- कोंटा नगर पंचायत के पूर्व लेखापाल ने फर्जी ढंग से पाई सीएमओ पद पर पदोन्नति
- लेखापाल की नियुक्ति से लेकर पदोन्नति तक घालमेल
अर्जुन झा
जगदलपुर बस्तर संभाग के सुकमा जिले के कोंटा विकासखंड फर्जीवाड़ा एवं कागजों पर विकास कार्य कराने, निर्माण कार्यों में अफसरों की कमीशनखोरी के लिए हमेशा सुर्खियों में रहता आया है। हद तो तब हो गई, जब एक लेखपाल को शासन के नियमों और प्रावधानों के विपरीत जाकर सीधे नगर पंचायत का सीएमओ बना दिया गया।
नियम विरुद्ध पदोन्नति का यह मामला मामला कोंटा नगर पंचायत का है। नगर पंचायत में पूर्व में पदस्थ रहे लेखापाल नत्थूराम सोरी को बिना किसी योग्यता और शासकीय आदेश के सीधे नगर पंचायत का सीएमओ बना दिया गया। सुकमा जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा कराई गई जांच में इस गफलतबाजी का खुलासा हुआ है। जिला पंचायत सुकमा के सीईओ द्वारा गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट में पाया गया है कि कोंटा नगर पंचायत के पूर्व लेखापाल को गलत तरीके से पदोन्नत कर कोंटा नगर पंचायत का ही सीएमओ बना दिया गया था। सोरी वर्तमान में दंतेवाड़ा जिले की बचेली नगर पंचायत में सीएमओ के पद पर पदस्थ हैं। अग्रिम कार्रवाई की अनुशंसा के साथ जांच रिपोर्ट बस्तर कमिश्नर को भेजी गई है। इसकी प्रतिलिपि नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के संयुक्त संचालक को भी भेजी गई है। ज्ञात हो कि कोंटा नगर पंचायत में पूर्व में पदस्थ रहे लेखपाल व सीएमओ श्री सोरी की पदोन्नति को लेकर भाजपा नेता लगातार आरोप लगाते हुए मामले की जांच की मांग की करते आ रहे हैं। अब सत्ता परिवर्तन के बाद मामले का जिन्न बोतल से फिर बाहर आ गया है। बिना योग्यता, अर्हता और शासकीय आदेश के सन 2018-19 में पूर्ववर्ती कांग्रेस शासनकाल के दौरान कोंटा नगर पंचायत के लेखापाल नत्थूराम सोरी को पदोन्नत कर कोंटा नगर पंचायत का ही सीएमओ बना दिया गया था। इस नगर पंचायत में कई वर्षों तक पदस्थ रहने के बाद सन 2022 में नत्थूलाल सोरी का तबादला सुकमा नगर पंचायत में किया गया था। सुकमा नगर पंचायत में कुछ माह तक रहने के बाद वहां से उनका तबादला दंतेवाड़ा जिले की बचेली नगर पंचायत में कर दिया गया। वे वर्तमान में नगर पंचायत बचेली में सीएमओ के पद पर कार्यरत हैं।
जांच में उजागर हुआ फर्जीवाड़ा
कोंटा के नेताओं ने नगर पंचायत कोंटा के लेखपाल को सीएमओ पद पर पदोन्नत किए जाने को लेकर सुकमा के कलेक्टर एवं संयुक्त संचालक नगरीय निकाय को शिकायत पत्र भेजा था। सुकमा कलेक्टर के आदेशानुसार मामले की जांच कराई गई थी। जिला पंचायत सुकमा के लेखा अधिकारी प्रशांत प्रधान, समन्वयक शिकायत निवारण मनरेगा शाखा ओंकार साहू एसं अन्य सदस्यों के हस्ताक्षर से जांच रिपोर्ट अधिकारी को एक माह पूर्व ही सौपी जा चुकी है। रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि लेखापाल को गलत तरीके से सीएमओ के पद पर पदोन्नत किया गया है। पदोन्नति के लिए छग शासन की ओर से कोई आदेशा जारी ही नहीं किया गया है। पदोन्नति नियम विरूद्ध की गई है। *बॉक्स*
नियुक्ति से पदोन्नति तक घालमेल
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 24 फरवरी 2012 -13 को हुई जिला चयन समिति की बैठक में की गई अनुशंसा पर 7 मार्च 2013 -14 नगर पंचायत कोंटा के अध्यक्ष के प्रस्ताव क्रमांक 3 में पारित आदेशानुसार नत्थूलाल सोरी को लेखापाल पद पर दो वर्ष की परीविक्षाधीन अवधि के लिए नियुक्त किया गया था। कुछ वर्ष बाद ही वे अफसरों एवं नेताओं से सांठगांठ कर और अच्छा खासा चढ़ावा देकर खुद को फर्जी ढंग से पदोन्नत कराने में कामयाब हो गए। इसके बाद श्री सोरी कई वर्षों तक कोंटा नगर पंचायत में सीएमओ के पद पर पदस्थ रहे। इस दौरान उन्होंने बड़े ही गोपनीय तरीके से टेंडर निकाल कर अपने चहेते ठेकेदारों को लाखों- करोड़ों के कार्य आवंटित करने में और कमीशन के खेल में लगे रहे। हाल ही में 2 करोड़ की टेंडर प्रक्रिया को निरस्त करते हुए दुबारा टेंडर बुलाने का निर्देश सुकमा कलेक्टर द्वारा जारी किया जा गया है।
कार्रवाई के लिए कमिश्नर को पत्र
गलत तरीके से पदोन्नति का खुलासा जांच में होने के बाद सुकमा कलेक्टर ने आगे की कार्रवाई के लिए बस्तर संभाग के कमिश्नर को पत्र भेजा है। अनुशंसा पत्र की प्रतिलिपि नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के संयुक्त संचालक को भी भेजी जाने की खबर है। नत्थूलाल सोरी वर्तमान में बचेली नगर निगम में सीएमओ के पद पर पदस्थ हैं।