राम -रंग और राम -रस से सराबोर हो उठी माई दंतेश्वरी की पावन नगरी

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  • जगदलपुर में बिखरी प्रभु श्रीराम भक्ति की न्यारी छटा
  • विहिप की मातृशक्ति ने शहर में निकाली भव्य शोभायात्रा
    -अर्जुन झा-
    जगदलपुर भगवान राम लला के अपने जन्म स्थान में विराजमान होने के सप्ताह भर पहले से ही माई दंतेश्वरी की नगरी जगदलपुर अयोध्या धाम में तब्दील हो चुकी है। राम – रस और राम – रंग से यह पावन धरा सराबोर हो चुकी है। प्रभु श्री रामचंद्र की भक्ति में जन जन लीन हो गया है। ऐसी न्यारी छटा और धर्म प्रभावना पहली बार देखने को मिला है।

अयोध्या के दिव्य, भव्य श्रीराम मंदिर में रामलला प्रतिमा की स्थापना को लेकर जगदलपुर शहर में अभूतपूर्व उत्साह का वातावरण सप्ताह भर पहले से देखने को मिल रहा है। आध्यात्म के प्रति दिव्य, भव्य एवं अलौकिक चेतना के पुर्नजागरण की अनुभूति इस ऐतिहासिक नगरी के कण कण में हो रही है। अयोध्या से पूजित अक्षत कलश और निमंत्रण पत्रिका जगदलपुर पहुंचने के बाद से ही नगर राममय होने लगा था और आज 22 जनवरी को पूरे शहर के लोग मर्यादा पुरुषोत्तम की भक्ति आराधना में पूरी तरह लीन हो गए। इससे पहले नगर मंडल भाजपा अध्यक्ष सुरेश गुप्ता और नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष संजय पाण्डेय तथा उनकी टीम ने घर घर जाकर रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण दिया था। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष एवं जगदलपुर के विधायक किरण देव सिंह, सुरेश गुप्ता, संजय पाण्डेय, भाजपा, भाजयुमो, महिला मोर्चा, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने मंदिरों की साफ सफाई की थी। जागरण समिति के नेतृत्व में सैकड़ों महिलाओं ने दंतेश्वरी मंदिर परिसर से भव्य कलश शोभायात्रा निकाल कर शहर भ्रमण किया था। तब से अब तक शहर के अधिकांश मंदिरों को आकर्षक ढंग से सजाकर पूजा अर्चना की जा रही है। मंदिरों में भजन कीर्तन चल रहा है, हनुमान चालीसा का पाठ किया जा रहा है। अयोध्या में श्रीराम लला की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर 22 जनवरी को तड़के विश्व हिंदू परिषद की महिलाओं ने भजन कीर्तन और जयकारे के साथ भव्य शोभायात्रा निकाली। शोभायात्रा में शामिल महिलाएं भगवा साड़ियां व पगड़ी पहनी हुई थीं। वहीं पुरुष भी भगवा परिधान में नजर आ रहे थे। श्रीराम के जयघोष, शंखनाद और बाजे गाजे के साथ सभी महिलाओं और रामभक्तों ने शहर भ्रमण किया। शोभायात्रा में हजारों लोग शामिल थे। ओर छोर का पता ही नहीं चल पा रहा था। बड़ा ही विहंगम दृश्य था। शोभायात्रा ने शहर के वातावरण को पूरी तरह धर्ममय बना दिया, इस अदभूत अलौकिक दृश्य को देख हर किसी का तन मन पावन और प्रफुल्लित हो उठा। सुबह से लोगों की भीड़ मंदिरों में उमड़ने लगी थी। मंदिरों में आज विशेष पूजा अनुष्ठान का क्रम पूरे दिन चलता रहा। कई स्थानों पर भंडारे का भी आयोजन किया गया था।

इतिहास रच गई यह दीपावली
रामलला प्राण प्रतिष्ठा की पूर्व संध्या यानि रविवार की शाम जगदलपुर के दलपत सागर में जो दीपावली मनाई गई वह इतिहास रच गई। तीन लाख दीयों की रोशनी से जगमगा उठा था विशाल जलाशय। दीप मालाओं के प्रकाश पुंज से जल, थल, नभ आलोकित हो उठे थे। नगर निगम व जिला प्रशासन की इस अनूठी पहल ने नगरवासियों के दिलों को भी आलोकित कर दिया।जनप्रतिनिधियों व सामाजिक संगठनों के सहयोग से रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की पूर्व संध्या एक दीया प्रभु श्रीराम के नाम दीपोत्सव के इस कार्यक्रम को लेकर शहर के सभी वर्गों में जबरदस्त उत्साह दिखा। इस दीपोत्सव के अवसर पर जमकर आतिशबाजी भी की गई। रंगीन पटाखों की छटा आसमान तक बिखरती रही। पूरा माहौल उल्लास से भर उठा था। रामायण मंडली के संगीतमय रामचरित मानस गायन से आध्यात्म की अलौकिक आभा बिखर उठी थी। बंगाली समाज के महिला पुरुषों द्वारा किए गए शंखनाद ने सोने पे सुहागा का काम किया।