डेंगू मलेरिया के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग ने बाजारों में छेड़ी मुहिम

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  • हल्बी – गोंडी बोली में गीतों के जरिए किया जा रहा जागरूक

नगरनार डेंगू और मलेरिया के प्रति बस्तर जिले के ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य विभाग व्यापक अभियान चला रहा है। हल्बी और गोंडी बोली के गीतों तथा रैलियों के जरिए लोगों में जागरूकता लाई जा रही है। साप्ताहिक बाजारों में शिविर लगाकर ग्रामीणों के स्वास्थ्य की जांच की जा रही है और उन्हें दवाएं दी जा रही हैं।
राज्य शासन द्वारा चलाए जा रहे मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के तहत कलेक्टर चंदन कुमार के निर्देश पर और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आरके चतुर्वेदी के मार्गदर्शन में गांव गांव में लोगों को जागरूक करने के लिए मुहिम चलाई जा रही हैं। इसी क्रम में लोहंडीगुड़ा स्वास्थ्य विभाग द्वारा विकासखंड लोहंडीगुड़ा के ग्राम बिनता के हाट बाजार में स्वास्थ्य जागरूकता रैली निकाली गई। रैली में सीएमओ डॉ. आरके चतुर्वेदी एवं खंड चिकित्सा अधिकारी लोहंडीगुड़ा डॉ एनएस नाग भी पूरे अमले के साथ मौजूद थे। मांदर की थाप पर गीतों और संदेशों के जरिए संस्थागत प्रसव, कुपोषण, मलेरिया, डेंगू, कोरोना एवं अन्य बीमारियों को लेकर जागरूकता लाई गई। वाहन पर लगे लाउड स्पीकर से हल्बी और गोंडी बोली में संदेश देते गीत लगातार बजाए जा रहे थे। ये कर्णप्रिय गीत ग्रामीणों को सहज आकर्षित कर रहे थे। रैली में राज्य सलाहकार मलेरिया डॉ जितेंद्र, जिला मलेरिया अधिकारी जगदलपुर डॉ. एसएस टेकाम, बीपीएम शकुंतला, केपी पाणिग्राही, सुपरवाइजर संजय जोशी, मायाधर जोशी एवं स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी – कर्मचारी भी शामिल थे।

शिविर लगाकर की गई स्वास्थ्य जांच भी
बिनता गांव के बाजार स्थल के पास विभाग द्वारा स्वास्थ्य शिविर भी लगाया गया। शिविर में बिनता गांव के अलावा बाजार में खरीदारी करने आए अन्य गांवों के ग्रामीणों ने भी अपनी सेहत की जांच कराई। डॉक्टरों ने ग्रामीणों के ब्लड प्रेशर व शुगर लेवल, रक्त की जांच की गई। लोगों का मलेरिया टेस्ट भी किया गया। सर्दी, खांसी, बुखार आदि सामान्य बीमारियों से पीड़ित पाए गए ग्रामीणों को जांच उपरांत दवाएं भी दी गईं। शिविर के दौरान ग्रामीणों को डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों ने मलेरिया व डेंगू के लक्षण बताए तथा ऐसे लक्षण नजर आने पर तुरंत मितानिनों, गांव में कार्यरत नर्स और नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करने की सलाह दी गई। मच्छरों के दंश से बचने के तरीके बताए गए। लोगों से कहा गया कि घरों में तथा आसपास पानी का जमाव न होने दें, कूलर व टंकियों के पानी को हर हफ्ते बदलते रहें, पानी के बर्तनों को हमेशा अच्छी तरह से ढंक कर रखें, सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें, पूरी आस्तीन के कपड़े पहनकर सोएं और शाम होते ही घरों में धुंआ करें।