सरजू टेकाम को तत्काल निशर्त रिहा किया जाए : माइंस श्रमिक संघ

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  •  संघ ने एसडीएम को सौंपा राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन 
    दल्लीराजहरा छत्तीसगढ़ माइंस श्रमिक संघ दल्ली राजहरा ने क्षेत्रीय आदिवासी नेता सुरजू टेकाम को तत्काल निशर्त रिहा करने की मांग करते हुए एसडीएम डौंडी लोहारा को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा है।
    ज्ञापन में कहा गया है कि प्रदेश एवं देश स्तर पर आदिवासियों की आवाज उठाने वाले आदिवासी नेताओं को दमनात्मक तरीके से दबाने का प्रयास लगातार जारी है। फर्जी मामलों में गिरफ्तार कर जेल में डाला जा रहा है। जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण छत्तीसगढ़ के मोहला- मानपुर जिले के मानपुर विकासखंड के ग्राम कलवर निवासी सर्व आदिवासी समाज छत्तीसगढ़ के उपाध्यक्ष व बस्तर जन संघर्ष समन्वय समिति के संरक्षक आदिवासी नेता सुरजू टेकाम को साजिश के तहत विस्फोटक सामग्री रखने के झूठे आरोप में गिरफ्तार किया जाना है। बस्तर में जल, जंगल, जमीन बचाने के मुद्दे पर चल रहे लोकतांत्रिक आंदोलनों और आदिवासी नेताओं पर फर्जी धारा लगाकर आंदोलन को कुचलने की साजिश है। नक्सली गतिविधियों से निपटनें के नाम पर शस्त्रीकरण की प्रक्रिया तेज हो गई है, और पूंजीवादी व्यवस्था व कार्पोरेट घरानों के के लूट के खिलाफ चल रहे लोकतांत्रिक तथा शांतिपूर्वक और अहिंसकात्मक धरना प्रदर्शनों के नेतृत्व करने वाले स्थानीय आदिवासी नेताओं की गिरफ्तारी का क्रम लगातार जारी है। पिछली भाजपा सरकार में सलवा जुडुम जैसे हिंसात्मक अभियान प्रायोजित कर बड़े पैमाने पर आदिवासियों के नागरिक अधिकारों और मानवाधिकारों का हनन करने का कुचक किया गया था। इस असंवैधानिक मुहिम पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद रोक लग पाई थी।

पिछले वर्षों में आदिवासी नेताओं को पुलिस हिरासत में लेकर कड़ी पूछताछ एवं उन्हें मानसिक व शाररिक यातनाएं दी गई थीं। नक्सली और पुलिस मुठभेड़ की जितनी भी घटनाएं अभी तक सामने आई है lजिससे पीड़ित परिवार और ग्रामीणों ने राज्य सरकारें एवं केन्द्र सरकारों पर प्रश्न चिन्ह खड़े किए हैं। संघ ने मांग की है कि निर्दोष आदिवासी नेता सुरजू टेकाम को तत्काल निशर्त रिहा किया जाए, आदिवासियों के दमन तथा फर्जी गिरफ्तारी पर तत्काल रोक लगाई जाए, सरकार द्वारा फर्जी तरीके से गिरफ्तार किए गए सभी निर्दोष आदिवासियों को तत्काल निःशर्त रिहा किया जाए। ज्ञापन देने वालों में अध्यक्ष जिला किसान संघ, बालोद प्रदेश अध्यक्ष हेमंत कांडे बौद्ध महासभा, जनक लाल ठाकुर आदि शामिल थे।