- लखमा को हिरासत में कभी भी ले सकता है ईडी
- दादी के बाद छत्तीसगढ़ के कका की आने वाली है बारी
अर्जुन झा-
जगदलपुर छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी अनिल टुटेजा और उनके पुत्र की ईडी द्वारा की गई गिरफ्तारी से बस्तर के सियासी गालियारे में खलबली मच गई है। आबकारी घोटाले के मामले में अनिल टुटेजा और उनके बेटे को ईडी ने कस्टडी में लिया है। बस्तर में कयासों का दौर चल पड़ा है कि अब पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के भी दिन करीब आ गए हैं और उनकी किसी भी वक्त गिरफ्तारी हो सकती है। चर्चा तो यह भी है कि लखमा दादी के बाद छत्तीसगढ़ के कका को भी ईडी पूछताछ के लिए किसी भी समय बुला सकता है।
सूत्र बता रहे हैं कि अनिल टूटेजा से कल रात हुई पूछताछ के बाद, ईडी दिसम्बर 2024 तक आबकारी विभाग में पदस्थ सभी छोटे बड़े अधिकारियों से पूछताछ के लिए बुला सकता है। आवश्यकता पड़ेगी तो उन्हें हिरासत में भी लिया जाएगा। आज अनिल टुटेजा से पुनः पूछताछ की जा रही है। जिसके आधार पर कल सोमवार को ईडी न्यायालय में आवेदन करने जा रही है। शराब घोटाले में टुटेजा पिता पुत्र की गिरफ्तारी के पश्चात अब कवासी लखमा की बारी बिल्कुल निकट है। सूत्र बता रहे हैं कि 26 अप्रैल के बाद कभी भी कवासी लखमा की गिरफ्तारी संभव है। छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री रहे लखमा के कार्यकाल में ही शराब घोटाला हुआ है। सूत्र बताते हैं कि लखमा से उनकी आय के स्त्रोत और तेलंगाना राज्य के साथ ही सुकमा जिले में उनके द्वारा अर्जित संपत्ति के मामले में पूछताछ होगी। इसके अलावा शराब घोटाले में उनकी भूमिका को लेकर भी उनसे सवाल पूछे जा सकते हैं। सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि ईडी ने अपने स्तर पर कवासी लखमा की छत्तीसगढ़ व अन्य राज्यों में स्थित तमाम नामी – बेनामी संपत्ति का ब्यौरा जुटा लिया है। अब उसकी सच्चाई जानने के लिए कवासी लखमा से पूछताछ की जानी है। साथ यह भी कहा जा रहा है कि ईडी कवासी लखमा को उसी दौरान हिरासत में भी ले लेगा। लखमा दादी से पूछताछ के आधार पर ईडी के हाथ कका तक भी पहुंच सकते हैं। उल्लेखनीय है कि कवासी लखवा सुकमा जिले के कोंटा से छठवीं बार विधायक चुनकर आए हैं और बस्तर लोकसभा सीट से कांग्रेस ने उन्हें चुनावी समर में उतारा है। इस सीट पर मतदान हो चुका है और परिणाम आना बाकी है।