- मारे गए 31 नक्सलियों में सवा करोड़ के 16 नक्सली भी शामिल
- अत्याधुनिक हथियारों का जखीरा भी बरामद
–अर्जुन झा–
जगदलपुर पूर्वी बस्तर के दंतेवाड़ा और नारायणपुर जिलों की सीमा पर अबुझमाड़ क्षेत्र में हुई नक्सलियों और पुलिस के बीच मुठभेड़ में रिकॉर्ड 31 नक्सली ढेर कर दिए गए हैं। पुलिस और सुरक्षा बलों की अब तक की इस सबसे बड़ी कामयाबी के पीछे बिल्कुल सटीक सूचना और अचूक वार का सबसे बड़ा योगदान रहा है। 4 और 5 अक्टूबर के दिन को नक्सली शायद ही भूल पाएंगे, क्योंकि इतना बड़ा जख्म पुलिस और सुरक्षा बलों ने उन्हें जो दिया है।
पूर्वी अबूझमाड़ के नेंदूर और थुलथुली के बीच जंगलों में नक्सलियों और सुरक्षा बलों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई थी। मुठभेड में 35-36 से भी ज्यादा नक्सलियों के मारे जाने की संभावना है। हालांकि अभी तक डीके एसजेडसी, डीवीसी, पीएलजीए कंपनी नंबर 6 के कई कैडर के 18 पुरूष एवं 13 महिला नक्सलियों सहित कुल 31 सशस्त्र वर्दीधारी नक्सलियों के शव बरामद हो चुके हैं।इसके अलावा बड़ी संख्या में नक्सलियों के घायल होने तथा कुछ और नक्सलियों के मारे जाने की प्रबल संभावना है। मृत नक्सलियों में 25 लाख की इनामी डीके एसजेडसी एवं पूर्वी बस्तर इंचार्ज नीति उर्फ उर्मिला भी शामिल है। अभी तक 15 नक्सलियों के शवों की शिनाख्त हुई है।में डीके एसजेडसी के अलावा दो कैडर 8 लाख इनामी डीबीसीएम एवं 9 कैडर पीएलजीए कंपनी 6 के शामिल हैं। शेष की शिनाख्त की कोशिशें जारी हैं।
मुठभेड़ के बाद मौके से एक नग लाईट मशीन गन, 4 नग एके 47 राइफल, 6 नग एसएलआर, 3 नग इंसास , 2 नग 303 बंदूक सहित कई अन्य हथियार बरामद किए गए हैं। ज्ञात हो कि जंगल में पूर्वी बस्तर डिवीजन, पीएलजीए कंपनी 6, इंद्रावती एरिया कमेटी, प्लाटून 16 आदि के शीर्ष नक्सलियों के मौजूद होने की सटीक सूचना पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों के खुफिया तंत्र ने जुटाई थी। इस सूचना के आधार पर संयुक्त टीम ऑपरेशन पर निकली थी। टीम में दंतेवाड़ा डीआरजी, नारायणपुर डीआरजी और एसटीएफ के निशानेबाज जवान शामिल थे। बरसात में उफनते नदी नालों और माड़ की पहाड़ियों को पार कर यह टीम नक्सलियों के गढ़ में पहुंची और बड़ी सफलता हासिल की। हालांकि मुठभेड़ में एक घायल जवान घायल हुआ है और रायपुर में उसका इलाज चल रहा है। उसकी स्थिति सामान्य एवं स्थिर। अन्य सभी जवान सुरक्षित हैं। अभियान के दौरान 4 अक्टूबर को दोपहर के समय नेंदूर -थुलथुली के जंगल में पुलिस पार्टी एवं नक्सलियों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई जो देर शाम तक लगातार चली। फायरिंग बंद होने पर सभी टीमों ने अपने-अपने दिए गए टॉस्क क्षेत्र में सर्चिंग शुरू की। घटना स्थल के अलग-अलग स्थानों से 18 पुरूष एवं 13 महिला कुल 31 सशस्त्र वर्दीधारी नक्सलियों के शव बरामद हुए हैं।
मारी गई 25 लाख की नीति
मारे गए नक्सलियों में 25 लाख इनामी डीकेएसजेडसी सदस्य नीति उर्फ उर्मिला सहित 8 लाख के ईनामी कई पीएलजीए कंपनी नंबर 6 के सदस्य और डीवीसीएम रैंक के नक्सली शामिल हैं। इनमें
नीति के अलावा सुरेश सलाम,डीवीसीएम, मीना माडकम डीवीसीएम, अर्जुन पीपीसीएम पीएलजीए कंपनी 6, सुंदर पीपीसीएम पीएलजीए कंपनी 6, बुधराम पपीसीएम पीएलजीए कंपनी 6, सुक्कू, पपीसीएम पीएलजीए कंपनी 6, सोहन एसीएम बारसूर एसी, फूलो, पपीसीएम पीएलजीए कंपनी 6, बसंती पीपीसीएम पीएलजीए कंपनी 6, सोमे पपीसीएम , पीएलजीए कंपनी 6, जमीला उर्फ बुधरी, पीएम पीएलजीए कंपनी 6, रामदेर, एसीएम, सुकलू उर्फ विजय एसीएम, जमली एसीएम, सोनू कोर्राम एसीएम अमदेई शामिल हैं। इन 16 नक्सलियों पर 1 करोड़ 30 लाख से ज्यादा का ईनाम घोषित था। अन्य 15 नक्सलियों की शिनाख्त की प्रक्रिया जारी है।
एसपी राय की अपील
दंतेवाड़ा पुलिस अधीक्षक गौरव राय ने कहा है कि पूर्वी बस्तर डिवीजन क्षेत्र के दुर्गम जंगल एवं विकट भौगोलिक परिस्थितियों में रहने वाले मूल निवासियों को नक्सलवादी विचारधारा से बचाना और उन्हें माओवादी सिद्धांतों के आकर्षण से बाहर निकालना ही हमारा मुख्य उद्देश्य है, ताकि क्षेत्र में विकास एवं शांति कायम हो सके। हम उन सभी मूलवासियों जो बाहरी विचारधारा और बाहर के नक्सली नेताओं के गलत प्रभाव में फंस गए हैं, उनसे अपील करते हैं कि वे नक्सलवाद एवं नक्सली विचारधारा को त्याग कर शासन की आत्मसमर्पण पुनर्वास नीति के जरिए समाज की मुख्यधारा से जुड़ें और हथियार
मार गिराए शीर्ष नक्सली: आईजी
बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी. ने बताया कि वर्ष 2024 में माओवादियों संगठन के शीर्ष नेतृत्व को सुरक्षा बलों द्वारा भारी क्षति पहुंचाई गई है। विगत 9 महिने में डीकेएसजेडसी जोगन्ना जिला पेदापल्ली, तेलंगाना राज्य, डीकेएसजेडसी रंधेर जिला वारंगल राज्य तेलंगाना, डीकेएसजेडसी रूपेश गढ़चिरौली महाराष्ट्र, टीसीएससी मेंबर सीआरसी -2 कमांडर सागर जिला भूपलपल्ली तेलंगाना, डीवीसीएम शंकर राव जिला भूपलपल्ली तेलंगाना, डीवीसीएम विनस जिला वारंगल तेलंगाना, डीवीसीएम जगदीश बालाघाट मप्र, एसीएम संगीता उर्फ सन्नी गढ़चिरौली महाराष्ट्र, एसीएम लक्ष्मी मलकानगिरी ओड़िशा, एसीएम रजीता वारंगल तेलंगाना जैसे दूसरे राज्यों के सीनियर माओवादी कैडर को सुरक्षा बल अलग अलग मुठभेड़ों में ढेर कर चुके हैं।
अब तक ढेर किए 44
नारायणपुर के पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार ने द्वारा बताया कि वर्ष 2024 में नारायणपुर जिले में संचालित नक्सल विरोधी अभियान में अब तक कुल 44 माओवादी मारे गए हैं, 29 गिरफ्तार किए गए हैं एवं 47 माओवादियों द्वारा आत्मसमर्पण किया गया है
उप पुलिस महानिरीक्षक दंतेवाड़ा कमलोचन कश्यप ने बताया कि इस ऑपरेशन के बाद नक्सलियों के गढ़ रहे पूर्वी बस्तर डिवीजन के माओवादियों में भय का माहौल है। इस क्षेत्र को नक्सली शीर्ष नेतृत्व अपना सुरक्षित ठिकाना मानते हैं। नक्सली नेतृत्व इस ऑपरेशन उपरांत ग्रामीणों एवं अपने निचले कैडर पर दोषारोपण कर रहे हैं। सुरक्षा बलों का नक्सलियों के अटैकिंग फोर्स के स्तंभ पर यह कड़ा प्रहार है।
अब तक 188 शव बरामद
पुलिस महानिरीक्षक, बस्तर रेंज सुंदरराज पी. ने एक जानकारी में बताया कि प्रतिबंधित सीपीआई माओवादी संगठन के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करने के उद्देश्य से स्थानीय जिला पुलिस बल, डीआरजी तथा केंद्रीय अर्धसैनिक बलों द्वारा आपसी बेहतर तालमेल एवं रणनीति के साथ काम करने के परिणाम स्वरूप वर्ष 2024 में बस्तर संभाग में अब तक कुल 188 नक्सलियों के शव बरामद हुए हैं, 706 गिरफ्तार किए गए हैं और 733 नक्सलियों द्वारा आत्मसमर्पण किया जा चुका है।