नप गए भारतीय खाद्य निगम के छत्तीसगढ़ में पदस्थ महाप्रबंधक

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छ्ग राईस मिलर्स एसोसिशन के प्रदेश कोषाध्यक्ष रौशन चंद्राकर ने की थी केंद्रीय मंत्री गोयल से शिकायत

अर्जुन झा

जगदलपुर छत्तीसगढ़ राईस मिलर्स एसोसिशन के कोषाध्यक्ष रौशन चंद्राकर द्वारा केंद्रीय खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री पीयूष गोयल से की गई शिकायत का बड़ा असर हुआ है। श्री चंद्राकर की शिकायत के आधार पर भारतीय खाद्य निगम के छत्तीसगढ़ रीजन के महाप्रबंधक का तबादला चेन्नई कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राईस मिलर्स एसोसिशन के प्रदेश कोषाध्यक्ष रौशन चंद्राकर ने छत्तीसगढ़ में पदस्थ भारतीय खाद्य निगम के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए केंद्रीय मंत्री को पत्र लिखा था। चंद्राकर ने पत्र में मंत्री गोयल को जानकारी दी थी कि छत्तीसगढ़ में स्थित भारतीय खाद्य निगम के गोदामों में चावल स्वीकार करने के एवज में यहां पदस्थ निगम के अधिकारी पहले प्रति लॉट 6 हजार रुपए की रिश्वत लेते थे। इस राशि को बढ़ाकर 7500 रु. प्रति लॉट कर दिया गया है। इसके पीछे दलील दी गई थी कि दिल्ली में बैठे बड़े अधिकारियों, केंद्रीय खाद्य सचिव एवं मंत्री तक को रकम भेजनी पड़ती है। इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए मंत्री पीयूष गोयल ने मामले की सीबीआई जांच की अनुशंसा तो कर ही दी है, निगम के छ्ग रीजन में पदस्थ महाप्रबंधक को चेन्नई स्थानांतरित भी कर दिया है। इस कार्रवाई से निगम के स्थानीय अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। वैसे इस बात में कोई दो राय नहीं है कि रौशन चंद्राकर की शिकायत के आधार पर ही जनरल मैनेजर का तबादला हुआ है, लेकिन राज्य का भाजपा संगठन इसे ओम माथुर इम्पैक्ट बता रहा है। ओम माथुर छत्तीसगढ़ भाजपा के संगठन प्रभारी हैं और वे राज्य का लगातार दौरा कर हर मामले में पैनी नजर बनाए हुए हैं।

अनेक उपक्रमों – संस्थानों में होंगे तबादले

सूत्रों की मानें तो भारतीय खाद्य निगम के छत्तीसगढ़ में पदस्थ और भी अनेक अफसरों पर तो गाज गिरने वाली है ही, अन्य उपक्रमों और संस्थानों के बड़े अफसरों की जल्द रवानगी छत्तीसगढ़ से होने वाली है। सूत्र बताते हैं कि केंद्र सरकार के उपक्रम सेल के अधीनस्थ भिलाई इस्पात संयंत्र, रावघाट एवं दल्ली राजहरा माइंस, एनएमडीसी किरंदुल बैलाडीला, एनटीपीसी, एचईसीएल समेत अन्य सार्वजनिक उपक्रमों के अफसरों की छत्तीसगढ़ से विदाई की तैयारी कर ली गई है। ज्यादातर वे अफसर केंद्र सरकार के निशाने पर हैं जो जमकर अवैध कमाई कर रहे हैं तथा जिनकी छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार के साथ अच्छी ट्यूनिंग है। आरोप है कि ये अधिकारी प्रदेश के कांग्रेस नेताओं के साथ मिलकर केंद्र सरकार की छवि को नुकसान पहुंचाने में लगे हुए हैं।