साय सरकार की मंशा फलीभूत हो रही है नक्सल प्रभावित इलाकों में

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  •  विश्वास, विकास, सुरक्षा, न्याय और सेवा के आधार पर हो रहे हैं जनहित के कार्य
  • व्यवस्था के प्रति भरोसा जगाने में मिली कामयाबी
  • ग्रामीणों के लिए वरदान बने नक्सल गढ़ के सुरक्षा कैंप

अर्जुन झा-

जगदलपुर छत्तीसगढ़ की वर्तमान भाजपा सरकार के पंचतत्व विश्वास, विकास, सुरक्षा, न्याय और सेवा के सिद्धांत के आधार पर नक्सल गढ़ में विकास, इंसाफ, विश्वास और सेवा की नई गाथा लिखी जा रही है। यह संभव हो पा रहा है नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा बलों के कैंप स्थापित होने से। छत्तीसगढ़ पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों के जवान नक्सली गतिविधियों पर अंकुश लगाने में तो कामयाब हो ही रहे हैं, इन इलाकों के ग्रामीणों में लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं के प्रति भरोसा जगाने में भी उन्हें बेहतरीन कामयाबी मिल रही है। भरोसे की बुनियाद इस कदर मजबूत होने लगी है कि सुरक्षा बलों द्वारा लगाए जाने वाले स्वास्थ्य शिविरों में शीर्ष नक्सलियों के रिश्तेदार भी ईलाज कराने पहुंच रहे हैं। यही तो हैं अच्छे दिन। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नारे – ‘अच्छे दिन आएंगे’ को धरातल पर उतार रहे हैं

छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार आने के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उनकी केबिनेट ने कई ऐसे फैसले लिए और कदम उठाए हैं, जिनकी तारीफ तो बनती ही है। हम बस्तर संभाग में चल रही गतिविधियों के नजरिए से देखें, तो दिल को सुकून देने वाली बातें सामने आ रहीं हैं। 19 फरवरी को ही बस्तर संभाग के सुकमा एवं बीजापुर जिलों के सीमावर्ती क्षेत्र में स्थित जगरगुंडा थाने के ग्राम पूवर्ती में जो नजारा दिखा वह बताता है कि डबल इंजन की सरकार बेहतरीन परफॉरमेंस दिखा रही है। पूवर्ती गांव शीर्ष और लाखों के ईनामी नक्सली कमांडर हिड़मा और बारसे देवा का गृहग्राम है। इस गांव में नवस्थापित सुरक्षा कैंप द्वारा स्थानीय ग्रामीणों के लिए स्वास्थ्य शिविर लगाया गया था। शिविर में पुलिस एवं सुरक्षा बल के पैरा मेडिकल स्टॉफ ने ग्रामीणों की स्वास्थ्य जांच कर उन्हें आवश्यक दवाईयां एवं परामर्श दिया।

नक्सलियों के परिजनों ने भी कराया इलाज

स्वास्थ्य शिविर में पूवर्ती ग्राम के ग्रामीणों के साथ- साथ नक्सल कमांडर हिड़मा की मां तथा नक्सली संगठन पीएलजीए बटालियन के कमांडर बारसे देवा के परिजनों ने भी स्वास्थ्य जांच करवाई। उनके साथ भी वहां मौजूद अधिकारियों जवानों और उनकी मेडिकल टीम ने वैसा ही सलूक किया, जैसा कि अन्य ग्रामीणों के साथ। सुरक्षा बलों की व्यवहार कुशलता ने सभी का दिल जीत लिया। उल्लेखनीय है कि बस्तर संभाग के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में प्रभावी रूप से नक्सल विरोधी अभियान चलाने के साथ-साथ क्षेत्र की जनता को सड़क, पुल-पुलिया, बिजली आपूर्ति, राशन दुकान, आंगनबाड़ी केंद्र, स्वास्थ्य एवं शिक्षा सुविधा तथा अन्य मूलभूत सुविधाओं से लाभान्वित करने नए सुरक्षा कैंप स्थापित किए जा रहे हैं।इसी कड़ी में बीते 16 फरवरी को पूवर्ती गांव में सीआरपीएफ, एसटीएफ, कोबरा बटालियन डीआरजी बस्तर फाइटर एवं स्थानीय पुलिस द्वारा संयुक्त रूप से नया सुरक्षा कैंप स्थापित किया गया।

ग्राउंड जीरो पर जाते हैं सीनियर अफसर

विगत् एक सप्ताह के भीतर सुकमा एवं बीजापुर जिलों के सीमावर्ती क्षेत्र के ग्राम गुंडम, टेकलगुडे़म एवं पूवर्ती मे कैंप में सुकमा के पुलिस अधीक्षक किरण जी. चव्हाण व बीजापुर के पुलिस अधीक्षक जिला जितेंद्र कुमार यादव दंतेवाड़ा के डीआईजी कमलोचन कश्यप, सुकमा यूनिट सीआरपीएफ के उप महानिरीक्षक अरविंद राय, बीजापुर सीआरपीएफ यूनिट के उप महानिरीक्षक एसके मिश्रा तथा सीआरपीएफ व कोबरा बटालियन के कमांडेंट्स एवं अन्य बलों के अधिकारी लगातार ग्राउंड जीरो पर जाकर जवानों का हौसला बुलंद करते रहते हैं। इसके साथ ही ये सभी अफसर शासन- प्रशासन के प्रति ग्रामीणों का विश्वास जगाने की पहल भी करते हैं।

ये नई सुबह की आहट है : सुंदरराज पी 

पुलिस महानिरीक्षक, बस्तर रेंज सुंदरराज पी. ने बताया कि नबीते वम्बर माह से आज तक साढ़े तीन माह में बीजापुर जिले के पालनार, डुमरीपालनार, चिंतावागू, कावड़गांव, मुतवेंडी एवं गुंडम तथा सुकमा जिले के मुलेर, परिया, सलातोंग, मुकराज कोंडा, दुलेड़, टेकलगुड़ेम व पूवर्ती में सुरक्षा बलों के नए कैंप स्थापित किए गए हैं। इसी तरह कांकेर जिले के पानीडोबीर में कैंप की स्थापना की गई है। अब तक कुल 14 नए सुरक्षा कैंप स्थापित किए जा चुके हैं। नवस्थापित कैंप पूवर्ती में आयोजित स्वास्थ्य शिविर में पहुंच कर शीर्ष माओवादी कैडर के परिजनों और अन्य ग्रामीणों का लाभ उठाना जनहित में किए जा रहे पुलिस, सुरक्षा बल व स्थानीय प्रशासन द्वारा की जा रही पहल का सकारात्मक परिणाम है। आईजी सुंदरराज रेंज ने बताया कि बस्तर क्षेत्र में आगामी दिनोें में शासन के मंशानुरूप विश्वास, विकास, सुरक्षा, न्याय और सेवा के पंचतत्वों के आधार पर पुलिस, सुरक्षा बल व स्थानीय प्रशासन लगातार कार्य करते हुए क्षेत्र के हजारों ग्रामीणों को नक्सल आतंक से मुक्ति दिलाने के साथ ही शासन की विकास परक एवं कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाएंगे।