दल्लीराजहरा – यह कि वर्तमान में कोरोना संकमण को देखते हुए आगामी हमारे हिन्दुधर्म के महत्वपूर्ण महापर्व शारदीय नवरात्रि हेतु आपके द्वारा कुछ गाईड लाईन जारी किया गया है, जिसमें पंडाल का आकार 15 फीट, मूर्ति का आकार 4 फीट एवं ध्वनि विस्तार यंत्र उपयोग हेतु आदेश जारी किया गया है।
महोदय हमारे हिसाब से माता जी की मूर्ति छोटी हो या बड़ी और पंडाल बड़े होने से तथा ध्वनि विस्तार यंत्र से कोरोना संकमण नहीं फैलेगा। एवं माता जी के पंडाल में ध्वनि विस्तारक यंत्र के द्वारा भजन व गीत चलेगा, इससे भी कोरोना संक्रमण नहीं फैलेगा।
महोदय वैसे भी प्रदेश व जिले में समस्त शराब दुकाने संचालित है, जिसमें भीड़ बनी रहती है। वहाँ बिना मास्क लगाये लोग शराब खरीद रहे हैं, क्या इससे कोरोना नहीं फैलेगा। शराब खरीदने गये व्यक्ति को अगर कोरोना हो जाये तो उसका इलाज शासन द्वारा किया जायेगा, किन्तु माता जी के दर्शन करने गये व्यक्ति को कोरोना संकमण हो जाये तो उसका इलाज आयोजन समिति के द्वारा किया जाये। ऐसा आपका आदेश है। जबकि यह आदेश समझ से परे है, जबकि माता जी की स्थापना जन सहयोग चंदा दान से प्राप्त राशि से किया जाता है।
महोदय, जन भावना एवं आस्था को ध्यान में रखते हुए तथा लाईट डेकोरेटर्स साउण्ड सर्विस, किराया भण्डार जैसे व्यवसायों के व्यवसाय को ध्यान में रखते हुए आदेशों में शिथिलता प्रदान करने का कष्ट करेंगे।
इस तरह हमारे हिन्दु धर्म के आस्था के महापर्व शारदीय नवरात्र आपके द्वारा दिये गये। आदेशों को परिवर्तन कर हमारे हिन्दु धर्म की आस्था को ध्यान में रखते हुए कुछ आदेशों में परिवर्तन करने की कृपा करेंगे।
आदेश में परिवर्तन हेतु हमारी मांगें :
- मूर्ति के आकार पर किसी प्रकार का बंदिश न हो सभी साईज की मूर्ति स्थापना हेतु पूरी तरह छूट दी जाये।
- पंडाल की साईप पर पूरी तरह छूट प्रदान की जाये।
- पंडालों में सी.सी.केमरा लगाये जाने की बाध्यता न हो।
- दर्शन करने गये व्यक्ति का कोरोना संकमित पाये जाने पर उनका उपचार शासन द्वारा किया जाये। पंडालों में सजावट हेतु लाईट डेकोरेगन हेतु अनुमति प्रदान किया जाये।
- मास्क व सोसडिस्टेंशिंग तथा सेनेलाईजर का उपयोग अनिवार्य किया जाये, तथा भीड़ की संख्या में आदेश यथावत रखी जाये।
- सामुहिक प्रसाद वितरण, भण्डारा, परक यथावत रखी जाये।