- खाद्यान्न आवंटन में भी की जा रही है कटौती
अर्जुन झा
जगदलपुर इ पास मशीन, इलेक्ट्रॉनिक तराजू ढंग से काम नहीं करते, आएदिन सर्वर बैठ जाता है,, राशन का आवंटन भी कम किया जाता है। इन सब परेशानियों के चलते उपभोक्ताओं का गुस्सा राशन दुकान संचालकों और विक्रेताओं पर फूटता है। त्रस्त दुकान संचालकों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन कलेक्टर को सौंपकर इन समस्याओं से निजात दिलाने की गुहार लगाई है।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के दुकान संचालक और विक्रेता लंबे समय से तरह तरह की समस्याओं का सामना करते आ रहे हैं। जबसे ई पास सिस्टम लागू किया गया है, तबसे उनकी परेशानी और भी बढ़ गई है।पूरे छत्तीसगढ़ के राशन दुकान संचालक और विक्रेता इस समस्या का समना करते आ रहे हैं। बताया गया है कि राशन दुकानों में जो ई पास मशीन और इलेक्ट्रॉनिक वजन मशीन उपलब्ध कराई गई है, वह निहायत ही घटिया स्तर की है और अक्सर खराब हो जाती हैं। ई पास मशीन और वजन मशीन को कनेक्ट करके उपभोक्ताओं के लिए खाद्यान्न तौला जाता है। इनके खराब हो जाने पर उपभोक्ताओं को चावल, गेहूं, शक़्कर व अन्य खाद्यान्न दे पाना संभव नहीं हो पाता। इन उपकरणों की छोटी मरम्मत के लिए दुकान संचालकों को औजार भी उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। तौलाई न हो पाने के कारण राशन वितरण का काम कई दिनों तक बंद रहता है। इससे उपभोक्ता नाराज होकर राशन विक्रेता को अनाप शनाप बोलने लगते हैं। आए दिन सर्वर ठप हो जाने से भी राशन वितरण प्रभावित होता है। इसके अलावा 5-6 माह से राशन दुकानों खाद्यान्न की पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो रही है। कोरोना काल के दौरान से राशन दुकान संचालकों को बारदाना की राशि, मार्जिन राशि, ई पास मार्जिन राशि, वित्तीय पोषण राशि का नियमित भुगतान नहीं किया जा रहा है। अन्य राज्यों की अपेक्षा छत्तीसगढ़ में मार्जिन राशि भी बहुत ही कम है। मार्जिन राशि को सभी स्कंधों में 250 रुपए करने की मांग राशन दुकान संचालकों ने की है। इसके अलावा में राशन भंडारण, नाप तौल, चूहे आदि से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए 2 प्रतिशत की दर से क्षतिपूर्ति व 30 हजार रुपए का मानदेय देने की भी मांग उठाई गई है।