- डेंगू और मलेरिया से पीड़ित बच्चा था बेहोश, 36 घंटे बाद आया होश
- मेकाज के डॉक्टरों ने ईलाज में दिखाई तत्परता
कोंडागांव जिले के एक बालक को मेकाज के डॉक्टरों ने नया जीवन दिया है। यह बालक 36 घंटे तक कोमा की स्थिति में था और अब तेजी से स्वस्थ होने लगा है।
कोंडागांव जिले के बीरागांव में रहने वाले 13 वर्षीय बालक को अचानक ब्रेन मलेरिया हो गया था। उसे बेहतर उपचार के लिए मेकाज लाया गया। यहां उपचार के दौरान बच्चा डेंगू पॉजिटिव भी पाया गया। बच्चा बेहोश हो गया था। लगातार चिकित्सकों को निगरानी के चलते बालक होश में आने लगा और उठकर बैठ भी गया। अपने कुलदीपक को फिर से जगमगाते देख परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। परिजनों ने इसके लिए चिकित्सकों का धन्यवाद भी ज्ञापित किया। मेकाज के अधीक्षक डॉ. अनुरूप साहू ने बताया कि कोंडागांव के बीरगांव में रहने वाले चमार राम सोरी के 13 वर्षीय बेटे रजनू सोरी को 2 दिसंबर की सुबह सिरदर्द के साथ ही बुखार, पेट दर्द की तकलीफ शुरू हुई थी। परिजन उसे पास के स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहां उसे ब्रेन मलेरिया होना बताया गया। बालक की खराब हालत को देखते हुए उसे मेकाज रेफर किया गया। सुबह 9.30 बजे बालक को मेकाज लाया गया, बच्चे की खराब हालत को देखते हुए तत्काल उसका उपचार शुरू कर दिया गया। उपचार के दौरान अचानक बालक बेहोश हो गया। बच्चे को सांस लेने में भी तकलीफ हो रही थी। डॉक्टरों ने उसे 36 घंटे के लिए वेंटिलेटर पर रखवा दिया। जांच के दौरान ही बालक डेंगू से भी पीड़ित पाया गया। बालक ईलाज के दौरान होश में आया। उसे वेंटिलेटर से बाहर निकाल लिया गया। डॉ. डीआर मंडावी, डॉ. पुष्पराज प्रधान, जेआर इंटर्न के अलावा स्टाफ नर्स की मदद से बालक अब ठीक हो गया है।