जंगल के सपूत केदार कश्यप को बनाया गया वन मंत्री

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  • अब बस्तर को मिलेगा विकास का नया आयाम
  • जल संसाधन, जलवायु परिवर्तन कौशल विकास एवं सहकारिता विभाग भी मिले

जगदलपुर एक गीत इन दिनों पूरे छत्तीसगढ़ में बेहद लोकप्रिय हो चला है। गीत के बोल हैं – आदिवासी जंगल रखवाला…। इस बार जंगल की रखवाली और प्रकृति के संरक्षण का दायित्व सही में एक आदिवासी सपूत को मिला है। बस्तर के जंगलों के सपूत केदार कश्यप को विष्णुदेव साय मंत्रिमंडल में वन मंत्री बनाया गया है। इसके अलावा उन्हें जलवायु परिवर्तन, जल संसाधन कौशल विकास, सहकारिता जैसे अहम विभागों की भी जिम्मेदारी दी गई है। केदार कश्यप को वन मंत्री बनाए जाने से जंगल के रखवाले और प्रकृति के पुजारी आदिवासियों में खुशी व्याप्त हो गई है।
थोड़े लंबे इंतजार के बाद विष्णुदेव साय सरकार में शामिल मंत्रियों को विभाग आवंटित कर दिए गए। वनों से अच्छादित बस्तर संभाग में जन्मे, पले बढ़े और राजनीति का ककहरा सीखते हुए सियासत की बुलंदी पर पहुंचे वनपुत्र केदार कश्यप को वन, जलवायु परिवर्तन, जल संसाधन, कौशल विकास, सहकारिता जैसे महत्वपूर्ण विभाग दिए गए हैं। सही मायने में आदिवासी ही जंगल के रखवाले और प्रकृति के उपासक होते हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जंगल के निवासी आदिवासी सपूत केदार कश्यप को वनमंत्री बनाकर आदिवासी समुदाय का दिल जीत लिया है। नारायणपुर सीट से चुनकर विधानसभा में पहुंचे केदार कश्यप पर आदिवासियों को पूरा भरोसा है कि वे वनों का विनाश रोकने में सार्थक भूमिका निभाएंगे, जलवायु में आ रहे बदलाव को रोकने एवं प्रकृति के संरक्षण की दिशा में कारगर कदम उठाएंगे। एक आदिवासी मंत्री ही वनों की अहमियत को बेहतर ढंग से समझ सकता है। लोगों को उम्मीद है किया जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप बस्तर संभाग में सिंचाई सुविधा के विस्तार, बस्तर के युवाओं के कौशल विकास और बस्तर में सहकारिता को भी नया आयाम देंगे।