जिले के बैंक प्रबंधकों की बालोद पुलिस के साथ हुई समन्वय बैठक आयोजित

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  • पुलिस अधीक्षक बालोद के निर्देशानुसाजिले के बैंक प्रबंधकों की बालोद पुलिस के साथ हुई समन्वय बैठक आयोजितर जिले के बैंक प्रबंधकों की बालोद पुलिस के साथ हुई समन्वय बैठक आयोजित।
  •  बैंक व एटीम 🏧 की सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता रखने एवं बैंक ATM की सुरक्षा हेतु प्रॉपर सुरक्षा गार्ड रखने हेतु अवगत किया गया।
  •  साईबर अपराध के कारण पीड़ित खाताधारक के होल्ड हुए बैंक खाते को अनहोल्ड किए जाने के संबंध में की गयी चर्चा।
  •  1930 टोल फ्री नंबर का व्यापक प्रचार कर लोगों को फ्रॉड से बचाने साइबर अपराध से जागरूक करने निर्देशित किए।

➡️ वर्तमान में धान खरीदी/बिक्री उपरांत किसानों के बैंक खाते में आने वाली राशि को साइबर ठगी से बचाने फ्रॉड कॉल से सावधान रहने जन जागरूकत करने हेतु गाइड किए गए।

पुलिस अधीक्षक बालोद  एस.आर भगत के निर्देशानुसार दिनांक 14.12.2024 को पुलिस कार्यालय बालोद में एसडीओपी श्री देवांश सिंह राठौर एवं नगर सीएसपी राजहरा डॉ. चित्रा वर्मा की उपस्थिति में बालोद शहर एवं जिले के बैंक प्रबंधकों की बैठक आयोजित की गयी। बैठक के दौरान साईबर ठगी के तहत बढ़ते अपराध के तरीकों से अवगत कराया जाकर, इन अपराधों को रोकने, पीड़ितों को अविलम्ब सहयोग पहुंचाने, बैंकों व एटीम की सुरक्षा हेतु आवश्यक चर्चा की गयी ।

 

बैंक प्रबंधकों को निम्न निर्देश दिए गए :-

 

साईबर काईम के अपराधों में पुलिस के साईबर सेल व्दारा चाही गयी जानकारी समय रहते उपलब्ध कराने, रकम होल्ड, अनहोल्ड करने संबंधी बैंक की कार्यवाही तत्परता से करने ताकि पीड़ितों को राहत मिल सकें।

 

एटीएम के फूटेज तत्काल उपलब्ध कराया जाए। प्रत्येक एटीएम में 24 घण्टे सुरक्षा गार्ड रखा जाए एवं सुरक्षा गार्ड के माध्यम से एटीएम में मुंह में गमझा हेलमेट या नकाब पहनकर एटीएम का उपयोग न करने दिया जाए ।

 

बैंक के अंदर गमझा या नकाब पहनकर प्रवेश करने वाले ग्राहकों पर सुरक्षा गार्ड के माध्यम से रोक लगायी जाए ।,

 

पुलिस व्दारा मांगे जाने पर डेली सेंटलमेंट रिपोर्ट तथा बेनीफेसरी डिटेल तत्काल उपलब्ध कराया जाए ।

 

बैंक शाखाओं में किसी भी ग्राहक के बैंक का खाता किसी भी बैंक द्वारा होल्ड लगाने पर इसकी जानकारी तत्काल पुलिस को दी जाए। साईबर ठगी के अपराधों (सेक्सटार्सन, डिजीटल अरेस्ट, शेयर ट्रेडिंग आदि) से पीड़ित व्यक्ति के बैंक आने पर उसकी हरसंभव सहयोग किया जाए ।

 

पुलिस व्दारा फाईनेंसियल व एटीएम ठगी के प्रकरणों में ठगों के खातों में ट्रांसफर रकम को तत्काल होल्ड करने सहित बैंकों में ठगों के खातों की राशि, होल्ड राशि को पीड़ितों के खाते में बिना किसी जटिल प्रक्रिया के आसानी से वापस किया जाए ।

 

संदिग्ध खातों की जानकारी पुलिस को दी जाए । बैंक की सुरक्षा हेतु सीसीटीवी कैमरा बैंक के अंदर, बाहर के साथ ही बैंक के चारों दिशाओं में एवं मार्ग को कव्हर करते हुये लगाया जाए। कैमरा लगातार चालू रखा जाए । बैकअप डाटा रखा जाए ।

बैंक का आलर्म सुचारू रूप से कार्य करें, इस हेतु समय-समय पर इसे चेक किया जाए।

सभी बैंकों में गार्ड रखा जाए एवं गार्ड के आर्म्स का वेरिफिकेशन कराया जाए।

बैंक में फायर सिस्टम लगाया जाए। संदिग्धों की सूचना तत्काल पुलिस को दिया जाए।

वर्तमान में धान किसानों द्वारा धान खरीदी केंद्रों में धान बिक्री की जा रही है बिक्री उपरांत किसानों के बैंक खाते में आने वाली राशि को साइबर ठगियों के द्वारा कॉल कर ठगी के घटना को अंजाम दिया जा सकता है, उक्त ठगी से बचने किसानों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक करने निर्देशित किए गए।

बैंक प्रबंधकों को अपने बैंक के व्हाट्स अप ग्रुप के साथ संबंधित थाना/चौकी के अधि. / कर्म. को जोड़ने या थाना/चौकी के अधि./ कर्म. के व्हाट्स अप ग्रुप में बैंक के अधि. / कर्म. को जोड़ने, संदिग्ध अकाउण्ट की जानकारी पुलिस को देने हेतु आवश्यक सहमति बनी।

साथ ही बैंकों के टेक्नीकल स्टाफ एवं पुलिस के साईबर सेल के मध्य समन्वय स्थापित कर कार्य किए जाने हेतु आने वाले समय में एक सेमीनार का आयोजन किये जाने के संबंध में विचार किया गया ।

बैठक में नगर पुलिस अधीक्षक राजहरा डॉ. चित्रा वर्मा, साइबर सेल प्रभारी  जोगेंद्र सिंह साहू, रक्षित निरीक्षक श्रीमती रेवती वर्मा, कोतवाली प्रभारी श्री रविशंकर पांडे, ट्रैफिक प्रभारी राकेश ठाकुर एवं जिले के विभिन्न बैंक के प्रबंधक एवं बैंक स्टाफ उपस्थित थे।