स्वच्छता के प्रबल पैरोकार थे गांधीजी: मनोज शंकर

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  • डीएवी पब्लिक स्कूल में मनाई गई गांधी जयंती 

जगदलपुर 2 अक्टूबर का दिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन और विरासत का सम्मान करने का दिन है। महात्मा गांधी हम सभी भारतीयों के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। गांधी जयंती उन सिद्धांतों और दर्शन की याद दिलाती है, जिनकी यह महान नेता अपने पूरे जीवन में पैरवी करते रहे। इन स्थायी आदर्शों में से एक स्वच्छ भारत की अवधारणा भी है। भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया स्वच्छ भारत अभियान एक राष्ट्रव्यापी अभियान है जिसका उद्देश्य महात्मा गांधी के स्वच्छ और स्वच्छ भारत के सपने को पूरा करना है।

उक्त बातें डीएवी मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल उलनार में गांधी जयंती पर विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में स्कूल के प्राचार्य मनोज शंकर ने कही। प्राचार्य, शिक्षकों, विद्यार्थियों एवं स्वच्छता मित्रों ने महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री जी के छायाचित्रों पर पुष्प अर्पित कर भवांजलि दी। तत्पश्चात् संगीत शिक्षक कृष्णकांत बर्मन ने गांधी जी के प्रिय भजन से विशेष प्रार्थना सभा का शुभारंभ किया। छात्रा हिमानी और विद्या ने गांधी और लाल बहादुर शास्त्री पर भाषण की प्रस्तुति दी एवं उनके द्वारा बताए गए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।प्राचार्य मनोज शंकर ने सभा को संबोधित करते हुए सभी को लाल बहादुर शास्त्री और गांधी जयंती की शुभकामनाएं दी एवं गांधी जी के जीवन के बारे में विस्तार से बताया। उन्होने कहा कि गांधीजी का दृष्टिकोण केवल राजनीतिक स्वतंत्रता तक सीमित नहीं था इसमें एक ऐसे समाज का विचार भी शामिल था जहां स्वच्छता को जीवन के तरीके के रूप में अपनाया जाता है। उनका मानना था कि स्वच्छ पर्यावरण केवल नागरिक कर्तव्य नहीं बल्कि नैतिक जिम्मेदारी भी है। इस दौरान स्वच्छता को लेकर सबको जागरुक करते हुए ‘स्वच्छता ही’ सेवा अभियान के अंतिम दिवस के अवसर पर प्राचार्य द्वारा विद्यालय के स्वच्छता मित्र पदमन नाग, हेमराज बघेल, कृष्णा भारती, मेघवती पटेल को सम्मानित करते हुए उपहार भेंट किए गए। कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय के समस्त स्टॉफ का महत्वपूर्ण योगदान रहा।