ से अनूप नाग, नारायणपुर से चंदन कश्यप इस क्षेत्र से कांग्रेस के वर्तमान विधायक हैं। चंदन कश्यप को राज्य सरकार ने हस्तशिल्प विकास बोर्ड का अध्यक्ष भी नियुक्त कर रखा है। कोंडागांव जिले की कोंडागांव सीट से प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम विधायक हैं। वहीं केशकाल से संतराम नेताम विधायक चुने गए हैं। संतराम नेताम के विधानसभा उपाध्यक्ष का दायित्व भी सम्हाल रहे हैं। बस्तर जिले में तीन विधानसभा बस्तर क्षेत्र आते हैं। इनमें बस्तर सीट से लखेश्वर बघेल, जगदलपुर सीट से से रेखचंद जैन, एवं चित्रकोट सीट से राजमन बेंजाम कांग्रेस के विधायक हैं। लखेश्वर बघेल को बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष भी बनाया गया है, जबकि जगदलपुर के विधायक रेखचंद जैन को श्रम एवं नगरीय प्रशासन विभाग के संसदीय सचिव की जिम्मेदारी भी राज्य सरकार ने सौंप रखी है। दंतेवाड़ा से कांग्रेस विधायक देवती कर्मा हैं वहीं बीजापुर से विक्रम मंडावी कांग्रेस के विधायक हैं। सुकमा जिले की इकलौती विधानसभा सीट से कवासी लखमा विधायक हैं। लखमा राज्य सरकार में आबकारी एवं उद्योग मंत्री हैं तथा उन्हें बस्तर जिले का प्रभारी मंत्री भी बनाया गया है।
भानुप्रतापपुर में चुनौती है सर्व आदिवासी समाज
कांग्रेस विधायक मनोज मंडावी के निधन से रिक्त हुई उत्तर बस्तर की भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट के उप चुनाव में स्व. मंडावी की धर्मपत्नी सावित्री मंडावी विजयी हुई हैं। इस उप चुनाव में सर्व आदिवासी समाज ने प्रत्याशी उतारकर कांग्रेस और भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी थीं। सर्व आदिवासी समाज के उम्मीदवार ने इस उप चुनाव में काफी वोट हासिल किए। इससे इस बार होने वाले आम चुनाव में भी भानुप्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र में सर्व आदिवासी समाज की दमदार उपस्थिति को नकारा नहीं जा सकता। सर्व आदिवासी समाज इस सीट पर फिर चुनाव लडता है, तो इससे कांग्रेस और भाजपा दोनों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। कांग्रेस की सावित्री मंडावी एवं भाजपा के पराजित प्रत्याशी ब्रम्हानंद नेताम को आगामी आम चुनाव में बदले जाने की चर्चा जोरों पर है। अभी भी इस विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस की स्थिति मजबूत है।
अंतागढ़: भाजपा सदमे में, कांग्रेस मजबूत
नारायणपुर की राह आसान नहीं
सामान्य सीट जगदलपुर को खास बना दिया रेखचंद जैन ने
चित्रकोट में बेंजाम की मुश्किलें
बस्तर में लखेश्वर ने बना ली है अच्छी पैठ बस्तर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता लखेश्वर बघेल कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ सरकार ने श्री बघेल को बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष भी नियुक्त कर रखा है। लखेश्वर बघेल इस दोहरी जिम्मेदारी को बखूबी निभाते आ रहे हैं। वे विधानसभा क्षेत्र के सघन दौरा कर लोगों से लगातार मेल मिलाप बनाए रखते हैं। इस कारण उनकी स्थिति काफी मजबूत है। पिछले चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी रहे सुभाऊ राम कश्यप चुनाव में हार के बाद क्षेत्र से लगातार अनुपस्थित नजर आ रहे हैं। इस वजह से विधानसभा क्षेत्र में उनकी स्थिति बेहतर नहीं मानी जा रही है।
कोंटा में सियासत के शहंशाह हैं कवासी लखमा
सुकमा जिले के एकमात्र कोंटा विधासभा क्षेत्र में वर्तमान विधायक एवं राज्य की कांग्रेस सरकार में केबिनेट मंत्री कवासी लखमा की स्थिति बेहद मजबूत है। दूर -दूर तक भाजपा का कोई भी दमदार प्रत्याशी लखमा को चैलेंज देने की स्थिति में नहीं है। कवासी लखमा का कोंटा में एकछत्र राज चलता है। सहज और मिलनसार आदिवासी नेता कवासी लखमा क्षेत्र के लोगों के दिलों में राज करते हैं।लखमा को कोंटा की सियासत का शहंशाह कहें, तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।
कांग्रेस के लिए संजीवनी साबित होगी सांसद बैज की सक्रियता
दक्षिण बस्तर की बस्तर लोकसभा सीट के कांग्रेस सांसद दीपक बैज अपने लोकसभा क्षेत्र के सभी कांग्रेस विधायकों को पुन: संजीवनी दिलाने का माद्दा रखने वाले नेता माने जाते हैं। बैज कमजोर से कमजोर पार्टी प्रत्याशी को भी जीत दिलाने का दम रखते हैं। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि सांसद दीपक बैज की अपने निर्वाचन क्षेत्र में सक्रियता ही कांग्रेस के विधायकों की जीत में सक्रिय भूमिका निभाएगी। बैज लोकसभा में तो क्षेत्र के हक और विकास के मामलों को लेकर मुखर रहते ही हैं, अपने निर्वाचन क्षेत्र के नागरिकों से भी सतत सम्पर्क बनाए रखते हैं। बैज क्षेत्र को बड़े बड़े विकास कार्यों की सौगात दिला चुके हैं।
आदिवासी संस्कृति के संरक्षण में जुटे हैं भूपेश बघेल
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जिस तरह से आदिवासी संस्कृति और उनके आस्था स्थलों के संरक्षण में जुटे हुए हैं, उसे देखते हुए आदिवासियों में कांग्रेस और भूपेश का भरोसा बढ़ा है। आदिवासियों की देवगुड़ियों के जीर्णोद्धार, घोटुल संस्कृति की पुनः स्थापना के लिए मुख्यमंत्री बघेल ने पर्याप्त राशि आवंटित की है। वन भूमि पर काबिज आदिवासियों को वनभूमि के पट्टे दिए जा रहे हैं। वनोपजों की खरीदी शासन द्वारा अच्छी दरों पर की जा रही है। सांसद दीपक बैज, संसदीय सचिव एवं जगदलपुर के विधायक रेखचंद जैन, बस्तर के विधायक लखेश्वर बघेल भी मुख्यमंत्री की ऐसी पहलों को आगे बढ़ाने में पूरी शिद्दत से लगे हुए हैं।
भाजपा जुटी आदिवासियों को रिझाने में
पिछले चुनाव के दौरान बस्तर में अपनी साख पूरी तरह गंवा चुकी भाजपा अब अपनी पुरानी भूलों को दुरुस्त करते हुए फिर से आदिवासियों को रिझाने में जुट गई है। केंद्र सरकार ने तो आदिवासियों के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं चला रखी है। वहीं राष्ट्रीय एवं प्रदेश स्तर के भाजपा नेता आएदिन बस्तर संभाग के दौरे पर आने लगे हैं। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव, संभाग प्रभारी एवं राजनांदगांव के भाजपा सांसद संतोष पाण्डेय, प्रदेश महिला मोर्चा अध्यक्ष शालिनी राजपूत व अन्य बड़े नेता बस्तर का दौरा कर चुके हैं। संतोष पाण्डेय पार्टी के लोकसभा प्रवास कार्यक्रम के तहत आदिवासियों के साथ बैठकर भोजन कर चुके हैं। इसका अच्छा मैसेज आदिवासी मतदाताओं के बीच गया है। अभी केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का दो दिवसीय बस्तर प्रवास हुआ। शाह केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ( सीआरपीएफ ) के स्थापना दिवस समारोह में भाग लेने यहां आए थे। भाजपा को अपने इन प्रयासों का कितना चुनावी लाभ मिलेगा, यह तो आने वाला वक्त बताएगा।